हेटेरो ने DCGI से मांगी कोरोना की दवा 'मोल्नुपिराविर' के आपात इस्तेमाल की अनुमति
क्या है खबर?
भारत की प्रमुख जेनरिक दवा कंपनी हेटेरो (Hetero) ने शुक्रवार को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से कोरोना महामारी के उपचार के लिए तैयार की गई ओरल एंटीवायरल दवा 'मोल्नुपिराविर' (Molnupiravir) के आपात इस्तेमाल की अनुमति मांगी है।
मोल्नुपिराविर एक टैबलेट है और इसका इस्तेमाल महामारी के हल्के लक्षणों वाले मरीजों पर किया जाता है।
यदि इसे अनुमति मिलती है तो भारत को कोरोना के उपचार के लिए एक और दवा मिल जाएगी।
पृष्ठभूमि
मर्क एंड कंपनी और रिजबैक बायोथेरेप्यूटिक्स ने तैयार की है 'मोल्नुपिराविर'
बता दें कि 'मोल्नुपिराविर' एक एंटीवायरल दवा है। इसे मर्क एंड कंपनी और रिजबैक बायोथेरेप्यूटिक्स कंपनी में अस्पताल में भर्ती नहीं होने वाले कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए तैयार किया है।
इसे एक टैबलेट के रूप में तैयार किया है और इसका उपयोग भी बहुत आसान है।
इस वर्ष अप्रैल में हेटेरो ने भारत में मोल्नुपिराविर दवा का उत्पादन एवं आपूर्ति करने वाली कंपनी मर्क एंड कंपनी के साथ लाइसेंसी समझौता किया था।
ट्रायल
पांच दिन में वायरस का खात्मा कर देती है 'मोल्नुपिराविर'
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, हेटेरो ने दवा के तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल के डाटा के आधार पर दावा किया कि यह दवा कोरोना के हल्के लक्षण वाले मरीजों में महज पांच दिन में ही वायरस का खात्मा कर देती है।
इस दवा के तीसरे चरण के ट्रायल में देशभर में हल्के लक्षण वाले 1,218 मरीजों को शामिल किया गया था।
तीसरे चरण के ट्रायल के डाटा को आधार बनाते हुए कंपनी से इसके आपात इस्तेमाल की मंजूरी मांगी है।
दुष्परिणाम
किसी भी मरीज में सामने नहीं आए गंभीर दुष्परिणाम
कंपनी ने बताया कि ट्रायल के डाटा के अनुसार 14 दिन की निगरानी के दौरान जिन लोगों की मानक देखभाल की गई थी, उनकी तुलना में 'मोल्नुपिराविर' लेने वाले मरीजों में से बहुत कम को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ी।
कंपनी ने कहा कि ट्रायल के दौरान किसी भी वॉलेंटियर की मौत नहीं हुई और ना ही कोई गंभीर दुष्परिणाम सामने आए हैं। कुछ लोगों में हल्के लक्षण देखने को मिले थे, लेकिन वह ठीक हो गए।
करार
मर्क एंड कंपनी ने पांच जेनेरिक फर्मों से किया था करार
बता दें कि मर्क एंड कंपनी ने मार्च और अप्रैल के बीच भारत में 'मोल्नुपिराविर' के उत्पादन, वितरण और परीक्षण के लिए पांच जेनरिक फर्मों से करार किया था।
इनमें सिप्ला, डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज, सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज, टोरेंट फार्मास्युटिकल्स और एमक्योर फार्मास्युटिकल्स शामिल हैं।
इसी तरह हेटेरो ने वितरण के लिए लाइसेंसी अधिकारी हासिल किए थे। कंपनी भारत के अलावा निम्न एवं मध्यम आय वर्ग के 100 से अधिक देशों में दवा की आपूर्ति करेगी।
संक्रमण
भारत में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति
भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस से संक्रमण के 43,393 नए मामले सामने आए और 911 मरीजों की मौत हुई।
इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 3,07,52,950 हो गई है। इनमें से 4,05,939 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है।
सक्रिय मामलों की संख्या कम होकर 4,58,727 रह गई है। देश में बीते कई हफ्तों से कोरोना मामलों में गिरावट आ रही है और हालात बेहतर हो रहे हैं।