आंध्र प्रदेश: तिरुपति के सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से 11 कोरोना संक्रमितों की मौत
देश के अस्पतालों में मेडिकल ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की मौत होने की घटनाएं लगातार जारी हैं। ताजा मामला आंध्र प्रदेश के तिरुपति के सरकारी अस्पताल का है, जहां ऑक्सीजन की कमी के कारण 11 मरीजों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि ऑक्सीजन टैंकर पहुंचने में देरी होने से श्री वेंकटेश्वर रामनारायण रूइया अस्पताल के ICU में भर्ती 11 कोरोना संक्रमितों ने दम तोड़ दिया। इसके बाद मृतकों के परिजनों ने अस्पताल में जमकर तोड़फोड़ की।
ऑक्सीजन आपूर्ति का प्रेशर हो गया था कम
BBC के अनुसार, अस्पताल के सुपरिंटेंडेंट डॉ भारती के मुताबिक ऑक्सीजन आपूर्ति का प्रेशर कम होने के कारण वेंटिलेटर पर रखे गए 11 मरीजों की मौत हो गई। इस अस्पताल में तिरुपति, चित्तूर, नेल्लोर और कडप्पा आदि जिलों के 1,000 से ज्यादा कोरोना संक्रमित भर्ती हैं। सूचना मिलने पर अस्पताल पहुंचे चित्तूर के जिलाधिकारी एम हरि नारायण ने कहा कि ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखे गए 11 मरीजों की मौत हुई है, जबकि कई अन्य को बचा लिया गया है।
कुछ ही मिनटों में हुईं 11 मौतें
इंडियन एक्सप्रेस ने अधिकारियों के हवाले से लिखा है कि सोमवार रात 08:30 बजे के बाद ऑक्सीजन सप्लाई का प्रेशर कम होने लगा और कुछ ही मिनटों में 11 मरीजों की मौत हो गई। इसके बाद सिलेंडर लोड कर दोबारा से पर्याप्त प्रेशर के साथ ऑक्सीजन आपूर्ति बहाल की गई। इस घटना के बाद मृतकों के परिजनों ने तोड़फोड़ शुरू कर दी और कोविड ICU, वहां रखे उपकरणों, दूसरे सामान और दवाओं आदि को नुकसान पहुंचाया।
मुख्यमंत्री ने दिए जांच के आदेश
अधिकारियों ने बताया कि हादसे के बाद ICU में तैनात डॉक्टर और नर्सें डर के मारे भागकर छिप गए। बाद में जब पुलिस ने आकर स्थिति संभाली तभी डॉक्टर और नर्सें वापस अपनी ड्यूटी पर लौटे। जानकारी के मुताबिक, इस घटना के समय ICU वार्ड और ऑक्सीजन बिस्तरों पर लगभग 700 मरीजों का इलाज चल रहा था, जबकि जनरल वार्ड में करीब 300 मरीज भर्ती थे। मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं।
कई अस्पतालों में हो चुके हैं ऐसे हादसे
देश के कई अन्य अस्पतालों में भी ऑक्सीजन की कमी के चलते ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। दिल्ली, कर्नाटक, लखनऊ, मेरठ आदि जगहों पर अस्पतालों में हालिया दिनों में ऑक्सीजन की कमी के कारण सैकड़ों मौतें हो चुकी हैं। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर आने के साथ ही देश में मेडिकल ऑक्सीजन की भारी कमी महसूस की जा रही है। कई अस्पतालों को आपातकालीन संदेश भेजने के बाद भी पर्याप्त ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हुई है।
सुप्रीम कोर्ट ने बनाई टास्क फोर्स
मेडिकल ऑक्सीजन की कमी के चलते देश का सुप्रीम कोर्ट और कई हाई कोर्ट्स भी सरकार को फटकार लगा चुके हैं। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा था कि ऑक्सीजन की कमी के चलते होने वाली मौतें नरसंहार से कम नहीं है। बीते शनिवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने देश में दवाओं और मेडिकल ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए 12-सदस्यीय राष्ट्रीय टास्क फोर्स का गठन किया था। इसमें 10 जाने-माने डॉक्टर और दो सदस्य सरकार के प्रतिनिधि होंगे।