'जय श्री राम' के बाद अब ममता बनर्जी को 'गेट वेल सून' के कार्ड भेजेगी भाजपा
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और भारतीय जनता पार्टी के बीच तनाव जारी है। हाल ही में भाजपा ने ममता को 10 लाख 'जय श्री राम' लिखे पोस्टकार्ड भेजने का फैसला किया था। अब केंद्रीय मंत्री और आसनसोल से भाजपा सांसद बाबुल सुप्रियो ममता को 'गेट वेल सून' लिखे कार्ड भेजेंगे। सुप्रियो ने कहा कि ममता बनर्जी एक अनुभवी नेता हैं, लेकिन राज्य में 'जय श्री राम' के नारे पर उनका व्यवहार असामान्य और अजीब है।
ममता को ब्रेक लेना चाहिए- सुप्रियो
सुप्रियो ने कहा कि ममता जिस पद पर हैं उन्हें उसके सम्मान की फिक्र होनी चाहिए। उन्हें कुछ दिनों के लिए आराम करना चाहिए। बंगाल में भारतीय जनता पार्टी की मौजूदगी से वह परेशान हो गईं हैं।
ममता बनर्जी पर बन रहे मीम्स- सुप्रियो
ममता को भेजे जाएंगे 10 लाख पोस्टकार्ड
इससे पहले भाजपा सांसद अर्जुन सिंह ने कहा था कि वह ममता को 'जय श्री राम' लिखे 10 लाख पोस्टकार्ड भेजेंगे। दिल्ली भाजपा नेता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा ममता को भगवान राम का नाम जपना चाहिए, जिससे उन पर बुरी शक्तियों का साया दूर करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री को 'भगवान श्री राम नाम मंत्र' भी भेजा है और उसे उनकी मेज पर रखने को कहा है।
ममता के सामने भाजपा कार्यकर्ताओं ने लगाया था 'जय श्री राम' का नारा
बीते गुरुवार को जब प्रधानमंत्री मोदी शपथ ले रहे थे, तभी ममता बनर्जी धरना देने जा रही थी। इसी दौरान कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनके सामने 'जय श्री राम' के नारे लगाए। इससे ममता भड़क गईं। नारे लगाने पर गुस्साईं ममता अपनी गाड़ी से बाहर निकल आईं और कहा कि नारे लगाने वाले लोग भाजपा के कार्यकर्ता हैं। ये लोग बाहर से आए हुए अपराधी हैं और उन्हें गाली दे रहे हैं। ये लोग बंगाल के नहीं हैं।
ममता ने कहा- नारे का राजनीतिक इस्तेमाल कर रही भाजपा
ममता ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी 'जय श्री राम' नारे का इस्तेमाल पार्टी के नारे के तौर पर कर रही है। बता दें, चुनाव प्रचार के दौरान शाह और मोदी अपनी रैलियों में यह नारा लगवाते थे।
लोकसभा चुनाव में भाजपा का शानदार प्रदर्शन
लोकसभा चुनाव में भाजपा ने बंगाल में जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए राज्य की 42 में से 18 सीटों पर कब्जा जमाया था। TMC को 22 सीटों से संतोष करना पड़ा। 2014 चुनाव में उसे मात्र 2 सीटें मिलीं थीं। इस बीच उसका वोट प्रतिशत 18 से बढ़कर 40 प्रतिशत हो गया। भाजपा के इस उभार के बाद TMC में खलबली मच गई थी और उसके कई विधायक और नेता भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम चुके हैं।
2021 विधानसभा चुनाव पर है दोनों पार्टियों की नजर
भाजपा और TMC के बीच इस टकराव का मुख्य केंद्र 2021 में होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव हैं। लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन से उत्साहित भाजपा को पहली बार राज्य में सरकार बना सकने की संभावना नजर आ रही है और वह इसमें कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। वहीं, ममता अपने किले को बचाकर खुद को फिर से मजबूत करना चाहेंगी। ऐसे परिदृश्य में अगले 2 साल बंगाल की राजनीति के लिए बेहद अहम होने वाले हैं।