
चिन्मयानंद पर रेप का आरोप लगाने वाली छात्रा गिरफ्तार, 14 दिन के लिए भेजा गया जेल
क्या है खबर?
भारतीय जनता पार्टी के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर रेप का आरोप लगाने वाली छात्रा को गिरफ्तार कर लिया गया है।
विशेष जांच दल (SIT) ने जबरन वसूली के मामले में उसे गिरफ्तार किया है। चिन्मयानंद ने छात्रा पर उन्हें ब्लैकमेल करके पैसे मांगने का आरोप लगाया था।
गिरफ्तार करने के बाद छात्रा को स्थानीय कोर्ट में पेश किया गया जिसने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश सुनाया।
जानकारी
उत्तर प्रदेश DGP ने दी गिरफ्तारी की जानकारी
उत्तर प्रदेश पुलिस प्रमुख ओपी सिंह ने बुधवार को ये जानकारी दी। उन्होंने कहा, "स्वामी चिन्मयानंद पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली छात्रा को चिन्मयानंद से जबरन वसूली की कोशिश करने के मामले में SIT ने गिरफ्तार कर लिया है। "
मामला
क्या है जबरन वसूली का केस?
दरअसल, चिन्मयानंद के पक्ष ने छात्रा पर ब्लैकमेल करके पैसे मांगने का आरोप लगाया है।
उनके वकील ने आरोप लगाया था कि 22 अगस्त को चिन्मयानंद के पास एक मैसेज आया था जिसमें उनसे पांच करोड़ रुपये मांगे गए थे।
इन आरोपों में छात्रा के जानकार तीन व्यक्तियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका था।
पुलिस का मानना है कि इसमें छात्रा भी शामिल थी और अब उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
असर
छात्रा की गिरफ्तारी का केस पर क्या असर पड़ेगा?
छात्रा पर जबरन वसूली के आरोप सिद्ध होने पर चिन्मयानंद पर लगाए गए रेप के आरोप कमजोर होंगे।
इस स्थिति में SIT द्वारा चिन्मयानंद पर सीधे-सीधे रेप की धारा 376 की बजाय धारा 376C लगाने का फैसला निर्णायक सिद्ध हो सकता है।
अगर SIT चिन्मयानंद पर रेप की धारा लगाती तो जबरन वसूली की इस कोशिश और मामले की जटिलता को देखते हुए इसे कोर्ट में साबित कर पाना मुश्किल हो जाता है और पीड़ित पक्ष हार भी सकता था।
धारा 376C
कानून विशेषज्ञ थे धारा 376C लगाने के पक्ष में
अब क्योंकि चिन्मयानंद पर धारा 376C लगाई गई है तो छात्रा की गिरफ्तारी का चिन्मयानंद के केस पर बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।
संभावना है कि इसी जटिलता को ध्यान में रखते हुए SIT ने चिन्मयानंद पर धारा 376C लगाई हो और इसलिए कानून विशेषज्ञ भी मामले में उसका समर्थन कर रहे थे।
किसी संस्थान के संचालक के उसके अधीन महिला पर दवाब बनाकर सेक्स के लिए राजी करने के आरोप में धारा 376C लगाई जाती है।
जानकारी
दोनों धाराओं की सजाओं में अंतर
बता दें कि धारा 376 और धारा 376 C के अंतर्गत होने वाली सजाओं में अंतर है। जहां धारा 376 में न्यूनतम 10 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है, वहीं धारा 376 C के तहत 5-10 साल कैद का प्रावधान है।
पृष्ठभूमि
क्या है पूरा मामला?
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर के एसएस लॉ कॉलेज में पढ़ने वाली छात्रा ने कॉलेज के चेयरमैन चिन्मयानंद पर रेप का आरोप लगाया है।
छात्रा का आरोप है कि चिन्मयानंद ने उसका नहाते समय का वीडियो बना लिया और इसके जरिए ब्लैकमेल करते हुए एक साल तक उसका रेप किया।
छात्रा ने अपने आरोपों को साबित करने के लिए वीडियो सबूत भी पेश किए हैं, जिन्हें उसने अपने चश्मे में लगे कैमरे से बनाया था।
पूछताछ
अपने गुनाह कबूल चुके हैं चिन्मयानंद
छात्रा की शिकायत और कोर्ट में गवाही देने के बाद मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित विशेष जांच दल (SIT) ने शुक्रवार को चिन्मयानंद को शाहजहांपुर स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया।
SIT की पूछताछ में चिन्मयानंद ने अपने ऊपर लगे अधिकतर आरोप स्वीकार कर लिए और कहा कि वह अपने कृत्य पर शर्मिंदा हैं।
मामले में कोर्ट ने सुनवाई करते हुए चिन्मयानंद को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा है।