यूक्रेन में फंसे भारतीयों के निकासी अभियान में शामिल होगी वायुसेना, प्रधानमंत्री मोदी ने दिए आदेश
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध मंगलवार को छठे दिन भी जारी रहा। रूसी सेना तेजी से राजधानी कीव की ओर बढ़ रही है और लगातार हमले कर रही है। इसी बीच यूक्रेन में स्थित भारतीय दूतावास ने ताजा एडवाइजरी जारी करते हुए अपने नागरिकों को आज ही हल हाल में राजधानी कीव छोड़ने को कहा है। इसी तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीयों के निकासी अभियान में वायुसेना को भी शामिल करने के आदेश दिए हैं।
भारतीय दूतावास ने यह जारी की है ताजा एडवाइजरी
भारतीय दूतावास की ओर से जारी ताजा एडवाइजरी में कहा गया है, "छात्रों सहित सभी भारतीय नागरिकों को आज ही तत्काल राजधानी कीव छोड़ने की सलाह दी जाती है। भारतीय नागरिक और छात्र उपलब्ध ट्रेनों द्वारा या उपलब्ध अन्य किसी साधान से कीव को तत्काल छोड़ दें।" दूतावास की इस एडवाइजरी के कई मायने निकाले जा रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि रूस के कीव की ओर बढ़ते रुख को देखते हुए यह कदम उठाया गया है।
भारतीयों के निकासी अभियान में तेजी के लिए वायुसेना को बुलाया
इधर, यूक्रेन में फंसे भारतीयों की निकासी के लिए चलाए जा रहे 'ऑपरेशन गंगा' में तेजी लाने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। प्रधानमंत्री मोदी ने सुबह निकासी अभियान में तेजी के लिए निजी एयरलाइंसों के साथ अब अब भारतीय वायुसेना को भी इसमें शामिल होने के आदेश दिए हैं। इससे जहां यूक्रेन में राहत सामग्री तेजी से पहुंचेगी, वहीं भारतीयों को भी जल्द निकाला जा सकेगा। वायुसेना के कई C-17 विमान जल्द ही उड़ान भर सकते हैं।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
बता दें कि भारतीय वायुसेना में शामिल C-17 ग्लोबमास्टर विमान काफी दमदार है। सेना के पास कुल 11 C-17 ग्लोबमास्टर विमान उपलब्ध हैंं। इस विमान का बाहरी ढांचा इतना मजबूत है कि इस पर राइफल और छोटे हथियारों की फायरिंग का कोई असर नहीं होता है। ऐसे में युद्धग्रस्त यूक्रेन में इनके इस्तेमाल से नागरिकों की सुरक्षा की संभावना अधिक बढ़ जाएगी। बता दें कि अफगानिस्तान में अशांति के दौरान भी इस विमान से 640 लोगों को निकाला गया था।
अब तक 1,922 भारतीयों की हो चुकी है वापसी
बता दें कि भारत की ओर से चलाए जा रहे निकासी अभियान के तहत अब तक सांचालित की गई कुल नौ उड़ानों से कुल 1,922 भारतीयों को वापस लाया जा चुका हैं। इस अभियान में अब तक एयर इंडिया, एयर इंडिया एक्सप्रेस और इंडिगो एयरलाइंस के विमानों का उपयोग हो रहा था और मंगलवार से स्पाइस जेट और वायुसेना के विमान भी इसमें शामिल हो जाएंगे। ऐसे में अब यूक्रेन में फंसे भारतीयों को तेजी से निकाला जा सकेगा।
यूक्रेन में फंसे हैं हजारों भारतीय छात्र
अनुमान है कि करीब 16,000 भारतीय यूक्रेन में फंसे हैं। कुछ छात्र युद्ध शुरू होने से पहले देश लौट आए थे और कुछ को 'ऑपरेशन गंगा' के तहत यूक्रेन से निकाला जा चुका है, लेकिन अभी भी हजारों की संख्या में लोग वहां फंसे हैं।
किस उड़ान से कितने भारतीय लौटे?
बता दें कि 22 फरवरी को एयर इंडिया की पहली उड़ान से कुल 128 नागरिकों को भारत लाया गया था। उसके बाद यूक्रेन ने एयरस्पेस बंद कर दिया। ऐसे में सरकार ने नागरिकों को हंगरी, रोमानिया, स्लोवाकिया और पोलैंड के रास्ते निकालने की योजना बनाई थी। उसके बाद दूसरी उड़ान से 216, तीसरी से 182, चौथी से 240, पांचवीं से 249, छठी से 198, सातवीं से 240, आठवीं से 250, नवी उड़ान से 219 भारतीयों को लाया जा चुका है।
विदेश मंत्रालय ने सोमवार को यह की थी अपील
भारतीय विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा था, "हम यूक्रेन में फंसे सभी भारतीयों से गुजारिश करते हैं कि आप पश्चिमी यूक्रेन की तरफ जाएं। सीमा पर बहुत भीड़ है इसलिए आप सीधे सीमा की तरफ ना जाएं। आप अपने नजदीकी शहर में रुके हमारी टीमें वहां आपकी मदद करेंगी।" मंत्रालय ने कहा था, "सभी नागरिकों को अधिकारियों के साथ समन्व्य करने के बाद ही पोलैंड, हंगरी, स्लोवाकिया, रोमानिया और मोल्दोवा की तरफ जाना चाहिए।"
वर्तमान में क्या है यूक्रेन में हालात?
दोनों देशों के बीच जारी युद्ध के बीच यूक्रेन ने रूस पर नागरिक इलाकों पर बम गिराने का आरोप लगाया है। यूक्रेन के अनुसार, खारकीव समेत कई शहरों में रूसी तोपों ने आवासीय क्षेत्रों को निशाना बनाया। यूक्रेन ने रूस के हमलों में अब तक 352 आम नागरिकों की मौत की बात कही है जिनमें 16 बच्चे भी शामिल हैं। सोमवार को खारकीव में रॉकेट से किए गए हमलों में कम से कम 11 आम नागरिकों की मौत हुई थी।