भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ सरकार की बड़ी कार्रवाई, 12 आयकर अधिकारियों को किया जबरन रिटायर
केंद्र सरकार ने आयकर विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। सरकार ने आय से अधिक संपत्ति, जबरन वसूली, यौन उत्पीड़न और भ्रष्टाचार के आरोपी विभाग के 12 वरिष्ठ अधिकारियों को जबरन रिटायर किया है। ये सभी 12 भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के अधिकारी थे। इनमें से सात कमिश्नर, एक ज्वाइंट कमिश्नर, तीन एडिशनल कमिश्नर और एक असिस्टेंट कमिश्नर है। सेंट्रल सिविल सर्विसेज (पेंशन) रूल्स, 1972 के फंडामेंटल रूल 56 के तहत यह कार्रवाई की गई है।
कई विभागों में होगी ऐसी कार्रवाई
मीडिया में आ रही रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन भ्रष्ट कर्मचारियों पर वित्त मंत्रालय ने अपनी तरफ से जांच की थी। जांच के बाद यह कठोर कदम उठाया गया है। कहा जा रहा है कि यह शुरुआत है। कई विभागों में ऐसी कार्रवाई की जाएगी।
इन अधिकारियों पर हुई कार्रवाई
सरकार ने जिन अधिकारियों को जबरन रिटायर किया है, उनके नाम हैं- ज्वाइंट कमिश्नर अशोक कुमार अग्रवाल, कमिश्नर संजय कुमार श्रीवास्तव, कमिश्नर अलोक कुमार मित्रा, कमिश्नर अरुलप्पा बी, कमिश्नर अजोय कुमार सिंह, कमिश्नर बीबी राजेंद्र प्रसाद, कमिश्नर होमी राजवंश, कमिश्नर स्वेताभ सुमन, एडिशनल कमिश्नर अंदासु रविंद्र, एडिशनल कमिश्नर विवेक बत्रा, एडिश्नल कमिश्नर चंद्रसेन भारती और असिस्टेंट कमिश्नर राम कुमार भार्गव हैं। इन अधिकारियों को तीन महीने की तनख्वाह और भत्ते दिए जाएंगे। रिटारमेंट के आदेश 11 जून से लागू होंगे।
अधिकारियों पर लगे हैं ये आरोप
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इनमें से कुछ अधिकारियों को अलग-अलग समय पर सस्पेंड या गिरफ्तार भी किया गया था। इनमें से एक अधिकारी जबरन वसूली और भ्रष्टाचार की शिकायत 1999 से लेकर 2104 तक सस्पेंड रहा था। वहीं दूसरे अधिकारी पर कमिश्नर रैंक की दो महिला अधिकारियों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। एक अधिकारी पर 12 करोड़ रुपये की संपत्ति बनाने का आरोप था। एक और अधिकारी पर रिश्वत के जरिए तीन करोड़ रुपये इकट्ठे करने का आरोप था।
इस नियम के तहत हुई कार्रवाई
नियम 56 का प्रयोग ऐसे अधिकारियों पर किया जाता है जो 50-55 साल की उम्र के हों और 30 साल कार्यकाल पूरा कर चुके हों। अच्छा काम न करने वाले ऐसे अधिकारियों को सरकार जबरन रिटायर कर सकती है।
123 अधिकारियों पर कार्रवाई करेगा विजिलेंस कमीशन
एक दूसरे मामले में केंद्रीय विजिलेंस कमीशन भ्रष्टाचार के मामलों में लिप्त 123 सरकारी कर्मचारी और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अलग-अलग विभागों की मंजूरी का इंतजार कर रहा है। इन अधिकारियों में IAS अधिकारी, CBI और ED जैसी जांच एजेंसियों में काम करने वाले अधिकारी भी शामिल है। इन आरोपियों में सबसे ज्यादा 45 अधिकारी सरकारी बैंकों के हैं। नियमों के मुताबिक, चार महीने के भीतर यह मंजूरी मिल जाती है।