भ्रष्टाचार के मामले में जेल जाएंगे नवाज शरीफ, मिली सात साल की सजा
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अल-अजीजिया भ्रष्टाचार मामले में सात साल की सजा सुनाई गई है। इसके अलावा उन पर $2.5 करोड़ का जुर्माना भी लगाया गया है। वहीं फ्लैगशिप इन्वेस्टमेंट मामले में सबूतों की कमी के चलते कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया है। जवाबदेही अदालत के जज ने कहा कि नवाज अल-अजीजिया मामले में पैसों का स्त्रोत नहीं बता पाए। इससे पहले 19 दिसंबर को कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
जेल जाएंगे नवाज शरीफ
भ्रष्टाचार के कारण चुनाव लड़ने पर लगा था प्रतिबंध
नवाज शरीफ के पास इस फैसले के खिलाफ अपील करने का विकल्प है। सजा सुनाए जाने से पहले कोर्ट परिसर के बाहर नवाज समर्थकों और पुलिस के बीच टकराव भी हुआ। फैसला सुनाए जाने के वक्त खुद नवाज शरीफ कोर्ट में मौजूद थे। यह पहला मामला नहीं है जब नवाज शरीफ पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते उन्हें 10 साल के लिए चुनाव लड़ने के अयोग्य भी घोषित किया जा चुका है।
पनामा पेपर्स में आया था नाम
साल 2016 में पनामा पेपर्स में नवाज का नाम आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने संयुक्त जांच दल (JIT) का गठन किया। JIT की रिपोर्ट के आधार पर नवाज को 2017 में हुए चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (NAB) को शरीफ परिवार के खिलाफ छह महीने में मामले का निपटारा करने का आदेश दिया था। इनमें से एवनफील्ड प्रोपर्टीज केस में इसी जुलाई में नवाज शरीफ को 11 साल की सजा हुई।
कोट लखपत जेल में बंद रहेंगे नवाज
तीन बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रह चुके नवाज शरीफ सितंबर से जमानत पर बाहर थे। यह फैसला सुनने के लिए वे कोर्ट पहुंचे थे। फैसला आते ही नवाज को कोर्ट से गिरफ्तार कर लिया गया। नवाज शरीफ को लाहौर के कोट लखपत जेल में रखा जाएगा। पहले उन्हें रावलपिंडी की अडियाल जेल में रखने की बात कही जा रही थी, लेकिन परिवार के अनुरोध पर कोर्ट ने उन्हें कोट लखपत जेल में रखने की अनुमति दे दी है।