इन राज्यों में सरकार की सहमति के बिना जांच नहीं कर सकेगी CBI; जानिए इसके मायने
क्या है खबर?
झारखंड देश का सातवां ऐसा गैर-भाजपा शासित राज्य बन गया है, जिसने केंद्रीय जांच एजेंसी CBI को दी सामान्य सहमति वापस ले ली है।
इसका मतलब कि अब CBI को झारखंड में किसी नए मामले की जांच शुरू करने के लिए राज्य सरकार की मंजूरी लेनी पड़ेगी।
झारखंड से पहले महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और केरल ऐसे राज्य हैं, जो ये कदम पहले ही उठा चुके हैं।
आइये, जानते हैं कि यह पूरा मामला क्या है।
वजह
राज्यों ने सहमति वापस क्यों ली है?
CBI को दी सामान्य सहमति वापस लेने वाले राज्यों का आरोप है कि केंद्र सरकार राजनीतिक बदला लेने के लिए इस एजेंसी का दुरुपयोग कर रही है।
यह पहली बार नहीं है जब केंद्रीय जांच एजेंसी से किसी राज्य ने सामान्य सहमति वापस ली है, लेकिन यह पहली बार जरूर है जब इतनी बड़ी संख्या में राज्यों ने ऐसा कदम उठाया है।
अब CBI को इन राज्यों में कोई नया मामला दर्ज करने से पहले सरकारों से मंजूरी लेनी होगी।
जानकारी
सामान्य सहमति का मतलब क्या होता है?
बता दें कि CBI दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम द्वारा शासित है। ऐसे में इसे किसी भी राज्य में जांच के लिए संबंधित राज्य सरकार की सहमति लेनी होती है।
इसका कारण यह है कि CBI के पास केवल केंद्र सरकार के विभागों और कर्मचारियों पर ही अधिकार क्षेत्र है।
ऐसे में यह राज्य सरकार के कर्मचारियों और किसी राज्य में हिंसक अपराध से संबंधित मामले की जांच संबंधित सरकार की सहमति के बाद ही कर सकती है।
CBI जांच
कितने प्रकार की होती है सहमति?
नियमों के तहत राज्य की पुलिस राज्य सरकार के तहत आती है। इसलिए राज्य में हुई किसी भी घटना की जांच का पहला अधिकार वहां की पुलिस का होता है।
अगर CBI को इसकी जांच करनी हो तो उसे राज्य सरकार से मंजूरी लेनी पड़ती है। यह मंजूरी मामला विशेष और सामान्य सहमति, दो प्रकार की होती है।
राज्यों ने अब CBI से सामान्य सहमति वापस ली है। मतलब विशेष सहमति पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।
जानकारी
CBI कब जांच कर सकती है?
अगर कोई राज्य सरकार खुद CBI जांच के लिए केंद्र से सिफारिश करें, राज्य सरकार मंजूरी दे या फिर सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट किसी मामले की CBI जांच के आदेश दें, तभी केंद्रीय एजेंसी किसी मामले की जांच कर सकती हैं।
जांच का सवाल
क्या CBI इन सात राज्यों में अब जांच नहीं कर पाएगी?
जिन मामलों की जांच CBI पहले से कर रही है, उन पर सामान्य सहमति वापस लिए जाने का कोई असर नहीं पड़ेगा।
अदालत से वारंट लेकर पुराने मामलों से संबंधित छापेमारी की जा सकती है। वहीं अगर किसी दूसरे राज्य में दर्ज मामले के तार इन राज्यों से जुड़े हैं, तब भी CBI जाकर जांच कर सकती है।
हालांकि, इन सात राज्यों में किसी व्यक्ति के खिलाफ नया मामला दर्ज करने के लिए उसे राज्य सरकारों की मंजूरी लेनी होगी।