भारत को इस्लामिक देश बनाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए: मेघालय हाई कोर्ट
मेघालय हाई कोर्ट ने एक फैसले में कहा कि भारत का विभाजन धर्म के आधार पर हुआ था इसलिए भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाना चाहिए था। जस्टिस एस आर सेन ने कहा कि मैं साफ कर देना चाहता हूं कि किसी को भी भारत को दूसरा इस्लामिक देश बनाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। जस्टिस सेन ने प्रधानमंत्री मोदी और ममता बनर्जी से यह सुनिश्चित करने की अपील की कि देश कहीं इस्लामिक न हो जाए।
PRC के मामले पर सुनवाई के दौरान कही ये बातें
जस्टिस सेन ने स्थायी निवासी प्रमाणपत्र (PRC) के मामले की सुनवाई के दौरान ये टिप्पणी की। जस्टिस सेन ने डोमिसाइल सर्टिफिकेट से मना किये जाने पर अमोन राणा नाम के याचिककर्ता की याचिका का निपटारा करते हुए 37 पेज के फैसले में ये बातें कही। फैसले की कॉपी मंगलवार को सामने आई। उन्होंने अपने फैसले में कहा कि जब तक किसी को राज्य में रहने का मन है तब तक उसे PRC के लिए आवेदन करने का हक है।
फैसले में कही ये बातें
कोर्ट ने अपने फैसले में सरकार से ऐसे दिशा-निर्देश बनाने की अपील की जिसमें पाकिस्तान, बांग्लादेश, म्यांमार जैसे पड़ोसी देशों में रहने वाले गैर-मुस्लिम समुदाय और समूह को भारत में आकर बसने की इजाजत हो। उन्होंने कहा कि हिंदू, सिख, जैन, बुद्ध, ईसाई, पारसी, खासी, गारो एवं जैन्तिया जो भारत आ चुके हैं और जिन्हें पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से भारत में आना है, केंद्र सरकार उनके लिए कदम उठाएं।
नागरिकता के लिए पहले से मौजूद है कानून
केंद्र सरकार के नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2016 में अफगानिस्तान, बांग्लादेश या पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई लोग छह साल रहने के बाद भारतीय नागरिकता के हकदार हैं लेकिन हाई कोर्ट के आदेश में इस विधेयक का जिक्र नहीं है।
'भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाना चाहिए'
कोर्ट ने आगे लिखा, 'यह एक अविवादित तथ्य है कि विभाजन के समय लाखों की संख्या में हिंदू और सिख मारे गए, प्रताड़ित किए गए, उनका रेप किया गया और उन्हें अपने पूर्वजों की संपत्ति छोड़ कर आना पड़ा।' जस्टिस सेन ने लिखा, 'पाकिस्तान ने खुद को इस्लामिक देश घोषित किया था। चूंकि भारत का विभाजन धर्म के आधार पर हुआ था इसलिए भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाना चाहिए था, लेकिन इसे धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बनाए रखा।'
'भारत को इस्लामिक बनाने की कोशिश न करें'
जस्टिस सेन ने अपने फैसले में कहा, 'मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि कोई भारत को इस्लामिक देश बनाने की कोशिश न करे। अगर यह इस्लामिक देश हो गया तो भारत और दुनिया में कयामत आ जाएगी।' जस्टिस सेन ने कहा, 'मुझे इसका पूरा भरोसा है कि प्रधानमंत्री मोदी की सरकार मामले की गंभीरता को समझेगी और जरूरी कदम उठाएगी और हमारी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राष्ट्रहित में हर तरह से उसका समर्थन करेंगी।'