मेघालयः खदान में फंसे मजदूरों को निकालने का काम जारी, पानी की सतह तक पहुंचे गोताखोर
मेघालय में खदान में फंसे 15 लोगों को निकालने का काम लगातार जारी है। NDRF, SDRF और दूसरी बचाव एजेंसियां पिछले लगभग तीन हफ्तों से इन लोगों को निकालने में लगी हैं। सोमवार को नौसेना के गोताखोरों को खदान की तह तक पहुंचने में सफलता मिली, लेकिन उन्हें वहां कोई भी मजदूर नजर नहीं आया। नौसेना का कहना है कि खदान के अंदर जलस्तर 30 मीटर तक घटने के बाद ही पूरी तरह से खोजबीन अभियान चलाया जा सकता है।
पानी में दृश्यता एक फुट से कम
इस बचाव अभियान से जुड़े अधिकारी ने बताया कि 6 गोताखोर अंडर वॉटर रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल (UWROV) के साथ खदान में उतरे थे। हालांकि पानी में कम दृश्यता के चलते गोताखोरों को काफी मुश्किलें आ रही हैं। पानी में दृश्यता एक फुट से भी कम है। नौसेना ने प्रशासन से खदान में घुसे पानी को निकालकर 30 मीटर तक करने को कहा है। बता दें, 30 मीटर तक के पानी को गोताखोरी के लिए सुरक्षित सीमा माना जाता है।
दो घंटे तक खदान में रहे गोताखोर
नौसेना के लेफ्टिनेंट कमांडर संतोष खेतवाल ने इस अभियान की शुरुआत की। वे खुद पानी की तह तक उतरे। गोताखोरों ने लगभग दो घंटे तक मजदूरों की खोजबीन की, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। बचाव में लगी एजेंसियों ने बताया कि बचाव कार्य में सभी जरूरी बातों का ध्यान रखा जा रहा है ताकि खदान में फंसे मजदूरों की जान पर और संकट न आए। बता दें, कई एजेंसियां संयुक्त रूप से यह बचाव अभियान चला रही है।
13 दिसंबर से खदान में फंसे हैं मजदूर
बीते 13 दिसंबर को मेघालय के पूर्वी जयंतिया हिल्स में अवैध कोयला खदान में नदी का पानी घुस गया था। इससे खदान में काम कर रहे मजदूर अंदर फंस गए। पानी भर जाने से न तो मजदूर बाहर आ पा रहे हैं और न ही बचाव दल मजदूरों के पास पहुंच पाया है। खदान में पानी का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। वहीं प्रशासन बड़े पंपों की व्यवस्था में लगा है, लेकिन अभी तक व्यवस्था नहीं हो पाई है।