अलविदा 2022: पहली आदिवासी राष्ट्रपति से लेकर 'भारत जोड़ो यात्रा' तक, साल की प्रमुख राजनीतिक घटनाएं
क्या है खबर?
साल 2022 खत्म होने वाला है और चंद दिनों बाद नया साल शुरू हो जाएगा। हर साल की तरह 2022 भी कई खट्टी-मीठी यादें छोड़ कर जा रहा है।
इस साल भी कई राजनीतिक घटनाएं सुर्खियों में रहीं। कुछ घटनाओं ने देश के राजनीतिक परिदृश्य को बदलने का काम किया, वहीं कुछ ने देश में नया इतिहास रचा।
आइए 2022 की ऐसी ही कुछ प्रमुख राजनीतिक घटनाओं पर एक नजर डालते हैं।
जनवरी
पंजाब में प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक से हुई साल की शुरुआत
साल 2022 की शुरुआत में 5 जनवरी को पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में बड़ी चूक हुई। प्रधानमंत्री का काफिला फिरोजपुर के पास हाईवे पर बने एक पुल से गुजर रहा था और किसानों के प्रदर्शन के कारण इसे पुल पर ही रोकना पड़ा।
प्रधानमंत्री को जिस जगह पर रोका गया, वहां से पाकिस्तान बॉर्डर सिर्फ 20 किलोमीटर दूर है। मीडिया में प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई यह चूक काफी दिनों तक चर्चा का विषय बनी रही।
फरवरी
फरवरी में कर्नाटक में हुआ हिजाब विवाद
फरवरी में कर्नाटक में हिजाब का मुद्दा खूब चर्चा में रहा। हिजाब पहन कर आई छात्राओं को कक्षाओं में प्रवेश न देने से इस मामले की शुरुआत हुई।
5 फरवरी को कर्नाटक सरकार ने कक्षाओं में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी कर दिया।
इसके बाद कर्नाटक हाई कोर्ट में इसके खिलाफ दो याचिकाएं भी दायर की गईं, लेकिन उसने भी कर्नाटक सरकार के फैसले को सही ठहराया।
विवाद के कारण सांप्रदायिक तनाव बढ़ गया था।
मार्च
मार्च में पंजाब की सत्ता पर काबिज हुई AAP
10 मार्च को उत्तर प्रदेश और पंजाब समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे आए।
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में तो भाजपा ने सरकार बनाई, लेकिन पंजाब में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP) ने एकतरफा जीत दर्ज की।
इससे पहले पंजाब में कांग्रेस की सरकार थी, लेकिन पार्टी में अंतर्कलह के चलते इसका फायदा AAP को हुआ।
दिल्ली के बाहर पहली बार किसी राज्य में AAP की सरकार बनी थी और भगवंत मान मुख्यमंत्री बनाए गए।
अप्रैल
अप्रैल में जिग्नेश मेवाणी की गिरफ्तारी का मुद्दा चर्चा में रहा
गुजरात के वडगाम से विधायक जिग्नेश मेवाणी के खिलाफ असम में शिकायत दर्ज हुई और 21 अप्रैल को असम पुलिस ने मेवाणी को गिरफ्तार किया।
जिग्नेश के खिलाफ IPC की धारा 120 (B) समेत अन्य धाराएं लगाई गई थीं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और गुजरात दंगों पर ट्वीट को लेकर उनके खिलाफ ये कार्रवाई की गई थी।
हालांकि चार दिन बाद स्थानीय कोकराझाड़ कोर्ट ने जिग्नेश को जमानत दे दी थी।
मई
मई में अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में रहा नुपुर शर्मा का बयान
मई में वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद का मुद्दा मीडिया की सुर्खियों में बना हुआ था। इसी पर एक टीवी डिबेट के दौरान नुपुर शर्मा ने पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी।
इसके बाद नुपुर को दुनियाभर से जान से मारने की धमकियां मिलने लगीं। विवाद को बढ़ता देख भाजपा ने नुपुर को छह साल के लिए पार्टी से सस्पेंड कर दिया था।
नुपुर के बयान का समर्थन करने के लिए कुछ लोगों की हत्याएं भी हुईं।
जून
जून में ED के सामने राहुल की पेशी और महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन
13 जून को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सामने पेश हुए। इसके विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सड़क पर उतरकर केंद्र सरकार के विरोध में देशव्यापी प्रदर्शन किया था।
मई में महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन भी हुआ। शिवसेना, कांग्रेस और NCP के गठबंधन की सरकार गिराने के बाद 30 जून को शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने भाजपा के साथ सरकार बनाई और मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
जुलाई
जुलाई में भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति बनीं द्रौपदी मूर्मू
जुलाई में हुए राष्ट्रपति चुनाव में यशवंत सिन्हा को हराकर द्रौपदी मुर्मू देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति बनीं। उन्होंने 25 जुलाई को देश के 15वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना ने उन्हें पद की शपथ दिलाई।
प्रतिभा पाटिल के बाद मूर्मू दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं। राष्ट्रपति बनने से पहले वह झारखंड की राज्यपाल भी रह चुकी हैं।
अगस्त
अगस्त में बिहार में सत्ता परिवर्तन, नीतीश ने भाजपा का साथ छोड़ा
9 अगस्त को नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और भाजपा से अपना गठबंधन तोड़ दिया। इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेतृत्व वाले महागठबंधन के साथ सरकार बना ली।
10 अगस्त को एक बार फिर से नीतीश ने आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इस महागठबंधन की सरकार में RJD नेता तेजस्वी यादव को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है।
सितंबर
सितंबर में शुरू हुई कांग्रेस की 'भारत जोड़ो यात्रा'
7 सितंबर से राहुल गांधी के नेतृत्व में कन्याकुमारी से 'भारत जोड़ो यात्रा' की शुरुआत हुई। इन दिनों यह यात्रा दिल्ली में है। यह यात्रा करीब 3,000 किलोमीटर की दूरी तय कर चुकी है।
यह यात्रा तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली यानी 10 राज्यों से गुजर चुकी है।
लगभग आठ दिनों के विराम के बाद यह यात्रा उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और अंत में जम्मू-कश्मीर की ओर बढ़ेगी।
अक्टूबर
अक्टूबर में 25 साल में पहली बार कांग्रेस को मिला गैर-गांधी अध्यक्ष
17 अक्टूबर को मल्लिकार्जुन खड़गे को कांग्रेस का नया अध्यक्ष चुना गया। शशि थरूर को एकतरफा मुकाबले में हराकर खड़गे इस पद पर काबिज हुए।
वह पिछले ढाई दशक में गांधी परिवार से बाहर के पहले कांग्रेस अध्यक्ष हैं।
खड़गे केंद्रीय मंत्री के साथ-साथ लोकसभा और राज्यसभा में नेता विपक्ष भी रह चुके हैं। कर्नाटक से आने वाले खड़गे दलित समुदाय से संबंध रखते हैं और अभी भी राज्यसभा में नेता विपक्ष हैं।
नवंबर और दिसंबर
नवंबर-दिसंबर में दो राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव, गुजरात में भाजपा ने रचा इतिहास
साल खत्म होते-होते नवंबर-दिसंबर में हिमाचल और गुजरात में विधानसभा चुनाव हुए। 8 दिसंबर को दोनों राज्यों में विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आए। हिमाचल में जहां भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा, वहीं गुजरात में पार्टी ने नया इतिहास रच दिया।
गुजरात की 182 सीटों में से 156 सीटें जीतकर भाजपा ने नया इतिहास रचा। यह राज्य के इतिहास में किसी पार्टी द्वारा जीती गई सबसे अधिक सीटें हैं।
हिमाचल में कांग्रेस ने सरकार बनाई।