दक्षिण भारत की पहली वंदे भारत ट्रेन को प्रधानमंत्री ने दिखाई हरी झंडी, जानें जरूरी बातें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बेंगलुरू के क्रांतिवीर संगोल्लि रायाण्ण रेलवे स्टेशन से नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। ये ट्रेन तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से कर्नाटक के मैसूर तक चलेगी। बेंगलुरू में भी इसका स्टॉप होगा। ये देश की कुल पांचवीं वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन है, वहीं दक्षिण भारत की ये पहली वंदे भारत ट्रेन है। पिछले महीने ही प्रधानमंत्री मोदी ने हिमाचल प्रदेश में चौथी वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई थी।
ट्रेन से साढ़े छह घंटे में तय होगा चेन्नई से मैसूर के बीच का सफर
नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की मदद से चेन्नई से मैसूर के बीच का सफर साढ़े छह घंटे में पूरा किया जा सकेगा। अभी इस सफर को पूरा करने में औसतन नौ घंटे से अधिक का समय लगता है। यात्रियों को चेन्नई-मैसूर के बीच इकोनॉमी क्लास की सीट के लिए 1,200 और एग्जीक्यूटिव क्लास के लिए 2,295 रुपये देने होंगे, वहीं मैसूर-चेन्नई के बीच ये चार्ज क्रमशः 1,365 और 2,486 रुपये होगा। ट्रेन में 16 डिब्बे और 1,128 सीटें हैं।
इन चार रूटों पर पहले से ही चल रही हैं वंदे भारत ट्रेनें
इस ट्रेन के साथ ही देश में चलने वाली वंदे भारत ट्रेनों की संख्या पांच हो गई है। पहली वंदे भारत ट्रेन फरवरी, 2019 में दिल्ली से वाराणसी के बीच हुई थी। इसके बाद अक्टूबर, 2019 में दिल्ली से जम्मू-कश्मीर के कटरा तक दूसरी वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई गई। 30 सितंबर, 2022 को अहमदाबाद से मुंबई के बीच तीसरी और 13 अक्टूबर को हिमाचल के ऊना से दिल्ली के बीच चौथी वंदे भारत ट्रेन शुरू हुई।
आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें
वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन देश की पहली इंजन रहित ट्रेन है। इसमें बुलेट या मेट्रो ट्रेन जैसे एकीकृत इंजन हैं। इसमें 16 कोच होते हैं और ऑनबोर्ड वाई-फाई की सुविधा भी मिलती है। ट्रेन में GPS आधारित सूचना प्रणाली से आने वाले स्टेशनों की जानकारी दी जाती है। यह 180 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से दौड़ने में सक्षम है। इसमें जैव-वैक्यूम शौचालय बनाए गए हैं और सुरक्षा के लिए सभी कोचों में स्वचालित दरवाजें लगाए गए हैं।
प्रधानमंत्री ने काशी दर्शन ट्रेन को भी दिखाई हरी झंडी
प्रधानमंत्री मोदी ने क्रांतिवीर संगोल्लि रायाण्ण रेलवे स्टेशन से भारत गौरव काशी दर्शन ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाई। इस ट्रेन की मदद से कर्नाटक के यात्री तीर्थस्थलों का दौरा करने के लिए वाराणसी जा सकेंगे। भारत गौरव योजना के तहत ऐसी ट्रेन चलाने वाला कर्नाटक पहला राज्य है। इस ट्रेन के संचालन में राज्य सरकार और रेलवे मंत्रालय साथ-साथ कार्य कर रहे हैं। ट्रेन में श्रद्धालुओं को काशी, अयोध्या और प्रयागराज की यात्रा के लिए मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा।