प्रधानमंत्री मोदी का पाकिस्तान पर निशाना, अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में बोले- आतंकवाद कुछ देशों की विदेश नीति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को दिल्ली में 'नो मनी फॉर टेरर' नामक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि सभी आतंकी हमलों को एक नजरिए से देखे जाने की जरूरत है। पाकिस्तान की तरफ संकेत करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ देश विदेश नीति के तौर पर आतंकवाद का समर्थन करते हैं और ऐसे देशों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने पूरी दुनिया से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की अपील भी की।
आतंक को जड़ से उखाड़ने तक नहीं रुकेगा भारत- प्रधानमंत्री मोदी
आतंक विरोधी वित्तपोषण पर हो रहे इस मंत्री स्तरीय सम्मेलन में बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "आतंकियों ने अलग-अलग नामों और रूपों में भारत को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है। हमने हजारों कीमती जानें खो दी हैं। हमने आतंक का साहस के साथ मुकाबला किया है। हम मानते हैं कि एक आतंकी हमला भी बहुत ज्यादा है। एक जिंदगी का जाना भी बहुत ज्यादा है। आतंक को जड़ से उखाड़ने तक हम रुकने वाले नहीं हैं।"
प्रधानमंत्री ने आतंकी हमलों को लेकर दोहरे रवैये पर भी उठाए सवाल
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में आतंकवाद को लेकर दोहरे रवैये के मुद्दों को भी उठाया। उन्होंने कहा कि सभी आतंकी हमलों को लेकर देश एक जैसी प्रतिक्रिया नहीं देते हैं। उन्होंने कहा, "अलग-अलग हमलों को लेकर प्रतिक्रिया की गंभीरता इस बाद पर निर्भर नहीं हो सकती कि हमला किस जगह हुआ है। सभी आतंकी हमलों का समान तरह से विरोध और उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। सिर्फ एकसमान, एकीकृत और जीरो-टॉलेरेंस का नजरिया ही आतंकवाद को हरा सकता है।"
हमें आतंकी नेटवर्क को तोड़ने की जरूरत- प्रधानमंत्री
आतंक के खिलाफ कार्रवाई पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "'हमें आतंकियों के पीछे लगे रहना चाहिए। उनके सहयोगी नेटवर्क को तोड़ना और वित्त स्रोतों पर हमला करना चाहिए। हम जानते हैं कि आतंकी संगठनों को कई स्रोतों से पैसे मिलते हैं।" पाकिस्तान पर हमला करते हुए उन्होंने कहा, "कुछ देश अपनी विदेश नीति के तहत आतंकवाद का समर्थन करते हैं। वो उन्हें राजनीतिक, वैचारिक और वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं। ऐसे देशों पर कार्रवाई होनी चाहिए।"
सम्मेलन में हिस्सा ले रहे 450 प्रतिनिधि, पाकिस्तान और अफगानिस्तान शामिल नहीं
बता दें कि इस सम्मेलन में दुनियाभर के लगभग 450 प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे, जिनमें मंत्री, अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुख और वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) के प्रतिनिधि शामिल हैं। ये ऐसा तीसरा सम्मेलन है और इससे पहले अप्रैल, 2018 में पेरिस और नवंबर, 2019 में मेलबर्न में दो सम्मेलन हो चुके हैं। इस बार के सम्मेलन में पाकिस्तान और अफगानिस्तान शामिल नहीं हुए हैं। अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार है, वहीं पाकिस्तान पर आतंकवाद का समर्थन करने का आरोप है।