मल्लिकार्जुन खड़गे होंगे राज्यसभा के अगले नेता विपक्ष, गुलाम नबी आजाद की जगह लेंगे
कांग्रेस ने शुक्रवार को ऐलान किया कि उसके वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे राज्यसभा के अगले नेता विपक्ष होंगे। वह गुलाम नबी आजाद की जगह लेंगे जो 15 फरवरी को रिटायर हो रहे हैं। कांग्रेस अपने इस फैसले के बारे में राज्यसभा सभापति और उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू को अवगत करा चुकी है और उनसे खड़गे को अगला नेता विपक्ष नियुक्त करने का अनुरोध किया है। खड़गे की इस पद पर नियुक्ति की अटकलें पहले से ही लगाई जा रही थीं।
लोकसभा में नेता विपक्ष की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं खड़गे
कर्नाटक से आने वाले मल्लिकार्जुन खड़गे दलित राजनीति का एक बड़ा चेहरा हैं और कांग्रेस की तरफ से पहले भी कई अहम जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान 2014 से 2019 तक खड़गे ने लोकसभा में नेता विपक्ष की जिम्मेदारी संभाली थी और कई अहम मुद्दों पर पार्टी की आवाज बने थे। खड़गे धारा-प्रवाह हिंदी बोलते हैं और यह बात राज्यसभा के नेता विपक्ष की रेस में उनके पक्ष में गई है।
ऐसा रहा है खड़गे का चुनावी सफर
खड़गे के चुनावी सफर की बात करें तो वह कर्नाटक में लगातार नौ बार विधायकी का चुनाव जीत चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने 2009 और 2014 लोकसभा चुनाव में भी गुलबर्गा सीट से जीत दर्ज की। 2019 चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
इन बड़े नामों को पछाड़ खड़गे ने मारी बाजी
राज्यसभा का नेता विपक्ष बनने की रेस में खड़गे के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता आनंद शर्मा और वरिष्ठ सांसद कपिल सिब्बल का भी नाम चल रहा था। इन सभी नेताओं को राजनीति और संसद की कार्यवाही का अच्छा-खासा अनुभव है और अलग-अलग मोर्चों पर पार्टी का नेतृत्व कर चुके हैं। हालांकि अंत में खड़गे ने इन सभी को पछाड़ कर बाजी मार ली।
2014 से राज्यसभा के नेता विपक्ष थे गुलाम नबी आजाद
बता दें कि 2014 से राज्यसभा के नेता विपक्ष का पद संभाल रहे गुलाम नबी आजाद का कार्यकाल इस 15 फरवरी को समाप्त हो रहा है। वह अपने गृह राज्य जम्मू-कश्मीर से चुनकर आते हैं और चूंकि अभी जम्मू-कश्मीर की कोई विधानसभा अस्तित्व में नहीं है, इसलिए वह दोबारा चुनकर नहीं आ सके हैं। कांग्रेस उन्हें केरल से चुनकर वापस राज्यसभा भेजने की योजना बना रही है, हालांकि आजाद ने फिर से सांसद बनने की इच्छा से इनकार किया है।
गुलाम नबी आजाद को विदाई देते वक्त भावुक हो गए थे प्रधानमंत्री
गुलाम नबी राज्यसभा में अपना विदाई भाषण भी दे चुके हैं। मंगलवार को दिए गए अपने इस भाषण में उन्होंने कहा था कि उन्हें भारतीय मुसलमान होने पर गर्व है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को अपनी सफलता का श्रेय दिया था। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गुलाम नबी की जमकर प्रशंसा की। जम्मू-कश्मीर में गुजरात के यात्रियों पर आतंकी हमले के एक किस्से को बताते वक्त उनका गला भर आया और उन्हें कई बार रुकना पड़ा।