बाली में कल से शुरू होगा G-20 का शिखर सम्मेलन, जानिए इससे जुड़ी प्रमुख बातें
क्या है खबर?
G-20 समूह का दो दिवसीय वार्षिक शिखर सम्मेलन मंगलवार से इंडोनेशिया के बाली में शुरू होगा।
इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित दुनिया के 20 प्रमुख देशों के नेता एकत्र होंगे।
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी दुनिया के 10 प्रमुख देशों के शीर्ष नेताओं से मुलाकात कर स्वास्थ्य, महामारी के बाद अर्थव्यवस्था के उबरने सहित प्रमुख वैश्विक चुनौतियों का समाधान के लिए भारत के दृष्टिकोण को सामने रखेंगे।
आइए G-20 से जुड़ी प्रमुख बाते जानते हैं।
परिचय
G-20 क्या है?
G-20 में भारत, अर्जेंटीना, चीन, जापान, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, इंडोनेशिया, इटली, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं।
इन देशों में दुनिया की दो तिहाई आबादी रहती है और ये दुनिया की GDP का 85 फीसदी हिस्सा बनाते हैं।
इसे G-7 के विस्तार के रूप में देखा जाता है और दिसंबर, 1999 में गठन के बाद बर्लिन में पहली बार G-20 समूह की बैठक हुई थी।
कार्य
G-20 कैसे काम करता है?
G-20 का कोई स्थायी सचिवालय नहीं है। एजेंडे और कार्य का समन्वय सदस्य देशों के प्रतिनिधियों द्वारा किया जाता है।
इसे 'शेरपाज' के रूप में जाना जाता है। ये शेरपाज केंद्रीय बैंकों के वित्त सचिव और गवर्नरों के साथ मिलकर काम करते हैं।
भारत ने घोषणा की है कि पीयूष गोयल के बाद नीति आयोग के पूर्व CEO अमिताभ कांत G-20 शेरपा होंगे। G-20 का पहला शिखर सम्मेलन 2008 में अमेरिका के वाशिंगटन में हुआ था।
मुद्दे
क्या होंगे इस शिखर सम्मेलन के प्रमुख मुद्दे?
दो दिवसीय इस शिखर सम्मेलन के दौरान कुल 20 कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस दौरान वैश्विक नेताओं के संबोधन के साथ वैश्विक तनाव के खिलाफ कई द्विपक्षीय वार्ताएं भी आयोजित की जाएंगी।
इनमें यूक्रेन पर आक्रमण और वैश्विक आर्थिक गिरावट, जलवायु संकट, उत्तरी कोरिया के बढ़ते परमाणु कार्यक्रम और चीन की बढ़ती वैश्विक महत्वाकांक्षा पर चर्चा की जाएगी।
कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद से वैश्विक नेताओं के समूह की यह सबसे बड़ी सभा है।
बैठक
सम्मेलन के दौरान सबसे अहम बैठक कौनसी होगी?
इस सम्मेलन की सबसे बड़ी बता अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच होने वाली पहली संभावित बैठक होगी।
बाइडन ने कहा है कि वह अमेरिका-चीन संबंधों में ऐसी लाल रेखाएँ स्थापित करना चाहेगा जो प्रतिस्पर्धा और सह-अस्तित्व की अनुमति दें।
बैठक में उनके ताइवान पर चीन के आक्रमण और दक्षिण चीन सागर के नेविगेशन को प्रतिबंधित करने के प्रयासों के खिलाफ भी चेतावनी देने की उम्मीद है।
जानकारी
जिनपिंग से सामान्य तौर पर मिलेंगे बाइडन- सुलिवन
अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि राष्ट्रपति बाइडन अपने चीनी समकक्ष से सामान्य बातचीत के तरीके से मिलेंगे और उनसे भी यही उम्मीद करेंगे। हालांकि, बाइडन उत्तर कोरिया पर लगाम के लिए चीन पर दबाव जरूर डालेंगे।
बैठक
10 देशों के नेताओं से मिलेंगे प्रधानमंत्री मोदी
दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं का यह शिखर सम्मेलन भारत के लिए काफी अहम है। इस सम्मेलन के समापन समारोह में इंडोनेशिया G-20 की अध्यक्षता भारत को सौंपेगा।
इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 देशों के नेताओं के साथ बैठक कर अर्थव्यवस्था, ऊर्जा, पर्यावरण और डिजिटल परिवर्तन जैसे मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
इसके अलावा वह उन देशों से भारत के द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति की समीक्षा भी करेंगे। उनके राष्ट्रपति बाइडन और प्रधानमंत्री सुनक से भी मिलने की संभावना है।
जानकारी
सम्मेलन में शामिल नहीं होंगे राष्ट्रपति पुतिन
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस सम्मेलन से अपना नाम वापस ले लिया है। ऐसे में सम्मेलन में रूस का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव करेंगे। इसी तरह ब्राजील के निवर्तमान राष्ट्रपति जेयर बोलोसोनारो भी इसमें शामिल नहीं होंगे।
अन्य
ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की बैठकें भी होंगी अहम
भारतीय मूल के ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक भी सम्मेलन के लिए रवाना हो गए हैं और यह उनकी पहली बड़ी कूटनीतिक परीक्षा होगी।
उनके यूक्रेन पर रूस के आक्रमण पर ध्यान केंद्रित करने और यूक्रेन का समर्थन करने पर जोर देने की उम्मीद है।
इसी तरह वह पहली बार अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन से मुलाकात करेंगे। इसमें दोनों के बीच गुड फ्राइडे समझौते की 25वीं वर्षगांठ तक उत्तरी आयरलैंड प्रोटोकॉल पर समझौते पर बातचीत हो सकती है।
अन्य
ये नेता भी होंगे सम्मेलन में शामिल
इस सम्मेलन में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो, कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस, दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति यून सुक-योल, जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज़ और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन शामिल होंगे।
इसी तरह दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा, तुर्की के राष्ट्रपति रजन तैयब इर्दुगान, अर्जेंटीना के राष्ट्रपति अल्बर्टो फर्नांडीज, मैक्सिकन विदेश मंत्री मार्सेलो एब्रार्ड और इटली के प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी भी शामिल होंगे।
जानकारी
इस बार नहीं होगी ग्रुप फोटो
बाली में हो रहे इस G-20 शिखर सम्मेलन की खास बात यह होगी कि इस बार रूस की उपस्थिति के कारण अन्य देशों के नेताओं में बनी बेचैनी के कारण आधिकारिक ग्रुप फोटो नहीं खींची जाएगी। ऐसा समूह के इतिहास में पहली बार होगा।