नीतीश कुमार और नवीन पटनायक के समर्थन के बाद द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्रपति बनना लगभग तय

कुछ पार्टियों के समर्थन के बाद केंद्र सरकार की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का चुनाव जीतना लगभग तय हो गया है। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुर्मू को अपना समर्थन देने का ऐलान किया है। उनके समर्थन के बाद सरकार के पास नंबर पूरे हो गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को खुद इन दोनों नेताओं से बात की और मुर्मू को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाए जाने की जानकारी दी।
बीजू जनता दल (BJD) के प्रमुख नवीन पटनायक ने ट्वीट करते हुए कहा, 'देश के सर्वोच्च पद के लिए NDA का उम्मीदवार घोषित किए जाने पर श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी को बधाई। मुझे खुशी हुई जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने इस पर मेरे साथ चर्चा की। ये वाकई ओडिशा के लोगों के लिए गर्व का क्षण है।' पटनायक ने ओडिशा के सभी विधायकों और सांसदों से पार्टी लाइन से हटकर मुर्मू को वोट देने की अपील भी की है।
जनता दल यूनाइटेड (JDU) प्रमुख नीतीश कुमार ने ट्वीट करते हुए कहा, 'श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया जाना खुशी की बात है। मुर्मू जी एक आदिवासी महिला हैं। एक आदिवासी महिला को देश के सर्वोच्च पद के लिए उम्मीदवार बनाया जाना अत्यंत प्रसन्नता की बात है। प्रधानमंत्री जी ने बात कर इसकी जानकारी दी थी कि मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री जी को भी इसके लिए हृदय से धन्यवाद।'
सभी राज्यों के विधायक और लोकसभा और राज्यसभा सांसद मिलकर राष्ट्रपति का चुनाव करते हैं। राज्यों के हिसाब से विधायकों के वोटों की वैल्यू अलग-अलग होती है, वहीं सांसदों के वोटों की वैल्यू एक समान होती है। राष्ट्रपति चुनाव में पड़ने वाले वोटों की वैल्यू कुल मिलाकर 10.86 लाख होती है और चुनाव जीतने के लिए 5.43 लाख वोट चाहिए। भाजपा और उसके सहयोगियों के पास 5.26 लाख वोट हैं और उसे 17,000 वोट और चाहिए।
पटनायक की BJD के पास 31,000 वैल्यू के वोट हैं। उसके समर्थन के बाद मुर्मू को मिलने वाले वोटों की वैल्यू 5.57 लाख हो जाएगी जो बहुमत से अधिक है। नीतीश का समर्थन इसलिए अहम है क्योंकि वो भाजपा से नाराज थे। अगर वो मुर्मू का समर्थन नहीं करते तो भाजपा को अतिरिक्त वोट जुटाने पड़ते। अब पटनायक और नीतीश के समर्थन के बाद भाजपा को किसी अन्य की जरूरत नहीं है और मुर्मू का राष्ट्रपति बनना लगभग तय है।
जैसा कि आंकड़ों से लगभग तय लग रहा है, अगर द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति चुनाव जीतती हैं तो वह भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति होंगी। वह ओडिशा से आने वाली देश की पहली राष्ट्रपति भी होंगी। इसके साथ ही वह देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति भी बन जाएंगी। उनसे पहले केवल प्रतिभा पाटिल राष्ट्रपति रही हैं। मुर्मू इससे पहले झारखंड की राज्यपाल भी रह चुकी हैं। इसके अलावा वह भाजपा की टिकट पर दो बार विधायक चुनी गई थीं।