
जमशेदपुर: चार नकाबपोशों ने फर्जी CBI अधिकारी बनकर BOI से लूटे 35 लाख रुपये
क्या है खबर?
झारखंड के जमशेदपुर में मानगो इलाके में डिमना चौक पर स्थित बैंक ऑफ इंडिया (BOI) की शाखा में चार लुटेरों के फर्जी केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) अधिकारी बनाकर 35 लाख रुपये की लूट को अंजाम देने का मामला सामने आया है।
लुटेरों ने बैंक में घुसकर CBI की छापेमारी का हवाला देते हुए लोगों से उनके मोबाइल फोन ले लिया और फिर बंदूक की नोक पर 35 लाख रुपये लेकर फरार हो गए। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
घटना
सुबह 11 बजे बैंक में दाखिल हुए लुटेरे
जमशेदपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) प्रभात कुमार ने बताया कि गुरुवार सुबह करीब 11 बजे एक लुटेरा मास्क पहनकर बैंक में घुसा और खुद को CBI अधिकारी बताकर छापा पड़ने की बात कही। इसके बाद उसके तीन अन्य साथ भी मास्क पहनकर बैंक में आ गए।
उन्होंने बताया कि लुटेरों ने कार्रवाई का हवाला देकर वहां मौजूद सभी लोगों के मोबाइल फोन ले लिए और कार्रवाई खत्म होने के बाद वापस मोबाइल फोन लौटने की बात कही।
वारदात
35 लाख रुपये लेकर फरार हुए लुटेरे
SSP कुमार ने बताया कि मोबाइल फोन लेने के बाद लुटेरे सीधे कैश काउंटर पर पहुंच गए और कर्मचारी से वहां रखे 35 लाख रुपये बैग में भरवा लिए। इसके बाद चारों आरोपी उसे लेकर बाहर निकल गए और बैंक का शटर बाहर से बंद कर फरार हो गए।
उन्होंने बताया कि लुटेरों के जाने के बाद भी लोग यह नहीं समझ पा रहे थे कि वह लूट थी या वास्तविक रूप में CBI अधिकारियों की कार्रवाई।
सूचना
लुटेरों के जाने के बाद बैंक कर्चमारी ने दी पुलिस को सूचना
SSP कुमार ने बताया कि लुटेरों के जाने के कुछ देर बाद एक बैंक कर्मचारी ने पुलिस को सूचना दी। उसके बाद तमाम वरिष्ठ अधिकारी एवं पदाधिकारी वहां पहुंचे। पुलिस अधिकारियों ने बैंक अधिकारियों, कर्मचारियों एवं लोगों से भी पूछताछ की।
उन्होंने कहा कि बैंक परिसर की छानबीन की गई है। हालांकि, इसमें पुलिस को कोई सबूत हाथ नहीं लगा है। पुलिस लुटेरों की पहचान के लिए बैंक में लगे CCTV की फुटेज की जांच कर रही है।
बयान
"विरोध करने पर लुटेरों ने निकाली बंदूकें"
बैंक में मौजूद ग्राहक प्रसेनजीत कुमार ने कहा, "मोबाइल फोन देने से मना करने पर लुटेरों ने अपनी बंदूकें भी निकाल ली थी। इसके बाद उन्होंने सभी ग्राहकों और कर्मचारियों को बैंक की फर्श पर बैठा दिया।"
उन्होंने कहा, "बैंक में शोर होने पर लुटेरों ने लोगों को गोली चलाने की भी धमकी दी थी। इस पर उन्हें अहसास हो गया था कि वह CBI अधिकारी न होकर लुटेरे हैं। इसके बाद उन्होंने बैग में रुपये भरना शुरू कर दिया।"
शक
पुलिस को सुरक्षा गार्ड की भूमिका पर है संदेह
इधर, पुलिस को बैंक के सुरक्षा गार्ड की भूमिका पर संदेह है। पुलिस का मानना है कि गार्ड ने लुटेरों को किसी भी तरह का विरोध नहीं किया और यही उस पर शक का मुख्य कारण है।
इसी तरह बैंक मैनेजर को को यह जानकारी होनी चाहिए कि CBI इन बैंकों में छापेमारी नहीं करती है। ऐसे में इसमें किसी न किसी की मिलिभगत जरूर है। पुलिस ने बताया कि जल्द भी लुटेरों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।