
निर्भया कांड: दोषियों से पूछी गई अंतिम इच्छा; सुरक्षा पर रोजाना खर्च हो रहे 50,000 रुपये
क्या है खबर?
कोर्ट से डेथ वारंट जारी होने के बाद से निर्भया गैंगरेप के दोषियों पर रोजाना लगभग 50,000 रुपये खर्च किए जा रहे हैं।
दोषियों के खिलाफ पहला डेथ वारंट 7 जनवरी को जारी किया गया था और तभी से रोजाना इतनी रकम खर्च हो रही है।
बता दें कि दोषियों को 1 फरवरी को सुबह छह बजे फांसी दी जानी है। तिहाड़ जेल प्रशासन फांसी की तैयारियों में लगा हुआ है और दोषियों से उनकी अंतिम इच्छा पूछी गई है।
खर्च
इन चीजों पर खर्च हो रहे पैसे
'इंडिया टीवी' की एक रिपोर्ट के अनुसार, 50,000 रुपये की ये भारी-भरकम रकम चारों दोषियों की सुरक्षा के इंतजाम और फांसी पर लटकाने की तैयारियों को अंजाम देने में खर्च हो रही है।
दोषियों को तिहाड़ की तीन नंबर जेल की अलग-अलग कोठरियों में रखा गया है और हर कोठरी की सुरक्षा में दो सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं।
ये सुरक्षाकर्मी हर दो घंटे बाद आराम करते हैं और उनकी जगह दूसरे सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाते हैं।
कमाई
जेल में काम कर तीन दोषियों ने कमाए एक लाख से अधिक रुपये
वहीं रिपोर्ट के अनुसार, तीन दोषियों- अक्षय कुमार, पवन गुप्ता और विनय शर्मा, ने तिहाड़ जेल में रहने के दौरान काम भी किया और इसके लिए तीनों को मिलाकर कुल 1,37,000 रुपये मेहनताना मिला है।
अक्षय ने सबसे अधिक 69,000 रुपये कमाए, जबकि वियन ने 39,000 और पवन ने 29,000 रुपये कमाए।
चौथे दोषी मुकेश ने काम करने से मना कर दिया था इसलिए वो एक भी रुपया नहीं कमा पाया।
जानकारी
दोषियों ने पढ़ाई करने की कोशिश भी की
इस दौरान चारों दोषियों ने पढ़ाई करने की कोशिश भी की थी। 2016 में मुकेश, पवन और अक्षय ने दसवीं कक्षा में दाखिला लिया था लेकिन वो परीक्षा में फेल हो गए। 2015 में विनय ने ग्रेजुएशन में दाखिला लिया लेकिन कोर्स पूरा नहीं किया।
फांसी की तैयारी
दोषियों से पूछी गई अंतिम इच्छा
बता दें कि चारों दोषियों को 1 फरवरी को सुबह छह बजे फांसी दी जानी है।
तिहाड़ जेल प्रशासन इसकी तैयारियों में लगा हुआ है और चारों दोषियों से लिखित में उनकी अंतिम इच्छा पूछी गई है।
अभी तक किसी भी दोषी ने अपनी अंतिम इच्छा नहीं बताई है।
अधिकारियों के अनुसार, सभी दोषियों के अपनी अंतिम इच्छा बताने के बाद जेल प्रशासन इस बात पर फैसला लेगा कि उन्हें पूरा किया जा सकता है या नहीं।
जानकारी
आखिरी इच्छा से जुड़े हैं कुछ नियम
अपराधी की आखिरी इच्छा पूरी किए जाने के भी कुछ नियम हैं। इसमें मनपसंद खाना, ग्रंथ या कोई किताब पढ़ना या किसी परिजन से मिलने जैसी व्यावहारिक चीज़ें ही शामिल हैं। ऐसी चीजों पर गौर नहीं किया जाता जो पूरी नहीं की जा सकती।
फांसी में रोड़ा
इन कारणों से दोषियों को 1 फरवरी को फांसी होना मुश्किल
जेल प्रशासन भले ही दोषियों को फांसी देने की तैयारियों में लगा हो, लेकिन उन्हें 1 फरवरी को फांसी हो पाएगी इसकी संभावना बेहद कम है।
दरअसल, अभी भी दो दोषियों के पास सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटिशन और तीन दोषियों के पास राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर करने का अधिकार मौजूद है।
अगर वो इनका प्रयोग करते हैं तो फांसी देना मुश्किल होगा क्योंकि दया याचिका खारिज होने के 14 दिन बाद ही फांसी दी जा सकती है।
केंद्र का SC से अनुरोध
केंद्र सरकार का दया याचिका के लिए समय निर्धारित करने का अनुरोध
केंद्र सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर फांसी की सजा पा चुके दोषियों के दया याचिका दायर करने के लिए सात दिन की समय सीमा तय करने की मांग की है।
सरकार ने ऐसे मामलों में रिव्यू और क्यूरेटिव पिटिशन दायर करने के लिए भी समय सीमा तय करने की मांग की है।
ये याचिका ऐसे समय पर दायर की गई है जब निर्भया गैंगरेप केस के दोषी एक-एक कर याचिका दायर कर रहे हैं।