झारखंड में खुल सकते हैं पहली से पांचवीं कक्षा तक के स्कूल, मुख्यमंत्री ने दिए संकेत
कोरोना संक्रमण में सुधार के बाद सरकारों ने स्कूलों को चरणबद्ध तरीके से खोलना शुरू किया है। इसी क्रम में झारखंड में पहली से पांचवीं कक्षा तक के स्कूल खुल सकते हैं। इनमें सरकारी एवं निजी दोनों प्रकार के स्कूल शामिल हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने निचली कक्षाओं के लिए स्कूल खोलने की अनुमति देने के संकेत दिए हैं। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली झारखंड आपदा प्रबंधन प्राधिकार की अगली बैठक में इस पर स्वीकृति मिल सकती है।
अक्टूबर में स्कूल खोलने का प्रस्ताव हो चुका है निरस्त
बता दें कि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने अक्टूबर माह में ही इन कक्षाओं के लिए भी स्कूल खोलने का प्रस्ताव झारखंड आपदा प्रबंधन प्राधिकार को भेजा था, लेकिन त्योहारों को देखते हुए प्राधिकार की बैठक में इस पर सहमति नहीं बनी। बैठक में फैसला लिया गया था कि त्योहारों में कोरोना के संक्रमण की स्थिति को देखने के बाद इस पर निर्णय लिया जाएगा।
सितंबर से शुरू हो चुकी है कक्षा 6 से 8 तक की पढ़ाई
त्योहार समाप्त होने के बाद अभी तक कोरोना संक्रमण बहुत अधिक नहीं बढ़ा है। बता दें कि प्रदेश में सबसे पहले 9वीं से 12वीं कक्षा तक के स्कूलों को खोला गया था। उसके बाद सितंबर महीने में 6वीं से 8वीं कक्षा तक के स्कूलों में पठन-पाठन आरंभ किया गया था। अब उम्मीद जताई जा रही है कि पहली से पांचवीं कक्षा तक के स्कूलों को भी खोल दिया जाएगा।
शैक्षणिक सत्र को जून तक बढ़ाने की तैयारी
राज्य सरकार सरकारी स्कूलों के शैक्षणिक सत्र को जून तक बढ़ाने की तैयारी कर रही है। कोरोना के कारण कई माह तक स्कूलों के बंद रहने के कारण सत्र की अवधि तीन माह के लिए बढ़ाई जाएगी। हालांकि राज्य सरकार ने पाठ्यक्रम में 25 प्रतिशत तक की कटौती भी की है। संशोधित पाठ्यक्रम भी जारी कर दिया गया है। लंबे अरसे के बाद स्कूलों में रौनक लौटने की उम्मीद जगी है।
सरकारी शिक्षक अब एक घंटा अधिक काम करेंगे
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अनुरूप स्कूलों में गुणवत्तायुक्त शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए शिक्षकों को प्रति सप्ताह 45 घंटे की कार्य अवधि पूरी करनी होगी। इसका मतलब अब सरकारी विद्यालयों के शिक्षक पहले की तुलना में एक घंटा अधिक काम करेंगे। शिक्षा सचिव राजेश कुमार शर्मा द्वारा जिलों को भेजे गये पत्र में कहा गया है कि विद्यालय संचालन अवधि में बदलाव किया गया है और शिक्षक विद्यार्थियों की छुट्टी के बाद एक घंटे तक विद्यालय में रहेंगे।