उत्तर प्रदेश की बाइक-टैक्सी सेवा कंपनी ने निवेशकों को लगाया 15,000 करोड़ रुपये का चूना
उत्तर प्रदेश स्थित एक कंपनी के बाइक-टैक्सी सेवाओं में निवेश के बहाने लोगों को 15,000 करोड़ रुपये का चूना लगाने का मामला सामने आया है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने आज इस घोटाल में FIR दर्ज की। ये घोटाला कितना बड़ा है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ये नीरव मोदी और मेहुल चोकसी द्वारा किए गए 14,000 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले से भी बड़ा है।
कैसे किया गया घोटाला?
FIR के अनुसार, उत्तर प्रदेश स्थित 'बाइक बोट' सेवा के चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर संजय भाटी ने अपने 14 सहयोगियों के साथ मिलकर देशभर के निवेशकों को 15,000 करोड़ रुपये का चूना लगाया। निवेशकों को फंसाने के लिए उन्होंने बाइक-टैक्सी सेवा के नाम पर एक लुभावनी निवेश योजना पेश की, जिसमें ग्राहकों को एक, तीन, पांच और सात बाइक में निवेश करने को कहा गया। इसके बदले में कंपनी ने उन्हें मासिक किराया, EMI और बोनस देने का वादा किया।
अगस्त, 2017 से 2019 की शुरूआत तक चली योजना
कंपनी ने लोगों को विभिन्न शहरों में अपनी फ्रेंचाइजी भी बेची जबकि उसकी बाइक और टैक्सी इन शहरों में बेमुश्किल चलती थीं। ये पूरी योजना अगस्त, 2017 में शुरू की गई और 2019 की शुरूआत तक चली। नवंबर, 2018 में कंपनी ने यह कहकर इलेक्ट्रॉनिक बाइक्स के लिए भी ऐसी ही योजना शुरू की कि पेट्रोल बाइक्स को रजिस्ट्रेशन और ऑपरेशन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ई-बाइक्स के लिए लगभग दोगुना निवेश करने को कहा गया।
भ्रामक विज्ञापनों के जरिए भी फंसाए गए निवेशक
कंपनी ने योजना के जल्द बंद होने के विज्ञापन देकर भी लोगों को फंसाया और उनसे जल्द से जल्द योजना में निवेश करने को कहा। इन विज्ञापकों के झांसे में आकर दो लाख निवेशकों ने कंपनी की योजना में निवेश कर दिया। निवेशकों ने मामले में नोएडा जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों से शिकायत भी की, लेकिन कंपनी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। अब CBI ने मामले में 15,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की FIR दर्ज की है।
ED भी कर रहा है मामले की जांच
बता दें कि CBI से पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी मामले में जांच शुरू कर चुका है। उसने गौतम बुद्ध नगर में गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड, उसके प्रमोटर संजय भाटी और अन्य के खिलाफ दादरी पुलिस स्टेशन में दर्ज FIR के आधार पर ये कार्रवाई की है। ED मामले में कंपनी की 216 करोड़ रुपये की संपत्ति भी जब्त कर चुकी है। मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।