महंत नरेंद्र गिरी की मौत का मामला: CBI ने शुरू की जांच, दर्ज की पहली FIR
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी (72) की मौत की गुत्थी को सुलझाने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने आगे कदम बढ़ा दिया है। CBI ने उत्तर प्रदेश पुलिस मामले की जांच अपने हाथों में ले ली है और इस संबंध में पहली FIR भी दर्ज कर ली है। CBI मामले में यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि यह आत्महत्या थी या फिर हत्या। इसके लिए छह सदस्यीय टीम गठित की गई है।
मठ में फंदे से झूलता मिला था नरेंद्र गिरी का शव
नरेंद्र गिरी का शव 20 सितंबर को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज स्थित बाघंबरी मठ के कमरे में फंदे से झूलता मिला था। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को अस्पताल पहुंचाया था। पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट भी मिला था। जिसमें लिखा गया था कि वह मानसिक रूप से परेशान हैं और इसके कारण अपनी जीवन लीला समाप्त कर रहे हैं। इतना ही उन्होंने सुसाइड नोट में अपने एक शिष्य से परेशान होने की भी बात लिखी थी।
सुसाइड नोट में इन्हें ठहराया था आत्महत्या के लिए जिम्मेदार
महंत नरेंद्र गिरी ने सुसाइड नोट में लिखा था, 'मैं बेहद दुखी होकर आत्महत्या कर रहा हूं। मेरी मौत की जिम्मेदारी आनंद गिरी, आद्या तिवारी और उसके बेटे संदीप तिवारी की है। प्रयागराज पुलिस से अनुरोध है कि तीनों के खिलाफ कानूनी कार्यवाई करें, ताकि मेरी आत्मा को शांति मिले।' उन्होंने लिखा था, 'आनंद कंप्यूटर से एक लड़की के साथ मेरा फोटो जोड़कर गलत काम कर मेरे को बदनाम कर रहा है। ऐसे में आत्महत्या के लिए मजबूर हो गया।'
पुलिस ने आनंद गिरी सहित तीनों को किया गिरफ्तार
पुलिस ने शिष्य आनंद गिरी को सोमवार शाम को गिरफ्तार कर आद्या तिवारी और उसके बेटे संदीप तिवारी को मंगलवार सुबह हिरासत में लिया था। पूछताछ के बाद पुलिस ने आद्या तिवारी को भी गिरफ्तार कर लिया था। SOG की टीम ने भी उनसे पूछताछ की थी। बुधवार को आनंद गिरी को कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। पुलिस अब आद्या तिवारी और उसके बेटे संदीप तिवारी से पूछताछ कर रही है।
पुलिस ने मेडिकल बोर्ड से कराया पोस्टमार्टम
महंत नरेंद्र गिरी का पांच डॉक्टरों के मेडिकल बोर्ड से करीब दो घंटे तक पोस्टमार्टम कराया गया। इसके बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट पुलिस के उच्च अधिकारियों को सौंप दी गई। प्रारंभिक रिपोर्ट में दम घुटने से उनकी मौत होना सामने आया है।
महंत नरेंद्र गिरी के पार्थिव देह को दी भू-समाधि
पोस्टमार्टम के बाद महंत नरेंद्र गिरी के पार्थिव देह को संगम में स्नान कराया गया था और उसके बाद उनकी बाघंबरी मठ तक अंतिम शव यात्रा निकाली गई। इसमें संतों और भक्तों का जन सैलाब उमड़ा। इसके बाद नरेंद्र गिरी की अंतिम इच्छा के अनुसार उनके उत्तराधिकारी बलवीर गिरी ने उनकी भू-समाधि की पूरी प्रक्रिया अपने हाथों से संपन्न की। इस दौरान साधु संतों हाथ जोड़कर उनकी आत्मा की शांति की कामना की।
उत्तर प्रदेश सरकार ने की थी मामले की CBI से जांच कराने की सिफारिश
बता दें कि महंत नरेंद्र गिरि के आत्महत्या करने की बात को इनकार करते हुए कई संतों ने मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी। अखाड़ा परिषद के महंत हरि गिरि ने कहा था कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मामले से जुड़े घटनाक्रम पर नजर रख रहे हैं। उनके बयान के कुछ घंटों बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार ने CBI जांच की सिफारिश कर दी थी। इसको लेकर CBI ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
प्रयागराज पुलिस से मामले से जुड़े सभी दस्तावेज लेगी पुलिस
मामले की जांच के लिए CBI द्वारा गठित छह सदस्यीय टीम प्रयागराज के लिए रवाना भी हो चुकी है। महंत की कथित मौत मामले में FIR दर्ज करने के बाद अब यह टीम प्रयागराज पुलिस ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और अन्य साक्ष्य हासिल करेगी। मामले की जांच के CBI के सामने सबसे बड़ा सवाल होगा कि नरेंद्र गिरि की मौत कैसे और किन परिस्थितियों में हुई। इसके अलावा वह जिस कमरे में उनका शव मिला था, उसकी भी जांच करेगी।