अनंतनाग में चौथे दिन मुठभेड़ जारी; 2-3 आतंकी घिरे, सेना ड्रोन-रॉकेट लॉन्चर से कर रही बमबारी
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ लगातार चौथे दिन जारी है। सुरक्षाबलों का कहना है कि 2-3 आतंकी कोकरनाग जंगल में छिपे हैं और उन्हें मारने के लिए ड्रोन और रॉकेट लॉन्चर से बमबारी की जा रही है। एक तरफ घने जंगलों और दूसरी तरफ गहरी खाई की वजह से सुरक्षाबलों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि आतंकी पहाड़ी पर एक गुफा में छिपे बैठे हैं।
अनंतनाग में अब तक 4 जवान शहीद
अनंतनाग में चल रही मुठभेड़ में अब तक सेना के 2 अधिकारी, एक जवान और जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक अधिकारी शहीद हो चुके हैं। बुधवार को भारतीय सेना के कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धौंचक और जम्मू-कश्मीर पुलिस के DSP हुमांयू भट शहीद हो गए थे। बाद में मुठभेड़ में घायल हुए एक जवान ने भी दम तोड़ दिया था। सभी को सैनिक सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई।
ड्रोन और रॉकेट लॉन्चर का इस्तेमाल कर रही सेना
सेना हेरॉन ड्रोन और रॉकेट लॉन्चर से आतंकियों पर हमले कर रही है। आतंकियों को 4 किलोमीटर के दायरे में घेर लिया गया है। दूसरी ओर, कश्मीर के बारामूला में भी सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी है। यहां के उरी और हथलंगा इलाके में 3 आतंकी देखे जाने के बाद सेना और पुलिस ने कार्रवाई शुरू की है। आज सुबह शुरू हुए एनकाउंटर में यहां 2 आतंकी मारे गए हैं।
गहरी खाई और घने जंगल ने बढ़ाई मुश्किलें
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, जिस पहाड़ी पर आतंकी छिपे हैं, वहां चढ़ने का रास्ता काफी संकरा है। एक तरफ ऊंचा पहाड़ और घना जंगल है तो दूसरी तरफ गहरी खाई है। आंतकियों को ऊपर होने से ये फायदा है कि वे सुरक्षाबलों की सारी गतिविधियां देख सकते हैं। जो 3 जवान शहीद हुए, उन्हें भी सुरक्षाबलों ने पहले से ही देखकर गोलाबारी शुरू कर दी। रास्ते में छिपने की जगह नहीं थी और नीचे गिरने का भी खतरा था।
पूरी तैयारी के साथ आए हैं आतंकी
बताया जा रहा है कि आतंकियों में पिछले साल लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हुआ उजैर खान भी शामिल है। उसे इस इलाके की पूरी जानकारी है। आतंकियों के पास भारी मात्रा में आधुनिक हथियार और खाने-पीने का सामान है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सामान्य आतंकी सुरक्षाबलों के सामने इतने लंबे समय तक नहीं टिक सकते, इस वजह से अंदेशा लगाया जा रहा है कि इन आतंकियों को उच्च दर्जे की ट्रेनिंग दी गई है।
न्यूजबाइट्स प्लस
इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी सगंठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है। ये लश्कर-ए-तैयबा का ही एक सहयोगी संगठन है। इसी साल 5 जनवरी को गृह मंत्रालय ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत TRF को आतंकी संगठन घोषित किया था। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से ये संगठन काफी सक्रिय हुआ है। TRF का कहना है कि उसने आतंकी रियाज अहमद की हत्या का बदला लेने के लिये ये हमला किया है।