#NewsBytesExplainer: सेना ने ध्रुव हेलिकॉप्टर के संचालन पर लगाई रोक, जानें इस हेलिकॉप्टर की पूरी कहानी
4 मई को जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में भारतीय सेना का हेलिकॉप्टर ध्रुव दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हादसे में हेलिकॉप्टर में सवार पायलट समेत 2 लोग घायल हुए थे और एक जवान की मौत हो गई थी। इस घटना के दो दिन बाद सेना ने एहतियातन ध्रुव हेलिकॉप्टर के इस्तेमाल पर रोक लगाने का फैसला किया है। इससे पहले नौसेना और कोस्ट गार्ड भी ध्रुव के इस्तेमाल पर रोक लगा चुके हैं। आज इस हेलिकॉप्टर के बारे में जानते हैं।
ध्रुव हेलिकॉप्टर के बारे में खास बातें
ध्रुव एक एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर (ALH) है। भारतीय सेना के अलग-अलग अंग कई तरह के ऑपरेशन में इसका इस्तेमाल करते हैं। साल 1992 में इस हेलिकॉप्टर ने पहली उड़ान भरी थी। इस पर 20 मिलीमीटर की बंदूक और 70 मिलीमीटर रॉकेट है। इससे हवा से हवा में वार करने वाली मिसाइल और एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल को दागा जा सकता है। एक बार में इसमें 12 लोग बैठ सकते हैं और इसे दो पायलट मिलकर उड़ाते हैं।
क्या है हेलिकॉप्टर की खासियत?
15.9 मीटर लंबा, 13.2 मीटर चौड़ा और 4.98 मीटर ऊंचा यह हेलिकॉप्टर एक बार में 630 किलोमीटर तक उड़ान भर सकता है। ये अधिकतम 290 किलोमीटर प्रति घंटी की रफ्तार से उड़ान भर सकता है। वर्तमान में ध्रुव के अलग-अलग वेरिएंट इस्तेमाल में हैं। इन्हें Mk- I, Mk- II, Mk- III और Mk- IV नाम से जाना जाता है। सेना के मूवमेंट, रेस्क्यू ऑपरेशन और राहत सामग्री को लाने ले जाने समेत कई कामों में इसका इस्तेमाल किया जाता है।
20,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भरने में सक्षम
ध्रुव हेलिकॉप्टर 20,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) की वेबसाइट के मुताबिक, दो इंजनों से लैस यह हेलिकॉप्टर ज्यादा ऊंचाई पर सभी मौसम में उड़ान भरने में सक्षम है। रात में उड़ान भरने के लिए इसे ग्लास कॉकपिट और एडवांस्ड एवियोनिक्स फीचर्स से लैस किया गया है। HAL अक्टूबर, 2022 तक 336 ध्रुव हेलिकॉप्टर का प्रोडक्शन कर चुकी है। बता दें कि 2002 में इसे भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था।
कौन-कौनसे देश करते हैं ध्रुव का इस्तेमाल?
भारतीय सेना के अलावा नेपाल की सेना, मॉरिशस और मालदीव की पुलिस भी इनका इस्तेमाल करती है। झारखंड, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक सरकार और सीमा सुरक्षा बल (BSF) के पास भी ध्रुव हेलिकॉप्टर हैं। अगस्त, 2008 में तुर्की के साथ भी 3 ध्रुव हेलिकॉप्टर को लेकर डील साइन हुई थी। भारत कई देशों को उपहार स्वरूप या दान के तौर पर भी ध्रुव हेलिकॉप्टर दे चुका है। दक्षिण अमेरिका के कई देशों ने ध्रुव को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है।
ध्रुव के बनने की कहानी
साल 1984 में भारतीय सेना ने HAL को 5 टन वजनी मल्टी रोल हेलिकॉप्टर बनाने का कॉन्ट्रैक्ट दिया था। 20 अगस्त, 1992 को बेंगलुरू में तत्कालीन उपराष्ट्रपति केआर नारायणन की उपस्थिति में हेलिकॉप्टर के पहले प्रोटोटाइप ने उड़ान भरी थी। इसके बाद अलग-अलग प्रोटोटाइप का परीक्षण किया गया। 1998 में हुए पोखरण परमाणु परीक्षण के बाद भारत पर लगे प्रतिबंधों की वजह से हेलिकॉप्टर के इंजन में बदलाव करना पड़ा था।
इसी साल तीन हादसों का शिकार हुए ध्रुव हेलिकॉप्टर
बता दें कि 2023 में अब तक ध्रुव हेलिकॉप्टर तीन बड़े हादसों का शिकार हुआ है। 8 मार्च को नौसेना के एक ध्रुव हेलिकॉप्टर की अरब सागर में इमरजेंसी लैंडिंग करवानी पड़ी थी। 26 मार्च को भारतीय कोस्ट गार्ड द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे ध्रुव हेलिकॉप्टर की केरल में इमरजेंसी लैंडिंग करवाई गई थी। 4 मई को किश्तवाड़ में ध्रुव के क्रैश होने से एक जवान की मौत हो गई थी।
इक्वाडोर सरकार ने रद्द कर दी थी डील
ध्रुव हेलिकॉप्टर हादसों की वजह से विवादों में रहता है। इक्वाडोर सरकार ने HAL से 9 ध्रुव हेलिकॉप्टर के लिए डील साइन की थी। अक्टूबर, 2009 में इसमें से एक हेलिकॉप्टर के क्रैश होने के बाद इक्वाडोर सरकार ने कथित तौर पर इसे वापस लेने को कहा था। 2015 तक इक्वाडोर द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे 4 ध्रुव हेलिकॉप्टर क्रैश होने के बाद सरकार ने डील को रद्द कर दिया था और इनके इस्तेमाल पर भी रोक लगा दी थी।