40 साल से अधिक उम्र वालों को दी जा सकती है वैक्सीन की तीसरी खुराक- INSACOG
देश में कोरोना वायरस के बेहद खतरनाक माने जा रहे ओमिक्रॉन वेरिएंट के दो मामले सामने आने के बाद सरकार की चिंता बढ़ गई है। सरकार और चिकित्सा विशेषज्ञों ने इसके प्रसार को रोकने के लिए तैयारियों को तेज कर दिया है। इसी बीच भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स सीक्वेंसिंग कंसोर्टियम (INSACOG) ने लोगों की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए 40 साल से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन की तीसरी खुराक (बूस्टर डोज) देने की सिफारिश की है।
INSACOG ने क्या की है सिफारिश?
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, कोरोना के जीनोमिक बदलावों की निगरानी के लिए सरकार द्वारा स्थापित राष्ट्रीय परीक्षण प्रयोगशालाओं का के नेटवर्क INSACOG ने अपने बुलेटिन में कहा है, "वैक्सीन ने लगवाने वाले लोगों में कोरोना का खतरा अधिक है। ऐसे में इनके वैक्सीनेशन के साथ 40 साल के ऊपर के लोगों को तीसरी खुराक देने पर प्राथमिकता के साथ विचार किया जा सकता है।" सिफारिश में उच्च जोखिम वाले लोगों को भी तीसरी खुराक देने की बात कही है।"
INSACOG ने तीसरी खुराक के पीछे क्या बताया कारण?
INSACOG ने बुलेटिन में कहा है, "वर्तमान में वैक्सीन से बनने वाले एंटीबॉली समय के साथ कमजोर होती जा रही है। ऐसे में बची हुई एंटीबॉडी में ओमिक्रॉन वेरिएंट के प्रभाव को बेअसर करने की संभावना नहीं है।" बुलेटिन में कहा गया है, "कमजोर एंटीबॉडी के कारण ओमिक्रॉन वेरिएंट गंभीर प्रभाव दिखा सकता है। ऐसे में उच्च जोखिम और 40 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को प्राथमिकता के आधार पर तीसरी खुराक देने पर विचार किया जाना चाहिए।"
ओमिक्रॉन की पहचान के लिए आवश्यक है जीनोम सीक्वेंसिंग
INSACOG ने कहा है कि ओमिक्रॉन की पहचान के लिए जीनोमिक सीक्वेंसिंग बहुत महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही सभी तरह के सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का पालन भी किया जाना चाहिए। इसी तरह यात्राओं पर निगरानी के साथ ओमिक्रॉन से प्रभावित इलाकों पर नजर रखी जानी चाहिए। इसके अलावा संक्रमण के मामलों की कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग करते हुए इसके प्रसार को अन्य इलाकों में पहुंचने से रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाने चाहिए।
NTAGI ने तीसरी खुराक पर नई नीति आने की जताई थी संभावना
बता दें कि वैक्सीनेशन पर सरकार के सलाहकार समूह नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन (NTAGI) ने नवंबर के अंत में कहा था कि वैक्सीन की बूस्टर और अतिरिक्त खुराक पर एक नीति दो सप्ताह में आने की उम्मीद है। इसके अब INSACOG की सिफारिश ने तीसरी खुराक की आवश्यकता को बल दे दिया है। इधर, संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान सांसदों ने लोकसभा में तीसरी खुराक को मंजूरी देने की मांग की है।
भारत में सामने आए ओमिक्रॉन वेरिएंट के दो मामले
बता दें कि गुरुवार को कर्नाटक में ओमिक्रॉन वेरिएंट के दो मामलों की पुष्टि हुई है। इनमें एक 46 वर्षीय डॉक्टर है और दूसरा 66 वर्षीय दक्षिण अफ्रीकी नागरिक है। वह 27 नवंबर को UAE लौट चुका है। दोनों मामलों के संपर्कों का पता लगाकर उन्हें भी क्वारंटाइन कर दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ओमिक्रॉन को 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' बताया है। यह अन्य वेरिएंट्स की तुलना में अधिक संक्रामक और खतरनाक हो सकता है।