ओमिक्रॉन वेरिएंट: वैक्सीन के नए वर्जन पर काम कर रही नोवावैक्स, मॉडर्ना बनाएगी बूस्टर शॉट
क्या है खबर?
अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के खिलाफ वैक्सीन का नया वर्जन तैयार कर रही है। कंपनी ने कहा कि अगले कुछ हफ्तों में यह वैक्सीन ट्रायल और उत्पादन के लिए तैयार हो जाएगी।
इसी तरह एक और अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना ने बताया है कि वह नए वेरिएंट के खिलाफ बूस्टर शॉट (आम भाषा में तीसरी खुराक) बना रही है।
बता दें कि दोनों कंपनियों ने पहले ही कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन बना ली है।
कोरोना वैक्सीन
मॉडर्ना ने क्या कहा है?
मॉडर्ना के प्रमुख कार्यकारी अधिकारी (CEO स्टीफन बेंसल ने कहा, "ओमिक्रॉन वेरिएंट में हुई म्यूटेशन चिंताजनक है और हम कई दिनों से इस वेरिएंट के मुकाबले के लिए अपनी रणनीति को लागू करने की तरफ बढ़ रहे हैं।"
कंपनी ने नए खतरे का सामना करने के लिए तीन रणनीतियां बनाई हैं, जिनमें से एक उसकी मौजूदा वैक्सीन की ज्यादा खुराक के साथ ओमिक्रॉन के प्रसार पर काबू पाना है।
अमेरिका समेत कई देश मॉडर्ना वैक्सीन इस्तेमाल कर रहे हैं।
नई वैक्सीन
नोवावैक्स ने काम शुरू किया
नोवावैक्स की वैक्सीन में स्पाइक प्रोटीन का असली वर्जन मौजूद होगा। वैक्सीन लगाने के बाद यह व्यक्ति को बीमार नहीं करेगा, लेकिन इंसानी इम्युन सिस्टम उसके खिलाफ एंटीबॉडी तैयार कर लेगा।
कंपनी ने कहा कि उसने ओमिक्रॉन की जेनेटिक सीक्वेंस के आधार पर स्पाइक प्रोटीन बनाने शुरू कर दिए हैं और शुरुआती काम में कुछ हफ्तों का समय लग सकता है।
नोवावैक्स की कोरोना वैक्सीन को इंडोनेशिया और फिलिपींस में इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है।
कोरोना वायरस
बाकी कंपनियां क्या कर रही हैं?
फाइजर के साथ मिलकर कोरोना वैक्सीन तैयार करने वाली जर्मन कंपनी बायोएनटेक और जॉनसन एंड जॉनसन ने कहा कि वो नए वेरिएंट के खिलाफ अपनी मौजूदा वैक्सीनों की प्रभावकारिता जांच रही हैं।
इसी तरह एक इनोवियो फार्मा ने कहा है कि वह अपनी संभावित वैक्सीन INO-4800 का परीक्षण कर रही है कि यह नए वेरिएंट के खिलाफ कितनी प्रभावी साबित हो सकती है। साथ ही यह ओमिक्रॉन के लिए एक नई वैक्सीन तैयार करने पर काम कर रही है
जानकारी
दो हफ्ते में पूरा होगा परीक्षण
इनोवियो फार्मा के वरिष्ठ अधिकारी केट ब्रॉडेरिक ने उम्मीद जताई कि INO-4800 ओमिक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी साबित हो सकती है। अगर यह नहीं होती है तो कंपनी के पास एक नई वैक्सीन तैयार होगी। दो सप्ताह में INO-4800 का परीक्षण पूरा हो सकता है।
कोरोना का नया वेरिएंट
मौजूदा वैक्सीन को लेकर क्या चिंताएं हैं?
कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अभी तक जो वैक्सीनें इस्तेमाल हो रही हैं, उन्हें स्पाइक प्रोटीन को निशाना बनाने के लिए तैयार किया गया है।
ये वैक्सीनें इंसानी इम्युन सिस्टम को स्पाइक प्रोटीन की पहचान कर उसके खिलाफ एंटीबॉडी बनाने के लिए प्रशिक्षित करती हैं।
अब चूंकि नए वेरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में ज्यादा म्यूटेशन्स हुई हैं तो इम्युन सिस्टम को इन्हें पहचानने और इनके खिलाफ हमला करने में परेशानी हो सकती है।
कोरोना वायरस
ओमिक्रॉन में हुई हैं 32 म्यूटेशन्स
दक्षिण अफ्रीका, हांगकांग और बोत्सवाना में पाए गए कोरोना वायरस के इस नए वेरिएंट का वैज्ञानिक नाम B.1.1.529 है और इसकी स्पाइक प्रोटीन में 32 म्यूटेशन हुई हैं।
इसमें P681H और N679K जैसी म्यूटेशन भी हुई हैं जो अल्फा और गामा जैसे वेरिएंट में पाई जा चुकी हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि एक ही वेरिएंट में इतनी म्यूटेशन खतरे की घंटी है और यह वेरिएंट अधिक संक्रामक और खतरनाक हो सकता है।