NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    क्रिकेट समाचार
    नरेंद्र मोदी
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
    राहुल गांधी
    #NewsBytesExplainer
    IPL 2025
    ऑपरेशन सिंदूर
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout

    देश
    राजनीति
    दुनिया
    बिज़नेस
    खेलकूद
    मनोरंजन
    टेक्नोलॉजी
    करियर
    अजब-गजब
    लाइफस्टाइल
    ऑटो
    एक्सक्लूसिव
    विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
    होम / खबरें / दुनिया की खबरें / छह महीने के अंदर कम होने लगती है फाइजर और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीनों की प्रभावशीलता- स्टडी
    अगली खबर
    छह महीने के अंदर कम होने लगती है फाइजर और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीनों की प्रभावशीलता- स्टडी
    छह महीने में कम हो जाती है कोविड वैक्सीनों की प्रभावशीलता

    छह महीने के अंदर कम होने लगती है फाइजर और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीनों की प्रभावशीलता- स्टडी

    लेखन मुकुल तोमर
    Aug 25, 2021
    05:22 pm

    क्या है खबर?

    फाइजर-बायोएनटेक और एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड की कोविड वैक्सीनों द्वारा प्रदान की जाने वाली सुरक्षा दूसरी खुराक के छह महीने के अंदर ही कम होने लगती है। ब्रिटेन में हुई एक स्टडी में ये बात सामने आई है और ये बूस्टर (तीसरी) खुराक की जरूरत को दर्शाती है जिसकी तैयारी कई अमीर देश कर रहे हैं।

    इससे पहले के विश्लेषण में इसी स्टडी में वैक्सीनों के कम से कम छह महीने तक प्रभावी साबित होने की बात सामने आई थी।

    नतीजे

    क्या रहे स्टडी के नतीजे?

    ब्रिटेन की जोई कोविड स्टडी के नतीजों के अनुसार, कोरोना संक्रमण को रोकने की फाइजर वैक्सीन की क्षमता दूसरी खुराक के पांच से छह महीने बाद 88 प्रतिशत से घटकर 74 प्रतिशत हो जाती है।

    इसी तरह एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की प्रभावशीलता चार से पांच महीने बाद 77 प्रतिशत से कम होकर 67 प्रतिशत हो जाती है।

    लगभग 12 लाख टेस्ट के नतीजों के आधार पर ये रिपोर्ट तैयार की गई है।

    अनुमान

    सर्दियों तक बुजुर्गों और स्वास्थ्यकर्मियों पर 50 प्रतिशत से कम प्रभावी हो सकती हैं वैक्सीनें

    स्टडी के प्रमुख शोधकर्ता टिम स्पेक्टर ने कहा कि सबसे बुरी स्थिति में सर्दियों तक बुजुर्गों और स्वास्थ्यकर्मियों के लिए वैक्सीन की सुरक्षा 50 प्रतिशत से भी कम हो सकती है।

    उन्होंने BBC से कहा, "इससे कुछ कदम उठाने की जरूरत उजागर होती है। हम बैठ कर सुरक्षा को धीरे-धीरे कम होते हुए नहीं देख सकते, जबकि मामले अभी भी काफी अधिक हैं और संक्रमित होने की संभावना भी अधिक है।"

    तीसरी खुराक

    अपने नागरिकों को बूस्टर खुराक लगाने की तैयारी कर रहे हैं कई अमीर देश

    बता दें कि वैक्सीनों की घटती प्रभावशीलता और डेल्टा वेरिएंट जैसे अधिक संक्रामक वेरिएंट्स के प्रसार के कारण कई अमीर अपने नागरिकों को बूस्टर खुराक लगाने की तैयारी कर रही हैं।

    इजरायल तो अपने नागरिकों को बूस्टर खुराक लगाना शुरू भी कर चुका है, वहीं अमेरिका और ब्रिटेन ने अपने नागरिकों को तीसरी खुराक लगाने का ऐलान किया है।

    जर्मनी और फ्रांस भी अपने नागरिकों को कोरोना वैक्सीन की तीसरी खुराक लगाने का निर्णय ले चुके हैं।

    बूस्टर खुराक

    इजरायल में हुई स्टडी में सामने आए बूस्टर खुराक के फायदे

    इजरायल में असली दुनिया की परिस्थितियों में हुई एक स्टडी में बूस्टर खुराक के फायदे भी सामने आए हैं।

    इस स्टडी के नतीजों मे सामने आया कि फाइजर वैक्सीन की बूस्टर खुराक से 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को संक्रमण से चार गुना अधिक सुरक्षा मिलती है। इसी तरह उनके गंभीर रूप से बीमार होने और अस्पताल में भर्ती होने की संभावना भी पांच से छह गुना कम हो जाती है।

    विरोध

    बूस्टर खुराक लगाने का विरोध कर चुका है WHO

    हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि मौजूदा आंकड़े बताते हैं कि लोगों को तीसरी खुराक देने की जरूरत नहीं है। अमीर देशों को तीसरी खुराक लगाने से पहले गरीब देशों और अधिक जोखिम का सामना कर रहे लोगों के वैक्सीनेशन पर ध्यान देना चाहिए।

    WHO ने सभी देशों से सितंबर के अंत तक कोविड वैक्सीन की तीसरी खुराक लगाना शुरू न करने की अपील की थी, हालांकि उन्होंने इस अपील को अनसुना कर दिया।

    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    सम्बंधित खबरें
    ताज़ा खबरें
    कोरोना वायरस वैक्सीन
    ऑक्सफोर्ड कोरोना वायरस वैक्सीन
    फाइजर कोरोना वैक्सीन

    ताज़ा खबरें

    इंटर मिलान को हराकर पहली बार चैंपियन्स लीग विजेता बनी पेरिस सेंट-जर्मेन, बनाए ये रिकॉर्ड्स  चैंपियन्स लीग
    इजरायल के साथ युद्धविराम पर सहमत हुआ हमास, बंधकों की रिहाई के बदले रखीं ये शर्तें इजरायल
    मिस वर्ल्ड 2025: टूट गया भारत की जीत का सपना, थाईलैंड की सुचाता चुआंग्सरी बनीं विजेता मिस वर्ल्ड
    राजपाल यादव बाेले- बॉलीवुड में अगर नपोटिज्म होता तो मेरे 200 रिश्तेदार यहीं होते राजपाल यादव

    कोरोना वायरस वैक्सीन

    सितंबर से स्पूतनिक-V वैक्सीन का उत्पादन शुरू करेगा सीरम इंस्टीट्यूट सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII)
    कोरोना वैक्सीन भेजने के लिए भारत सरकार की मंजूरी का इंतजार कर रहा अमेरिका अमेरिका
    दोनों खुराक लगवा चुके लोगों को मुंबई आने के लिए नहीं चाहिए RT-PCR की नेगेटिव रिपोर्ट मुंबई
    वैक्सीन की दो खुराक कोरोना से होने वाली 95 प्रतिशत मौतें टालने में सफल- ICMR अध्ययन तमिलनाडु

    ऑक्सफोर्ड कोरोना वायरस वैक्सीन

    कोरोना वायरस: 12 हफ्ते बाद दूसरी खुराक लगाने पर ज्यादा प्रभावी साबित होती है ऑक्सफोर्ड वैक्सीन कोरोना वायरस
    कोरोना वायरस: WHO के विशेषज्ञ समूह ने की ऑक्सफोर्ड वैक्सीन के इस्तेमाल की सिफारिश विश्व स्वास्थ्य संगठन
    कई यूरोपीय देशों ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन पर लगाई रोक, जानिए वजह विश्व स्वास्थ्य संगठन
    अमेरिका में हुए ट्रायल में 79 प्रतिशत प्रभावी पाई गई एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन वैक्सीन समाचार

    फाइजर कोरोना वैक्सीन

    कोरोना वायरस: फाइजर ने भारत से वापस लिया वैक्सीन की आपात मंजूरी का आवेदन कोरोना वायरस
    कोरोना वायरस: दक्षिण अफ्रीकी वेरिएंट के खिलाफ दो-तिहाई कम एंटीबॉडीज पैदा करती है फाइजर की वैक्सीन कोरोना वायरस वैक्सीन
    वैक्सीनेशन प्रक्रिया पूरी होने के बाद लोगों को क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिए? भारत की खबरें
    कोरोना वायरस: पहली खुराक के बाद भी 80 प्रतिशत प्रभावी हैं फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीनें कोरोना वायरस वैक्सीन
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स दक्षिण भारतीय सिनेमा भाजपा समाचार बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive ट्रैवल टिप्स IPL 2025
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2025