क्यों हो रही है जायडस कैडिला की तीन खुराक वाली वैक्सीन के इस्तेमाल में देरी?
क्या है खबर?
कोरोना वायरस के खिलाफ गुजरात स्थित फार्मा कंपनी जायडस-कैडिला की तीन खुराक वाली वैक्सीन जायकोव-डी (ZyCoV-D) को आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिले हुए डेढ़ महीने से अधिक समय हो गया है, लेकिन उसका अभी तक वैक्सीनेशन अभियान में इसका इस्तेमाल शुरू नहीं हुआ है।
इसको लेकर चिकित्सा विशेषज्ञ और लोगों में कई तरह के शंकाएं बढ़ रही है।
इसी बीच सरकार ने स्पष्ट किया है कि आखिर वैक्सीन के इस्तेमाल में इतनी देरी क्यों हो रही है।
मंजूरी
वैक्सीन को अगस्त में मिली थी मंजूरी
बता दें कि कंपनी ने जुलाई में अपनी वैक्सीन को मंजूरी के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) के समक्ष आवेदन किया था।
वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल के नतीजों की समीक्षा करने के बाद DCGI ने 21 अगस्त को वैक्सीन 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों और व्यस्कों पर आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी थी।
बता दें कि भारत में 18 साल से कम आयु वर्ग पर इस्तेमाल के लिए मंजूरी पाने वाली यह पहली वैक्सीन है।
प्रभावी
तीसरे चरण के ट्रायल में 66.66 प्रतिशत प्रभावी मिली थी वैक्सीन
ZyCoV-D प्लास्मिड DNA प्लेटफॉर्म पर बनी दुनिया की पहली कोरोना वायरस वैक्सीन है, जिसे आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है।
इस वैक्सीन को कंपनी ने भारत सरकार के बायोटेक्नोलॉजी विभाग के साथ मिलकर तैयार किया है और यह तीसरे चरण के ट्रायल में 66.66 प्रतिशत प्रभावी पाई गई थी।
उसके बाद इसके 12-18 साल के उम्र वर्ग पर जल्द इस्तेमाल की उम्मीद बढ़ी थी, लेकिन अभी तक इसका इस्तेमाल शुरू नहीं हो सका है।
खासियत
वैक्सीन लगाने के लिए सुई वाले इंजेक्शन की नहीं पड़ेगी जरूरत
जायडस कैडिला वैक्सीन की एक और खास बात यह है कि इसे लगाने के लिए सुई वाले इंजेक्शन की जरूरत नहीं होगी। यह इंट्राडर्मल इंजेक्शन होगा, जिसे ऐप्लिकेटर के जरिए लगाया जाएगा।
इंट्राडर्मल इंजेक्शन वो होते हैं, जो मांसपेशियों की बजाय त्वचा में लगाए जाते हैं। इस वजह से वैक्सीन लगवाते समय होने वाला दर्द भी कम हो जाता है।
भारत में मंजूरी पाने वाली यह कुल छठी और कोवैक्सिन के बाद दूसरी स्वदेशी वैक्सीन है।
जानकारी
सरकार ने अक्टूबर में इस्तेमाल शुरू किए जाने की जताई थी उम्मीद
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने 30 सितंबर को ZyCoV-D का अक्टूबर में वैक्सीनेशन अभियान में इस्तेमाल शुरू करने की उम्मीद जताई थी। उन्होंने कहा था कि कीमत पर चर्चा हो रही है और इसकी कीमत अन्य वैक्सीनों से अलग होगी।
कारण
सरकार ने यह बताया वैक्सीन के इस्तेमाल में देरी का कारण
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वीके पॉल ने कहा कि सरकार वैक्सीन के इस्तेमाल के लिए प्रशिक्षण और लॉजिस्टिक के मुद्दों पर काम कर रही है। इसका कारण है कि इस वैक्सीन के उपयोग में सिरिंज का इस्तेमाल नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि इस वैक्सीन को लगाने के लिए ऐप्लिकेटर का उपयोग किया जाएगा और भारत में वैक्सीन लगाने के लिए इसका पहली बार इस्तेमाल होगा। ऐसे में इसकी तैयारी की जा रही है।
इस्तेमाल
जल्द ही शुरू होगा वैक्सीन का इस्तेमाल- डॉ पॉल
डॉ पॉल ने कहा, "राष्ट्रीय वैक्सीनेशन अभियान में ZyCoV-D वैक्सीन का इस्तेमाल शुरू करने की जोर-शोर से तैयारी चल रही है, हालांकि, अभी इसकी कोई तारीख निर्धारित नहीं की गई है। अब बस यह केवल थोड़े समय की बात है।"
उन्होंने कहा, "वैक्सीन के इस्तेमाल में ऐप्लिकेटर का उपयोग होने को देखते हुए प्रशिक्षण का कार्य चल रहा है। इसके पूरा होते ही इस्तेमाल शुरू कर दिया जाएगा। यह देश के लिए बड़ा कदम होगा।"