यूक्रेन के राष्ट्रपति की रूस से मांग- सार्थक बातचीत के लिए शहरों पर बमबारी बंद करे
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने रूस से सीजफायर पर सार्थक बातचीत के लिए शहरों पर बमबारी बंद करने को कहा है। मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी सार्थक बातचीत के लिए बमबारी रुकना जरूरी है। नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन (NATO) के सदस्य देशों से भी अपील करते हुए उन्होंने कहा कि अगर वो यूक्रेन को संगठन में शामिल नहीं करना चाहते तो कम से कम कानूनी तौर पर बाध्य सुरक्षा गारंटी जरूर दें।
बातचीत करनी है तो बमबारी बंद करे रूस- जेलेंस्की
राजधानी कीव स्थित एक बेहद सुरक्षित सरकारी इमारत में अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स और अमेरिकी चैनल CNN को दिए गए इंटरव्यू में जेलेंस्की ने कहा, "कम से कम लोगों पर बमबारी बंद करना आवश्यक है, बमबारी बंद कर दीजिए और फिर बातचीत करते हैं।" बता दें कि दोनों देशों के बीच यूक्रेन-बेलारूस की सीमा पर बातचीत चल रही है और आज दूसरे दौर की बातचीत होनी है। अभी तक इस बातचीत में कोई समाधान नहीं निकला है।
जेलेंस्की ने फिर दोहराई यूक्रेन के ऊपर नो-फ्लाई जोन घोषित करने की मांग
अपने इंटरव्यू में जेलेंस्की ने NATO से यूक्रेन के ऊपर नो-फ्लाई जोन घोषित करने की मांग भी की। उन्होंने कहा, "ये NATO देशों को युद्ध में खींचना नहीं है। सच ये है कि हर किसी को युद्ध में पहले ही खींच लिया गया है, यूक्रेन ने नहीं बल्कि रूस ने। एक बड़े स्तर का युद्ध चल रहा है।" इस बीच उन्होंने यह साफ किया कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन उनसे कह चुके हैं कि फिलहाल ऐसा करना संभव नहीं है।
जेलेंस्की ने NATO से मांगी सुरक्षा की कानूनी गारंटी
जेलेंस्की ने NATO से यूक्रेन को संगठन में शामिल करने की प्रक्रिया तेज करने की अपील भी की। उन्होंने कहा, "हमारे सहयोगी अगर यूक्रेन को NATO में शामिल करने को तैयार नहीं हैं.... क्योंकि रूस यूक्रेन को NATO में नहीं चाहता, तो उन्हें यूक्रेन के लिए कॉमन सुरक्षा गारंटी पर काम करना चाहिए... इसका मतलब है कि हमारी क्षेत्रीय अखंडता बनी रहे, हमारी सीमा सुरक्षित रहे... जो हमें सुरक्षा दें, वो इसकी कानूनी गारंटी दें।"
अंतिम दम तक लड़ेगा यूक्रेन- जेलेंस्की
युद्ध के बावजूद अपने नागरिकों के साथ कीव में ही बने हुए जेलेंस्की ने कहा कि उनका देश अंतिम दम तक लड़ेगा। उन्होंने कहा, "यह जानना बहुत जरूरी है कि अगर यूक्रेन हारा तो रूस के ये सभी सैनिक NATO के सदस्य देशों की सीमाओं पर पहुंच जाएंगे और आपको वहां भी इसी सवाल का सामना करना पड़ेगा।" उन्होंने कहा, "ये हमारा घर है। हमारे बच्चों के भविष्य के लिए हम हमारी जमीन, हमारे घरों की रक्षा कर रहे हैं।"
64 किलोमीटर लंबे काफिले के साथ कीव की तरफ बढ़ रही रूसी सेना
जेलेंस्की का ये इंटरव्यू ऐसे समय पर आया है जब रूस की सेना 64 किलोमीटर लंबे काफिले के साथ कीव की तरफ बढ़ रही है। वह कीव की घेराबंदी करने और इस पर बड़ा हमला करने की तैयारी कर रहा है। युद्ध के पहले दिन से ही रूस कीव पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है, हालांकि वो अपने मंसूबों में नाकामयाब रहा है और उसे यूक्रेनी सेना और लोगों से कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है।