उत्तराखंड का हरिद्वार बना सर्वश्रेष्ठ आकांक्षी जिला, नीति आयोग की रैंकिंग में रहा अव्वल
क्या है खबर?
नीति आयोग ने उत्तराखंड के धार्मिक शहर हरिद्वार को पांच मानकों के आंकलन के आधार पर देश का सर्वश्रेष्ठ आकांक्षी जिला घोषित किया है।
इसके साथ ही आयोग ने जिले के विकास के लिए तीन करोड़ रुपये अतिरिक्त आवंटित किए हैं।
इससे पहले जुलाई में आयोग ने बिहार के गया को शीर्ष आकांक्षी जिला घोषित किया था, लेकिन एक महीने बाद ही हरिद्वार ने अपनी स्थिति में सुधार करते हुए सर्वश्रेष्ठ जिले का तमगा हासिल कर लिया।
सूचना
आयोग ने मुख्य सचिव को पत्र भेजकर दी जानकारी
नीति आयोग के आकांक्षी जिला कार्यक्रम के निदेशक राकेश रंजन ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव एसएस संधू और हरिद्वार के जिला कलेक्टर को पत्र भेजकर कहा है कि हरिद्वारा जिले ने बुनियादी सुविधाओं के विषय में पहला स्थान हासिल किया है और वह तीन करोड़ रुपये के अतिरिक्त आवंटन पाने का हकदार बन गया है।
इस सूचना के बाद मुख्य सचिव और जिला कलक्टर ने आकांक्षी जिला कार्यक्रम में शामिल अधिकारी और कर्मचारियों को बधाई दी है।
बयान
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की रुचि से मिली सफलता- कलक्टर
जिला कलक्टर विनय शंकर पांडे ने हिंदुस्तान टाइम्स से कहा, "हरिद्वार जिला केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को आवंटित किया गया है जो इसे देश में नंबर 1 आकांक्षी जिला बनाने में सक्रिय रुचि ले रहे हैं।"
उन्होंने कह, "अब हम नंबर एक जिला बन गए हैं, इसलिए हमें आकांक्षात्मक जिलों के कार्यक्रम के तहत पांच मानकों पर आगे के विकास के लिए तीन करोड़ रुपये अतिरिक्त देकर सम्मानित किया गया है। यह गर्व की बात है।"
सुधार
स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार करने से मिली सफलता
जिला कलक्टर पांडे ने कहा, "हरिद्वार जिला केवल एक पैरामीटर पर आकांक्षी जिलों में पिछड़ रहे था और वह था स्वास्थ्य क्षेत्र है। हमनें इसमें काफी सुधार किया है और इसके परिणाम भी सामने आ गए हैं।"
उन्होंने कहा, "नीति आयोग की ओर से आवंटित की गई अतिरिक्त राशि का उपयोग रुड़की के उप जिला अस्पतालों और जिला अस्पताल सहित स्वास्थ्य क्षेत्र में और अधिक सुधार लाने के लिए किया जाएगा। इससे जिले की स्थिति मजबूत होगी।"
पृष्ठभूमि
इन मानकों के आधार पर जारी की जाती है रैंकिंग
बता दें कि नीति आयोग की ओर से आकांक्षी जिला कार्यक्रम के तहत पांच मानकों के आधार पर जिलों को रैंकिंग दी जाती है।
इनमें स्वास्थ्य और पोषण, कृषि संसाधन, वित्तीय समावेशन, कौशल विकास और बुनियादी ढांचा सुविधाएं शामिल हैं।
जुलाई की रैंकिंग में बिहार के गया जिले ने 52.2 अंकों के साथ स्वास्थ्य और पोषण में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था, इसके कारण हरिद्वार जिला पिछड़ गया था। इसके बाद अब उसने बड़ा सुधार किया है।