यूक्रेन की राजधानी कीव स्थित अपने दूतावास को फिर से खोलेगा भारत
भारत ने यूक्रेन की राजधानी कीव स्थित अपने दूतावास को फिर से खोलने का ऐलान किया है। विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि भारतीय दूतावास 17 मई से कीव से काम करना शुरू कर देगा। दूतावास ने रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद 13 मार्च को कीव से काम करना बंद कर दिया था और फिलहाल ये पोलैंड की राजधानी वारसा से कामकाज संभाल रहा था।
कीव के बाद दूतावास ने कुछ दिन किया था ल्वीव से काम
बता दें कि रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला किया था और पहले ही दिन से उसने कीव पर गोलाबारी शुरू कर दी थी। इसके कारण भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने यूक्रेन के पश्चिमी शहर ल्वीव से काम करना शुरू कर दिया था। भारत ने यूक्रेन में फंसे छात्रों को बाहर निकालने का अभियान कीव और ल्वीव से ही चलाया, लेकिन जब ल्वीव पर भी रूस ने मिसाइलें दागीं तो दूतावास को पोलैंड शिफ्ट कर दिया गया।
रूस-यूक्रेन युद्ध की अभी क्या स्थिति?
दो महीने के युद्ध के बावजूद यूक्रेन की राजधानी कीव पर कब्जा करने में नाकाम रहने के बाद रूस ने अपना ध्यान यूक्रेन के पूर्वी हिस्सों पर केंद्रित किया है। रूस ने यहां हजारों की संख्या में सैनिक तैनात किए है और यहां स्थित शहरों पर लगातार हमले कर रहा है। रविवार को ही रूसी सेना ने लुहान्स्क शहर के बिलोहोरिवका में एक स्कूल पर बम गिराया था। इसमें करीब 60 लोगों की मौत हुई।
पश्चिमी और मध्य यूक्रेन स्थित शहरों में सामान्य हो रही स्थिति
यूक्रेन के पश्चिमी और केंद्रीय इलाकों में अभी स्थिति सामान्य की तरफ लौट रही है और विदेशी राष्ट्राध्यक्ष इन जगहों का दौरा भी कर चुके हैं। यूनाइटेड किंगडम (UK) के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कीव का दौरा किया था, वहीं कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कीव के बाहर स्थित इरपिन शहर का दौरा किया था। संयुक्त राष्ट्र (UN) महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी इरपिन और इसके आसपास के इलाकों का दौरा किया था।
यूक्रेन जल्द शुरू करेगा युद्ध अपराधों की सुनवाई
इस बीच यूक्रेन ने रूस के युद्ध अपराधों की सुनवाई भी शुरू कर दी है और जल्द ही इससे संबंधित पहले मामले की सुनवाई शुरू होगी। इस मामले में एक 21 वर्षीय रूसी सैनिक पर 62 वर्षीय निहत्थे बुजुर्ग को गोली मारने का आरोप है। ब्रिटेन और नीदरलैंड ने अपने युद्ध अपराध जांचकर्ताओं को स्थानीय कोर्ट की मदद के लिए यूक्रेन भेजा है। जिन मामलों की जांच हो रही है, उनमें बूचा में नरसंहार का मामला भी शामिल है।
न्यूजबाइट्स प्लस
युद्ध अपराधी शब्द उन लोगों पर लागू होता है जो विश्व नेताओं द्वारा स्वीकृत युद्ध के कानूनों का उल्लंघन करते हैं। अगर कोई युद्ध के दौरान जानबूझकर हत्या या व्यापक विध्वंस करता है तो उसे युद्ध अपराधी घोषित किया जा सकता है। इसके अलावा आम नागरिकों को निशाना बनाने, मानव ढाल का इस्तेमाल करने और आम लोगों को बंधक बनाने को भी युद्ध अपराध माना जाता है। रासायनिक और जैविक हथियारों का इस्तेमाल भी युद्ध अपराध है।