फिर महंगे हुए पेट्रोल-डीजल, 12 दिनों में 10वीं बार दामों में इजाफा
क्या है खबर?
आपकी जेब पर तेल की कीमतों का असर और बढ़ने वाला है। शनिवार को एक बार फिर पेट्रोल और डीजल के दाम 80 पैसे प्रति लीटर बढ़ाए गए हैं।
बीते 12 दिनों में 10वीं बार देश में तेल की कीमतें बढ़ी हैं और पिछले मंगलवार से लेकर अब तक पेट्रोल-डीजल 7.20 रुपये प्रति लीटर महंगे हो चुके हैं।
मौजूदा स्थितियों को देखते हुए जल्द ही कीमतों में बढ़ोतरी से राहत मिलने का अनुमान नहीं है।
तेल के दाम
किस महानगर में किस भाव बिक रहा तेल?
देश की राजधानी दिल्ली में आज पेट्रोल 102.61 रुपये और डीजल 93.87 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से बिक रहा है। वहीं मुंबई में एक लीटर की पेट्रोल की कीमत 117.57 रुपये और डीजल 101.79 रुपये प्रति लीटर बेचा जा रहा है।
चेन्नई में पेट्रोल 108.21 रुपये और डीजल 98.28 रुपये प्रति लीटर की दर से बिक रहा है। इसी तरह कोलकाता में पेट्रोल की कीमत बढ़कर 112.19 रुपये और डीजल के दाम 97.02 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं।
तेल की कीमत
किस महानगर में कितनी बढ़ी कीमत?
दिल्ली में पेट्रोल और डीजल 80 पैसे प्रति लीटर, मुंबई में 85 पैसे, चेन्नई में 76 पैसे और कोलकाता में पेट्रोल 84 पैसे और डीजल 80 पैसे प्रति लीटर महंगा हुआ है।
बता दें कि देश के सभी शहरों में इन दिनों तेल की कीमतें बढ़ रही है। हालांकि, राज्यों के कर अलग होने के चलते शहरों में कीमतों में अंतर है।
देश के कई शहरों में डीजल 100 रुपये के करीब पहुंच गया है।
जानकारी
कल बढ़ी थी कमर्शियल सिलेंडर की कीमत
शुक्रवार को तेल कंपनियों ने 19 किलोग्राम वाले कमर्शियल सिलेंडर की कीमत में 250 रुपये का इजाफा किया था, जिसके बाद इसकी कीमत बढ़कर 2,250 रुपये हो गई। इससे पहले रसोई गैस सिलेंडर 50 रुपये महंगा किया गया था।
जानकारी
पिछले मंगलवार से बढ़ने शुरू हुए थे दाम
पिछले मंगलवार को इस साल पहली बार देश में पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाए गए थे। 137 दिनों में यह पहला इजाफा था।
2017 के बाद यह पहली बार था, जब तेल की कीमतों में इतने अंतराल के बाद तेजी आई है।
जानकारी के लिए बता दें कि भारत अपनी जरूरत का 85 प्रतिशत तेल विदेशों से खरीदता है। इस तरह यह तेल का दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा आयातक और उपभोक्ता है।
अनुमान
और महंगा हो सकता है तेल
हाल ही में रेटिंग एजेंसी मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा था पिछले साल नवंबर से इस साल मार्च के बीच भारतीय तेल कंपनियों को लगभग 19,000 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है।
बढ़ती कीमतों को इसका संकेत बताते हुए उसने कहा था कि कीमतें एक साथ न बढ़ाकर धीरे-धीरे बढ़ाई जाएंगी।
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के अनुसार, घाटे की पूर्ति के लिए पेट्रोल की कीमत 10.6-22.3 रुपये और डीजल की कीमत 13.1-24.9 रुपये बढ़ाए जाने की जरूरत है।
जानकारी
सरकार ने यूक्रेन युद्ध को ठहराया जिम्मेदार
तेल की बढ़ती कीमतों पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा था कि यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध के चलते आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हुई हैं और कच्चे तेल के दाम भी बढ़े हैं।
उन्होंने कहा कि इसका असर सभी देशों पर पड़ रहा है।
वहीं विपक्ष मामले में सरकार पर हमलावर बना हुआ है और कांग्रेस 31 मार्च से लेकर 7 अप्रैल तक सरकार के खिलाफ 'महंगाई मुक्त भारत अभियान' चला रही है।