जम्मू-कश्मीर: पुलवामा में सिपाही की गोली मारकर हत्या, 24 घंटे के अंदर दूसरा आतंकी हमला
क्या है खबर?
जम्मू-कश्मीर में आज सुबह संदिग्ध आतंकियों ने एक सिपाही की गोली मारकर हत्या कर दी। मृतक की पहचान रियाज अहमद ठोकर के तौर पर हुई है। वह जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ काम करता था।
कश्मीर जोन के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने बताया कि गोली लगने के बाद घायल सिपाही को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, हालांकि उसे बचाया नहीं जा सका।
ये जम्मू-कश्मीर में 24 घंटे के अंदर दूसरी हत्या है।
आतंकी हमला
कल आतंकियों ने की थी कश्मीरी पंडित की हत्या
कल जम्मू-कश्मीर के बडगाम में आतंकियों ने तहसीलदार के दफ्तर में घुसकर कश्मीरी पंडित राहुल भट की हत्या कर दी थी। राहुल राज्य के राजस्व विभाग में काम करते थे।
पुलिस ने अनुसार, दोपहर में दो आतंकी चदूरा स्थिति तहसीलदार के दफ्तर में घुसे और बेहद करीब से राहुल को गोली मार दी। गंभीर स्थिति में उन्हें स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
प्रदर्शन
राहुल की हत्या के बाद जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में प्रदर्शन
भट की हत्या के बाद जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में प्रदर्शन हो रहे हैं और प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोलों को इस्तेमाल करना पड़ा है।
राहुल के घर पर जुटे कश्मीर पंडितों का कहना है कि सरकार पुनर्वास के नाम पर युवा कश्मीरी हिंदुओं को बलि का बकरा नहीं बना सकती है। उन्होंने कहा कि इस घटना ने उनका घाटी में फिर से बसने का सपना चकनाचूर कर दिया है।
जानकारी
कश्मीरी पंडितों की बड़ी संख्या में इस्तीफा देने की धमकी
विभिन्न विभागों में काम कर रहे कश्मीरी पंडितों ने भी सरकार से सुरक्षा की मांग की है और चेतावनी दी है कि अगर उन्हें सुरक्षा नहीं दी जाती है तो वो बड़ी संख्या में इस्तीफा सौंपेंगे।
बयान
राहुल के पिता बोले- मेरे बेटे को सुरक्षा प्रदान करने में नाकाम रही सरकार
राहुल के पिता ने आरोप लगाया है कि उनके बेटे ने सरकार के लिए जान दी है औऱ सरकार उनके बेटे को सुरक्षा देने में नाकाम रही।
उन्होंने कहा, "अगर किसी व्यक्ति को डिप्टी कमिश्नर के घुसकर मार दिया जाता है तो घाटी में कोई सुरक्षित नहीं है। यह सरकार की नाकामी का उदाहरण है। नौकरी करने वाले कश्मीर पंडित खुद को जोखिम में डालकर ड्यूटी कर रहे हैं और सरकार उनको सुरक्षा देने में नाकाम साबित हुई है।"
अल्पसंख्यकों पर हमला
कश्मीर में अल्पसंख्यकों को बनाया जा रहा निशाना
बता दें कि कश्मीर में पिछले कुछ समय से अल्पसंख्यकों निशाना बनाया जा रहा है। पिछले महीने ही 4 अप्रैल को आतंकियों ने शोपियां जिले में एक दवा विक्रेता कश्मीरी पंडित को गोली मार दी थी। इलाज के बाद उसे बचा लिया गया था।
इस हमले से कुछ घंटे पहले ही पुलवामा में आतंकियों ने गोली मारकर दो प्रवासी मजदूरों की हत्या कर दी थी। उन्हें भी घायलवस्था में अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।