
वैक्सीन मैत्री के तहत फिर से दूसरे देशों में वैक्सीन का निर्यात करेगा भारत- मनसुख मांडविया
क्या है खबर?
केंद्र सरकार की 'वैक्सीन मैत्री' के तहत केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय अब फिर से विदेशों में वैक्सीन का निर्यात करना शुरू करेगा।
वैक्सीन निर्माता कंपनियां अक्टूबर के आखिरी सप्ताह के बाद विदेशों को वैक्सीन भेज सकेंगी। खुद स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को इसकी घोषणा की है।
बता दें कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बाद वैक्सीनेशन अभियान में तेजी लाने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने वैक्सीन के निर्यात पर रोक लगा दी थी।
घोषणा
वैक्सीन मैत्री पहल के तहत किया जाएगा वैक्सीन का निर्यात- मांडविया
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा, "भारत अपने आदर्श वाक्य वसुधैव कुटुम्बकम के अनुरूप, COVAX के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए वैक्सीन मैत्री पहल के तहत वैक्सीनों का निर्यात फिर से शुरू करेगा।"
उन्होंने आगे कहा, "वैक्सीन की अधिशेष आपूर्ति का उपयोग कोरोना महामारी के खिलाफ सामूहिक लड़ाई के लिए दुनिया के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए किया जाएगा।"
जानकारी
क्या है COVAX का उद्देश्य?
बता दें कि COVAX का सह-नेतृत्व गावी, द कोएलिशन फॉर एपिडेमिक प्रिपेयर्डनेस इनोवेशन (CEPI) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा किया जाता है। इसका उद्देश्य मध्यम और निम्न आय वाले देशों को ध्यान में रखते हुए वैक्सीन का समान वितरण करना है।
प्राथमिकता
वैक्सीन निर्यात में पड़ोसी देशों को दी जाएगी प्राथमिकता- मांडविया
मंडाविया ने कहा, "वैक्सीन मैत्री के तहत किए जाने वाले वैक्सीनों के नए निर्यात में पहले पड़ोसी देशों को प्राथमिकता दी जाएगी। अप्रैल के बाद से देश का मासिक वैक्सीन उत्पादन दोगुना से अधिक हो गया है और अगले महीने 300 मिलियन से अधिक खुराक के लिए चौगुना होना तय है।"
उन्होंने कहा, "आवश्यता से अधिक उपलब्ध वैक्सीनों का पहले पड़ोसी देशों को निर्यात किया जाएगा। भारत अब तक 100 देशों में 6.6 करोड़ खुराक भेज चुका है।"
उपलब्धता
अक्टूबर से भारत के पास होगी 30 करोड़ से अधिक वैक्सीन खुराकें
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया की अलग-अलग वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों के माध्यम से अक्टूबर से भारत में 30 करोड़ से अधिक खुराकें उपलब्ध होंगी और उनका आसानी से निर्यात किया जा सकेगा। इससे भारत के साथ दुनिया के अन्य देशों में भी वैक्सीनेशन अभियान में तेजी आ सकेगी।
बता दें कि वर्तमान में दुनिया में मध्यम और निम्न आय वाले देशों में वैक्सीन की कमी के कारण वैक्सीनेशन अभियान की रफ्तार सुस्त पड़ी है।
रोक
सरकार ने अप्रैल में लगाई थी वैक्सीन के निर्यात पर रोक
बता दें कि भारत अप्रैल से पहले वैक्सीन मैत्री पहल के तहत विदेशों को वैक्सीन का निर्यात कर रहा था, लेकिन कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बाद सरकार ने सभी लोगों को जल्द से जल्द वैक्सीन लगाने और वैक्सीनेशन अभियान में तेजी लाने का निर्णय किया था।
इसके लिए 1 मई से देश में सभी वयस्कों को वैक्सीन लगाने की घोषणा की थी। इसको देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने अप्रैल में वैक्सीन के निर्यात पर रोक लगा दी थी।
वैक्सीनेशन
भारत में यह है वैक्सीनेशन अभियान की स्थिति
बता दें कि केंद्र सरकार दिसंबर तक अपने सभी 94.4 करोड़ वयस्कों को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए देश में बड़ी तेजी से वैक्सीनेशन किया जा रहा है।
देश में चार बाद एक दिन में एक करोड़ से अधिक वैक्सीन खुराकें लगाई जा चुकी है।
गत 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर 2.5 करोड़ वैक्सीन खुराक लगाई गई थी। इसके साथ ही देश में अब तक 80,43,72,331 खुराकें लगाई जा चुकी हैं।