आज सुबह 10 बजे देश के नाम संबोधन देंगे प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह 10 बजे देश के नाम संबोधन देंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है। PMO की तरफ से किए गए एक लाइन के ट्वीट में लिखा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी आज 10 बजे देश को संबोधित करेंगे। उनका यह संबोधन ऐसे समय हो रहा है, जब देश ने गुरुवार को कोरोना वायरस वैक्सीन की 100 करोड़ खुराकें लगाने की ऐतिहासिक कामयाबी हासिल की थी।
मोदी बोले- यह भारत के हर नागरिक की उपलब्धि
गुरुवार को 100 करोड़ खुराकें लगाए जाने के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वास्थ्यकर्मियों को बधाई देते हुए ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा था कि यह भारत के विज्ञान और 130 करोड़ देशवासियों की सामूहिक भावना की जीत है। इसके बाद एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अब देश के पास महामारी के खिलाफ वैक्सीन की 100 करोड़ खुराकों का मजबूत कवच है। यह भारत के हर नागरिक की उपलब्धि है।
यहां देखिये PMO का ट्वीट
100 करोड़ खुराकें लगाने वाला दूसरा देश बना भारत
गुरुवार को ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करने के साथ ही भारत ऐसा करने वाला दुनिया का मात्र दूसरा देश बन गया है। अभी तक केवल चीन ने 100 करोड़ से अधिक खुराकें लगाई हैं। 16 जनवरी को वैक्सीनेशन अभियान शुरू होने के बाद भारत को इस मुकाम तक पहुंचने में 278 दिन लगे हैं। शुरू में वैक्सीनेशन की रफ्तार बेहद धीमी रही और 28 फरवरी तक पूरे देश में मात्र 1.4 करोड़ खुराकें ही लग पाई थीं।
1 मार्च से शुरू हुआ था दूसरा चरण
1 मार्च से वैक्सीनेशन अभियान को 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे 45 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए खोल दिया गया। इस चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले वैक्सीन लगाई और लोगों को वैक्सीन लगवाने का संदेश दिया। 1 अप्रैल को इस चरण के दायरे को बढ़ा दिया गया और वैक्सीनेशन अभियान को 45 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों के लिए खोल दिया गया।
1 मई को सभी वयस्कों के लिए खुला वैक्सीनेशन अभियान
कोरोना के मामलों में वृद्धि के बीच 1 मई को वैक्सीनेशन अभियान को 18 साल से अधिक उम्र के सभी वयस्कों के लिए खोल दिया गया। हालांकि सभी राज्यों में इस दिन से वयस्कों का वैक्सीनेशन शुरू नहीं हुआ और सबने धीरे-धीरे इसे खोला था।
वैक्सीनेशन अभियान के सामने अभी ये चुनौतियां
कोरोना वायरस की एक अरब खुराकें लगाना भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, हालांकि इसका मतलब ये नहीं है कि उसकी चुनौतियां खत्म हो गई हैं। देश में पहली खुराक लगवा चुके और पूरी तरह वैक्सीनेट लोगों के बीच जो अंतर है, वो दुनिया में सबसे ज्यादा है। लाखों लोग दूसरी खुराक लगवाने के लिए सामने नहीं आ रहे हैं और अकेले तेलंगाना में 25 लाख लोगों ने दूसरी खुराक नहीं लगवाई है।