कोरोना: देश में जुलाई तक सुधरेगी स्थिति, 6-8 महीने बाद तीसरी लहर का अनुमान- सरकारी पैनल
कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहे भारत को जुलाई तक राहत मिलने की उम्मीद है। भारत सरकार के विज्ञान और प्रोद्यौगिकी विभाग (DST) द्वारा गठित किए गए तीन वैज्ञानिकों के पैनल ने यह अनुमान जताया है। इनका यह भी कहना है कि जुलाई के 6-8 महीने बाद महामारी की तीसरी लहर आ सकती है। बता दें कि सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार भी कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर आने की आशंका व्यक्त कर चुके हैं।
SUTRA मॉडल के जरिये लगाया अनुमान
इंडिया टुडे के अनुसार, इन वैज्ञानिकों ने ससेप्टिबल, अनडिटेक्टिट, टेस्टिड (पॉजिटिव) एंड रिमूवल अप्रोच (SUTRA) मॉडल के जरिये अनुमान लगाया गया है कि इस महीने के आखिर तक देश में कोरोना के दैनिक मामलों की संख्या कम होकर 1.5 लाख के आसपास रह जाएगी और जून के अंत तक रोजाना करीब 20,000 मामले सामने आएंगे। गौरतलब है कि अभी देश में कई दिनों से रोजाना 2.5 लाख से अधिक लोग संक्रमित पाए जा रहे हैं।
इन राज्यों में पीक पार चुके हैं दैनिक मामले
DST के पैनल में शामिल IIT कानपुर के प्रोफेसर मनिंद्र अग्रवाल ने कहा कि महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, झारखंड, राजस्थान, केरल, सिक्किम, उत्तराखंड, गुजरात, दिल्ली, गोवा और हरियाणा आदि राज्य महामारी की दूसरी लहर की पीक पार कर चुके हैं।
इन राज्यों में पीक आना बाकी
वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि तमिलनाडु में 29-31 मई के बीच पीक आ सकती है और पुडुचेरी आज-कल में पीक को पार कर लेगी। पूर्वोत्तर राज्यों में पीक आना अभी बाकी है। असम में अगले एक-दो दिन में पीक आ सकती है, वहीं त्रिपुरा में 26-27 मई और मेघालय में 30 मई तक नए मामले पीक पर पहुंच चुके होंगे। इसी तरह हिमाचल प्रदेश और पंजाब में 22-24 मई के बीच मामले पीक पर पहुंच जाएंगे।
तीसरी लहर को लेकर क्या कहा गया है?
वैज्ञानिकों ने SUTRA मॉडल के जरिये अनुमान लगाया है कि अगले छह से आठ महीनों के बीच देश में महामारी की तीसरी लहर दस्तक दे सकती है। अगर समय रहते इसके लिए तैयारियां की गईं तो इसका प्रभाव कम किया जा सकता है। प्रोफेसर अग्रवाल ने कहा कि तीसरी लहर कुछ-कुछ जगहों पर अपना असर दिखाएगी, लेकिन ज्यादातर लोग वैक्सीनेशन के कारण संक्रमित नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि इस साल कम से कम अक्टूबर तक तीसरी लहर नहीं आएगी।
महामारी का अनुमान लगाने के लिए इस्तेमाल होते हैं SUTRA जैसे मॉडल
SUTRA जैसे मॉडल को महामारी की भयावहता आदि का अनुमान लगाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जिसके आधार पर नीतियां बनाई जाती हैं। पिछले साल कोरोना संक्रमण पर नजर रखने के लिए यह मॉडल तैयार किया गया था। महामारी का अनुमान लगाने के लिए सरकार द्वारा गठित नेशनल कोविड-19 सुपरमॉडल कमेटी इस मॉडल का इस्तेमाल करती है। हालांकि, यह कमेटी भारत में महामारी की दूसरी लहर को लेकर सही अनुमान नहीं लगा पाई थी।
तीसरी लहर को लेकर प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार ने क्या कहा था?
सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन ने इस महीने की शुरुआत में बताया था कि देश में महामारी की तीसरी लहर जरूर आएगी और कोई नहीं रोक सकता। हालांकि, बाद में उन्होंने बयान को स्पष्ट करते हुए कहा कि अगर पर्याप्त सावधानियां बरती जाएं और उचित कदम उठाए जाते हैं तो कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को रोका जा सकता है। इसके लिए राज्य और जिला स्तर पर काम करने की जरूरत होगी।