NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    क्रिकेट समाचार
    नरेंद्र मोदी
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
    राहुल गांधी
    #NewsBytesExplainer
    IPL 2025
    ऑपरेशन सिंदूर
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout

    देश
    राजनीति
    दुनिया
    बिज़नेस
    खेलकूद
    मनोरंजन
    टेक्नोलॉजी
    करियर
    अजब-गजब
    लाइफस्टाइल
    ऑटो
    एक्सक्लूसिव
    विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
    होम / खबरें / देश की खबरें / कोरोना: विशेषज्ञों ने उठाया प्लाज्मा थैरेपी पर सवाल, सरकार से की गाइडलाइंस की समीक्षा की अपील
    अगली खबर
    कोरोना: विशेषज्ञों ने उठाया प्लाज्मा थैरेपी पर सवाल, सरकार से की गाइडलाइंस की समीक्षा की अपील

    कोरोना: विशेषज्ञों ने उठाया प्लाज्मा थैरेपी पर सवाल, सरकार से की गाइडलाइंस की समीक्षा की अपील

    लेखन भारत शर्मा
    May 11, 2021
    03:24 pm

    क्या है खबर?

    कोरोना वायरस महामारी के उपचार में प्लाज्मा थैरेपी के इस्तेमाल को लेकर देश के 18 शीर्ष डॉक्टरों और सार्वजनिक स्वास्थ्य पेशेवरों के एक समूह ने सवाल खड़े किए हैं।

    इस समूह ने प्लाज्मा थैरेपी को व्यर्थ बताते हुए भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार डॉ के विजय राघवन, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) को पत्र लिखा है। इतना ही उन्होंने सरकार से इसकी फिर से समीक्षा की मांग की है।

    प्लाज्मा थैरेपी

    क्या होती है प्लाज्मा थैरेपी?

    कोन्वेलेसेंट प्लाज्मा थैरेपी में कोरोना वायरस को मात दे चुके शख्स के खून से प्लाज्मा निकाला जाता है और उसे संक्रमित व्यक्ति में चढ़ाया जाता है। प्लाज्मा, खून का एक कंपोनेट होता है।

    जब कोई व्यक्ति कोरोना से ठीक होता है तो उसके शरीर में महामारी फैलाने वाले SARS-CoV-2 वायरस को मारने वाली एंटीबॉडी बनती है।

    कहा गया था कि प्लाज्मा के जरिये वो एंटीबॉडीज संक्रमित मरीज में पहुंचती हैं और उसकी प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत कर वायरस को मारती हैं।

    दावा

    तीन प्रमुख अध्ययनों में मिला प्लाज्मा थैरेपी के कारगर नहीं होने का उल्लेख- विशेषज्ञ

    चिकित्सा विशेषज्ञों ने अपने पत्र में प्लाज्मा थैरेपी के उपयोग के खिलाफ तीन विख्यात अध्ययनों का हवाला दिया है। इसमें ICMR-PLACID ​​परीक्षण, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा संचालित रिकवरी परीक्षण और प्लास्मैर ट्रायल शामिल है।

    विशेषज्ञों ने कहा कि इन सभी अध्ययनों ने कोरोना संक्रमित रोगियों में प्लाज्मा थैरेपी के उपयोग का कोई लाभ नहीं पाया गया है।

    विशेषज्ञों के समूह ने सरकार को इस संबंध में अपनी गाइडलाइंस की समीक्षा करने के लिए सुझाव भी दिया है।

    उपयोगी

    संक्रमण के शुरुआती चरण में ही प्रभावी है प्लाज्मा थैरेपी

    द प्रिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के AIIMS-ICMR नेशनल COVID टास्क फोर्स के दिशानिर्देशों में लक्षणों की शुरुआत के सात दिनों के भीतर यानी संक्रमण की शुरुआत या मध्य स्तर पर ही प्लाज्मा थैरेपी के "ऑफ-लेबल" उपयोग की अनुमति दी गई है।

    समूह ने "ऑफ-लेबल" शब्द का उपयोग पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि यह शब्द दर्शाता है कि अधिकारी स्वयं इस विधि की प्रभावकारिता के बारे में अनिश्चित हैं।

    बयान

    "ऑफ-लेबल शब्द साबित करता है कि नियामक आश्वस्त नहीं हैं"

    समूह में शामिल डॉ विवेकानंद झा ने कहा, "ऑफ-लेबल शब्द साबित करता है कि नियामक खुद पूरी तरह आश्वस्त नहीं हैं। अधिकारियों को पता है यह काम नहीं करता है। ऑफ-लेबल का मतलब है कि अनुमोदित नहीं है, फिर भी इसका इस्तेमाल हो रहा है।"

    पत्र

    पत्र लिखने वालों में शामिल हैं ये विशेषज्ञ?

    पत्र लिखने वालों में वेल्लोर क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज के डॉ गगनदीप कांग सहित शीर्ष सार्वजनिक स्वास्थ्य पेशेवरों ने हस्ताक्षर किए हैं।

    अन्य हस्ताक्षरकर्ताओं में अशोक यूनिवर्सिटी में बायोमेडिकल स्कूल ऑफ बायोसाइंसेज के निदेशक डॉ शाहिद जमील, सेंटर फॉर मेंटल हेल्थ, लॉ एंड पॉलिसी, इंडियन लॉ सोसायटी के निदेशक सौमित्र पठारे, योगेश जैन, प्रीति मीना, प्रताप थार्यन, प्रशांत श्रीनिवास, ओमन जॉन, कामना कक्कड़, ज्योति त्यागी और गौतम मेनन आदि शामिल है।

    दूसरे मामले

    प्लाज्मा थेरेपी स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे पर बढ़ाती है भार

    प्लाज्मा थैरेपी की प्रभावकारिता पर संदेह के अलावा यह स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे पर अधिक भार बढ़ाती है।

    ऐसा इसलिए है कि पहले प्लाज्मा के लिए डोनर की आवश्यकता होती है। इसके बाद उसे संक्रमित मरीज को चढ़ाने से पहले उसकी कई बार जांच की जाती है।

    कुछ डॉक्टर यहां तक ​​कहते हैं कि उन्हें मरीजों के परिवारों के गुस्से से बचने के लिए विधि का उपयोग करना पड़ता है। जबकि, इसका कोई व्यापक असर नहीं है।

    संक्रमण

    भारत में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति

    भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस से संक्रमण के 3,29,942 नए मामले सामने आए और 3,876 मरीजों की मौत हुई। बीते दो दिनों से नए मामलों में गिरावट देखी गई है।

    इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 2,29,92,517 हो गई है। इनमें से 2,49,992 लोगों को इस खतरनाक वायरस के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है। सक्रिय मामलों की संख्या कई दिनों बाद घटकर 37,15,221 हो गई है।

    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    सम्बंधित खबरें
    ताज़ा खबरें
    अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS)
    भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद
    भारत सरकार
    कोरोना वायरस

    ताज़ा खबरें

    'भूल चूक माफ' ने 9वें दिन किया ये कारनामा, अब मुनाफा कमाने की रेस में फिल्म राजकुमार राव
    पूर्वोत्तर राज्यों में झमाझम बरसेंगे मेघ, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट  गर्मी की लहर
    LPG सिलेंडर के दाम घटे, म्यूचुअल फंड-UPI के नियम बदले; आज से हुए ये बदलाव LPG की कीमतें
    इंटर मिलान को हराकर पहली बार चैंपियन्स लीग विजेता बनी पेरिस सेंट-जर्मेन, बनाए ये रिकॉर्ड्स  चैंपियन्स लीग

    अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS)

    आंध्र प्रदेश: 18 दिन वेंटिलेटर पर रहकर मासूम ने दी कोरोना वायरस को मात दिल्ली
    कोरोना: दिल्ली में चरम पार कर चुका संक्रमण, लेकिन अभी भी सावधानी की जरूरत- AIIMS निदेशक गृह मंत्रालय
    कोरोना वायरस संक्रमण से ठीक हुए लोगों के लिए नए नियम बना रही सरकार स्वास्थ्य मंत्रालय
    दिल्ली: बीते सप्ताह बढ़े कोरोना के मामले, अस्पतालों में बेडों की मांग में भी हुआ इजाफा दिल्ली

    भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद

    कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में क्या-क्या योगदान दे रहा है भारतीय रेलवे? नरेंद्र मोदी
    सुप्रीम कोर्ट ने किया पुराने फैसले में बदलाव, केवल गरीबों का होगा फ्री कोरोना वायरस टेस्ट सुप्रीम कोर्ट
    कोरोना वायरस: 25 जिलों में पिछले 14 दिन में कोई नया मामला नहीं, जानिए बड़ी बातें नरेंद्र मोदी
    कोरोना वायरस: भारत में 80 प्रतिशत मरीजों में नहीं दिखे लक्षण, बने चिंता का विषय महाराष्ट्र

    भारत सरकार

    कैसा रहा भारत में कोरोना वायरस महामारी का एक साल का सफर? भारत की खबरें
    केंद्र सरकार ने फिर कहा- राष्ट्रीय स्तर पर NRC कराने पर अभी तक कोई फैसला नहीं NRC
    किलाबंदी से इंटरनेट बंदी तक, किसान आंदोलन को तोड़ने के लिए ये हथकंडे अपना रही सरकार किसान आंदोलन
    नागरिकता संशोधन कानून: सरकार को नियम बनाने के लिए मिला जुलाई तक का समय संसद

    कोरोना वायरस

    राजस्थान: कोरोना प्रोटोकॉल के उल्लंघन के बाद खीरवा गांव में हुई 21 मौतें, मचा हड़कंप गुजरात
    सुप्रीम कोर्ट ने ऑक्सीजन और दवाइयों के वितरण के लिए गठित की 12 सदस्यीय टास्क फोर्स केंद्र सरकार
    कोरोना वायरस: हरियाणा के गांवों में अब घर-घर होगी जांच, बनाई जाएंगी 8,000 टीमें हरियाणा
    कोरोना: देश में 1.37 लाख मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर, लगभग 50,000 ICU में भारत की खबरें
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स दक्षिण भारतीय सिनेमा भाजपा समाचार बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive ट्रैवल टिप्स IPL 2025
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2025