
#NewsBytesExplainer: अमेरिकी टैरिफ से भारत के पास विनिर्माण और रक्षा समेत किन क्षेत्रों में है मौका?
क्या है खबर?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 27 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया था। हालांकि, फिलहाल इसे 90 दिनों के लिए टाल दिया गया है, लेकिन भारत इसका असर कम करने में जुटा हुआ है।
टैरिफ से भारत के आयात पर असर पड़ना तय है, लेकिन ये कम अहम क्षेत्रों में भारत के लिए संभावनाओं के द्वार भी खोल सकता है।
आइए जानते हैं वे कौनसे क्षेत्र हैं, जहां भारत के पास फायदा उठाने का मौका है।
विनिर्माण
विनिर्माण
अमेरिका ने भारत के मुकाबले चीन और वियतनाम पर ज्यादा टैरिफ लगाया है। इससे प्रतिस्पर्धा के लिहाज से भारत के पास एक मौका पैदा हो गया है।
द न्यूयॉर्क टाइम्स से बात करते हुए भारत के व्यापारिक नेताओं और सरकारी अधिकारियों ने इसे भारत के वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनने के लक्ष्य को आगे बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण अवसर बताया है।
भारत की 'मेक इन इंडिया' पहल को आगे बढ़ाने के लिए भी ये अहम अवसर है।
ऐपल
30 प्रतिशत आईफोन का उत्पादन भारत में कर सकती है ऐपल
दिग्गज फोन निर्माता कंपनी ऐपल को फोन सप्लाय करने वाली कंपनी फॉक्सकॉन ने भारत में अपना उत्पादन बढ़ाया है।
ब्लूमबर्ग के मुताबिक, भारत दुनियाभर में बिकने वाले कुल आईफोन के 20 प्रतिशत का उत्पादन कर रहा है।
न्यूयॉर्क टाइम्स ने एप्पल की आपूर्ति श्रृंखला से जुड़े सूत्रों के हवाले से कहा कि ये आंकड़ा और बढ़ सकता है। भारत वैश्विक स्तर पर सभी आईफोन उत्पादन के 30 प्रतिशत को अपने यहां बना सकता है।
रिश्ते
निजी रिश्ते भी निभाएंगे अहम भूमिका
राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रिश्ते भी भारत के पक्ष में हो सकते हैं।
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, दोनों नेता कम से कम 2029 तक सत्ता में बने रह सकते हैं। यह समय दोनों देशों को एक व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने में मदद कर सकता है, जो इस साल के अंत तक हो सकता है।
इस तरह का समझौता भारत की स्थिति को और मजबूत बना सकता है।
रक्षा
रक्षा निर्यात में भी भारत के पास अहम मौका
भारत के पास सैन्य उपकरणों का प्रमुख निर्यातक बनने का भी मौका है।
रॉयटर्स के अनुसार, सरकार हथियार बनाने के साथ-साथ उन्हें दुनियाभर में बेचने की कोशिश कर रही है। निर्यात बढ़ाने के लिए सरकार कम लागत वाले ऋण की पेशकश कर रही है।
भारत अपने हथियारों को बढ़ावा देने के लिए 2026 तक कम से कम 20 नए हथियार विदेश भेजने की योजना बना रहा है। ये अफ्रीका, दक्षिण-पूर्व एशिया और लैटिन अमेरिका के देशों में भेजे जाएंगे।
रक्षा निर्यात
रक्षा निर्यात बढ़ाने के लिए क्या कदम उठा रहा है भारत?
सरकारी मदद के अलावा भारतीय रक्षा कंपनियां कई देशों में कार्यालय खोल रही हैं।
वहीं, भारतीय हथियार सस्ते हैं। भारत द्वारा निर्मित 155 मिलीमीटर तोप के गोले की कीमत 25,000-35,000 रुपये है, जबकि यूरोपीय देशों द्वारा बनाए गोले 2.5 लाख रुपये से भी ज्यादा के हैं। भारती हॉवित्जर तोपें भी पश्चिमी देशों में बनी तोपों के मुकाबले करीब आधी कीमत की हैं।
यही वजह है कि भारत का रक्षा उत्पादन 2020 के मुकाबले 2023-24 में 62 प्रतिशत बढ़ गया है।
चुनौतियां
भारत के सामने ये चुनौतियां भी हैं
भारतीय सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में विनिर्माण का हिस्सा 15 प्रतिशत से घटकर 13 प्रतिशत हो गया है।
इसके अलावा जानकार संरचनात्मक सुधार, जमीन की ज्यादा कीमतें, सरकारी नीतियां, तकनीकी नौकरियों के लिए प्रशिक्षित और पर्याप्त युवाओं की कमी और कमजोर आपूर्ति श्रृंखलाओं को भी चुनौती मानते हैं।
द कोर के अनुसार, अगर भारत के पास कोई स्पष्ट और दीर्घकालिक योजना नहीं है तो वह मजबूत रणनीति के साथ आगे बढ़ने के बजाय सिर्फ़ घटनाओं पर प्रतिक्रिया करके रह जाएगा।