#NewsBytesExplainer: ISI प्रमुख ने किया बांग्लादेश दौरा, भारत के लिए क्या है चिंता की बात?
क्या है खबर?
भारत से संबंधों में तनाव आने के बाद बांग्लादेश की पाकिस्तान से नजदीकी बढ़ती जा रही है।
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल असीम मलिक ने हाल ही में बांग्लादेश का दौरा किया है। ISI के किसी शीर्ष अधिकारी का दशकों बाद इस तरह का दौरा है।
हाल ही में दोनों देशों के बीच कई उच्च-स्तरीय दौरे हुए हैं।
आइए जानते हैं भारत पर इसका क्या असर हो सकता है।
वजह
बांग्लादेश क्यों गए असीम?
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मलिक दुबई के रास्ते ढाका पहुंचे, जहां बांग्लादेश सेना के क्वार्टर मास्टर जनरल (QMG) लेफ्टिनेंट जनरल मुहम्मद फैजुर रहमान ने उनका स्वागत किया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि यह यात्रा कथित तौर पर दोनों देशों के बीच खुफिया जानकारी साझा करने का नेटवर्क बनाने के प्रयासों का हिस्सा है। यह यात्रा बांग्लादेशी और पाकिस्तान के अधिकारियों के बीच कई दौर की बातचीत के बाद हुई है।
संबंधों में सुधार
हालिया समय में कैसे सुधरे बांग्लादेश-पाकिस्तान संबंध?
बांग्लादेश में मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार बनने के बाद दोनों देशों के संबंध सुधरे हैं।
बांग्लादेश ने पाकिस्तान के साथ व्यापार प्रतिबंधों में ढील दी है, जिसमें कार्गो के निरीक्षण पर पाबंदी हटाना शामिल हैं।
इसके अलावा एक बड़े फैसले में दोनों देशों ने सीधा समुद्री संपर्क दोबारा से स्थापित किया है, जो सालों से बंद था।
अगले महीने से पाकिस्तान की सेना बांग्लादेशी सेना को प्रशिक्षण देना शुरू करेगी। दोनों देशों के बीच संयुक्त नौसैनिक अभ्यास भी होगा।
भारत की चिंता
क्या भारत को चिंतित होना चाहिए?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत इन घटनाक्रमों पर बारीकी से नजर रख रहा है। बांग्लादेश-पाकिस्तान के बीच बढ़ती नजदीकी को भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के लिए संभावित खतरे के तौर पर देखा जा रहा है।
मंत्रा इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रैटेजिक स्टडीज की संस्थापक शांति मैरिएट डिसूजा ने DW से कहा, "इसमें कोई संदेह नहीं है कि बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच संबंधों में समग्र रूप से सुधार हुआ है। इस बदलाव का भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के लिए सुरक्षा निहितार्थ हैं।"
बयान
क्या कह रहे हैं जानकार?
ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन में स्टडीज एंड फॉरन पॉलिसी के प्रोफेसर हर्ष पंत ने BBC से बात करते हुए माना कि बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच सैन्य सहयोग बढ़ना भारत के लिए परेशान करने वाला हो सकता है।
उन्होंने कहा, ''यह बांग्लादेश को तय करना है कि अपनी दिशा किस ओर करना चाहता है। अगर उसका मकसद भारत विरोध के नाम पर पाकिस्तान से दोस्ती बढ़ानी है, तो उसे कौन रोक देगा।"
चीन
चीन के हस्तक्षेप की भी आशंका
आशंका है कि इन बदलावों का फायदा चीन भी उठा सकता है। खासतौर पर सिलीगुड़ी कॉरिडोर के पास चीन अपना प्रभाव बढ़ा सकता है।
वैसे भी भारत के पूर्वोत्तर राज्य ऐतिहासिक रूप से अशांति और उग्रवाद से प्रभावित रहे हैं। ऐसे में इस क्षेत्र के लिए खास चिंताएं हैं।
जानकारों का मानना है कि दोनों देशों के बीच विकसित होते ये संबंध भारत को अस्थिर करने की एक बड़ी रणनीति का हिस्सा हो सकते हैं।
दौरे
दोनों देशों के बीच लगातार हो रहे दौरे
पिछले साल पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और मुहम्मद युनूस के बीच 2 बार मुलाकात हुई थी।
बांग्लादेश के उच्च सैन्य अधिकारी जनरल SM कमरुल हसन 14 जनवरी को पाकिस्तान गए थे और पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर से मुलाकात की थी।
हाल ही में फेडरेशन ऑफ पाकिस्तान चेंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज का एक प्रतिनिधिमंडल बांग्लादेश गया था और बांग्लादेश के वाणिज्य मंत्री से मुलाकात कर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।