
टैरिफ मामले में अमेरिका से समझौता करना चाहते हैं देश, जानिए क्या-क्या उठाए कदम
क्या है खबर?
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अधिकतर देशों से होने वाले आयात पर लगने वाले टैरिफ में बढ़ोतरी कर पूरी दुनिया में हलचल मचा दी है।
सोमवार को एशियाई देशों के शेयर बाजारों में इसका असर भी देखने को मिला है।
ऐसे में ज्यादातर देश टैरिफ घटाने के लिए अमेरिका से समझौता करने पर मजबूर हो गए और उन्होंने बातचीत के प्रयास भी शुरू कर दिए हैं।
आइए जानते हैं कि भारत सहित विभिन्न देशों ने क्या-क्या कदम उठाए हैं।
इनकार
राष्ट्रपति ट्रंप ने किया पीछे हटने से इनकार
राष्ट्रपति ट्रंप ने 2 अप्रैल को चीन पर 34 प्रतिशत, यूरोपीय संघ पर 20 प्रतिशत और भारत सहित अन्य देशों पर 27 प्रतिशत 'पारस्परिक टैरिफ' लगाने की घोषणा की थी।
उसके बाद कई देशों ने इसे कम करने की अपील की थी, लेकिन रविवार को ट्रंप ने पीछे हटने से इनकार कर दिया।
इससे एशियाई देशों के शेयर बाजारों में गिरावट देखने को मिली है। ट्रंप ने बढ़ाए हुए टैरिफ की तुलना बीमारी ठीक करने वाली 'दवा' से की है।
जानकारी
50 से अधिक देशों ने किया राष्ट्रपति ट्रंप से संपर्क
व्हाइट हाउस के आर्थिक सलाहकार केविन हैसेट ने ABC न्यूज से कहा, "50 से अधिक देशों ने टैरिफ पर बातचीत शुरू करने के लिए राष्ट्रपति से संपर्क किया है, क्योंकि वो जानते हैं कि अब टैरिफ के रूप में बड़ी राशि उन्हें चुकानी होगी।"
प्रयास
भारत ने अमेरिका से व्यापार समझौता करने पर शुरू किया काम
अमेरिका ने 10 प्रतिशत आधार टैरिफ के साथ भारत के लिए 17 प्रतिशत का अतिरिक्त देश-विशिष्ट टैरिफ लगाने का ऐलान किया है।
इसके बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई करने की जगह द्विपक्षीय व्यापार समझौते की ओर कदम बढ़ाए हैं। हालांकि, भारत ने फरवरी से ही इसकी तैयारी शुरू कर दी थी और दोनों देशों में वार्ता जारी है।
इसके तहत भारत 23 अरब डॉलर (1.97 लाख करोड़ रुपये) के अमेरिकी आयात पर टैरिफ कम करने पर विचार कर रहा है।
अपील
वियतनाम ने की टैरिफ के कार्यान्वयन को स्थगित करने की अपील
46 प्रतिशत टैरिफ की मार झेलने वाले वियतनाम के उपप्रधानमंत्री बुई थान सोन ने हनोई में अमेरिकी राजदूत मार्क नैपर से 9 अप्रैल से लागू होने वाले टैरिफ को स्थगित करने की मांग की है।
सोन ने अमेरिकी सामानों पर शून्य टैरिफ करने की भी पेशकश की है।
वियतनामी कम्युनिस्ट पार्टी के प्रमुख टो लैम ने 5 अप्रैल को लिखे पत्र में राष्ट्रपति ट्रंप से टैरिफ के कार्यान्वयन को 45 दिनों के लिए स्थगित करने का अनुरोध किया है।
जानकारी
चीन उठाया जवाबी कार्रवाई वाला कदम
इधर, अमेरिका की ओर से 54 प्रतिशत आयात शुल्क लगाए जाने के बाद चीन ने आक्रामक रुख अपनाया है। चीन ने अमेरिकी से आयात होने वाले सामानों पर 34 प्रतिशत जवाबी ट्रैरिफ लगाने का ऐलान किया है। यह टैरिफ 10 अप्रैल से प्रभावी होंगे।
कदम
ताइवान और इंडोनेशिया ने उठाए ये कदम
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने अमेरिका और ताइवान के बीच 'शून्य शुल्क' के उद्देश्य से ट्रंप प्रशासन से बातचीत करने की इच्छा जताई है। उन्होंने ताइवान के अमेरिकी निवेश को बढ़ाने का भी वादा किया है।
इंडोनेशिया के मुख्य आर्थिक मंत्री एयरलांगा हार्टार्टो ने लगाए गए 32 प्रतिशत टैरिफ का समाधान खोजने के लिए कूटनीतिक रास्ता अपनाने और ट्रंप प्रशासन से सीधी बातचीत के लिए एक प्रतिनिधिमंडल अमेरिका भेजने की बात कही है।
बातचीत
इजरायल भी अपना रहा है बातचीत का रास्ता
CNN की एक रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू सोमवार को ट्रंप से मुलाकात करेंगे, जिसमें वे इजरायली आयात पर लगाए 17 प्रतिशत टैरिफ में राहत की मांग करेंगे। इसका कारण है कि बढ़े टैरिफ से इजरायल के मशीनरी और चिकित्सा उपकरणों के निर्यात पर प्रभाव पड़ेगा।
इटली और स्पेन ने यूरोपीय सरकारों से आग्रह किया है कि वे यूरोपीय संघ (EU) के सामानों पर लगाए गए 20 प्रतिशत टैरिफ को लेकर अमेरिका के साथ टकराव से बचें।
जानकारी
इटली की प्रधानमंत्री ने की थी टैरिफ की निंदा
इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने पहले अमेरिकी टैरिफ की निंदा की थी, लेकिन कहा था कि रोम व्यापार युद्ध को टालने के लिए वाशिंगटन के साथ समझौते पर पहुंचने के लिए सभी प्रयास करेगा। इसके लिए वह बातचीत का रास्ता अपनाएंगे।
नरमी
जिम्बाब्वे ने की अमेरिकी सामारों पर टैरिफ खत्म करने की घोषणा
अमेरिका द्वारा 18 प्रतिशत टैरिफ लगाने के ऐलान के बाद जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति एमर्सन मनांगाग्वा ने अमेरिकी वस्तुओं पर टैरिफ खत्म करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि इस उपाय का उद्देश्य जिम्बाब्वे के बाजार में अमेरिकी आयात के विस्तार को सुगम बनाना है।
50 प्रतिशत टैरिफ की मार झेलने वाले लेसोथो ने नए सौदे पर बातचीत के लिए अमेरिका में एक प्रतिनिधिमंडल भेजने और अपने माल के लिए नए बाजार तलाशने की योजना बनाने की घोषणा की है।