
स्वतंत्रता दिवस के बाद घरों पर फहराए गए तिरंगे झंडे को उतारने का क्या है नियम?
क्या है खबर?
देशभर में इस बार स्वतंत्रता दिवस 'आजादी के अमृत महोत्सव' के रूप में मनाया गया है।
इसके तहत 13 से 15 अगस्त तक चलाए गए 'हर घर तिरंगा' अभियान में लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और अपने घरों पर तिरंगा लहराया।
हालांकि, अब अभियान पूरा हो गया है तो तिरंगे झंडे को फिर से उतारने का समय आ गया है।
ऐसे में आइये जानते हैं कि घरों पर फहराए गए तिरंगे झंडे को फिर से उतारने के नियम क्या हैं।
पृष्ठभूमि
कैसे मिली घरों पर तिरंगा झंडा फहराने की अनुमति?
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले साल फ्लैग कोड (ध्वज संहिता) में बदलाव किया था।
पहले केवल हाथ से बुने हुए या हाथ से काते हुए कपड़े से ही झंडा बनाने की अनुमति थी, लेकिन पिछले साल सरकार ने पॉलिएस्टर और मशीनों के उपयोग से झंडे बनाने की छूट दे दी।
उससे पहले राष्ट्रीय ध्वज के उपयोग को अनुचित उपयोग की रोकथाम अधिनियम, 1950 और राष्ट्रीय सम्मान के अपमान की रोकथाम अधिनियम, 1971 के तहत नियंत्रित किया गया था।
संहिता
क्या है भारत की ध्वज संहिता?
भारतीय ध्वज संहिता में तिरंगे झंडे को फहराने से संबंधित कई नियम है। हालांकि, इसमें 26 जनवरी, 2002 को बदलाव किया गया था, जिसमें झंडे सम्मान और गरिमा को ध्यान में रखते हुए सभी जगह फहराने की अनुमति दी गई थी।
ध्वज संहिता के पहले खंड में राष्ट्रीय ध्वज का सामान्य विवरण, दूसरे में सरकार, व्यापार और शैक्षिक संगठनों द्वारा तिरंगा फहराना और तीसरे में संघ या राज्य सरकारों के साथ उनके संगठन और एजेंसियां द्वारा झंडा फहराना शामिल हैं।
नियम
क्या है ध्वजारोहण के बाद झंडे को उतारने का नियम?
संस्कृति मंत्रालय ने इस महीने की शुरुआत में तिरंगे झंडे को उतारने के बाद उसकी तह करने के तरीके की मार्गदर्शिका जारी की थी।
इसके तहत झंडे के उतारने के बाद होरिजेंटल (आडा) रखा जाना चाहिए। इसके बाद केसरिया और हरे रंग की पट्टी को मोड़ते हुए बीच में सफेद रंग और अशोक चक्र रखना चाहिए।
सफेद रंग के साथ केसरिया और हरे रंग की धारियां भी दिखाई देनी चाहिए। झंडे को हमेशा हथेलियों पर रखा जाना चाहिए।
ट्विटर पोस्ट
यहां देखें संस्कृति मंत्रालय का ट्वीट
Always remember to follow the proper way to hoist, fold store the Tiranga, in accordance with the Flag Code of India.
— Ministry of Culture (@MinOfCultureGoI) August 9, 2022
Bring the Tiranga home pin it on https://t.co/V1BBbgcOxV#AmritMahotsav #IndiaAt75 #HarGharTiranga pic.twitter.com/xuSxHVHREa
जानकारी
जमीन या पानी पर नहीं गिराया जा सकता है झंडा
ध्वज संहिता के अनुसार, तिरंगे झंडे को जमीन या पानी में नहीं गिराया जा सकता है। उतारने के बाद इसकी नियमानुसार तह करने के बाद सुरक्षित स्थान पर रखा जाना चाहिए। इसके अपमान को लेकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रावधान है।
हालत
तिरंगे झंडे के गंदा होने या फटने पर क्या करें?
राष्ट्रीय सम्मान के अपमान की रोकथाम अधिनियम, 1971 की धारा 2 के तहत तिरंगे झंडे को गंदा होने या फटने पर कचरे या सड़क पर नहीं फेंका जा सकता। उसे जलाकर या अन्य तरीके से गरीमा पूर्वक नष्ट किया जाना चाहिए।
इसी तरह तिरंगे का शवों को लपेटने, पोशाक या वर्दी सहित अन्य कार्यों में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। उस पर कुछ लिखना, उसका बैग बनाना और वाहनों को ढंकने में काम लेना भी अवैध है।
अधिकार
क्या राष्ट्रीय ध्वज फहराना मौलिक अधिकार है?
भारत के मुख्य न्यायाधीश वीएन खरे के नेतृत्व में न्यायाधीशों के पैनल ने कहा था कि भारत के लोगों को अपने घर, दुकान या कार्यालय पर साल भर राष्ट्रीय ध्वज फहराने का मौलिक अधिकार है।
हालांकि, इसमें स्पष्ट किया गया था कि राष्ट्रीय ध्वज फहराने वाली जगह उसकी गरिमा के लिए अपमानजनक नहीं होनी चाहिए।
इसी तरह झंडा फहराने के बाद कागजी झंडों को फेंका नहीं जाना चाहिए और उसे सम्मानजनक तरीके से उतारा जाना चाहिए।