कोरोना वायरस: आगे की मुश्किल चुनौतियों के लिए क्या तैयारी कर रहा है भारत?
कोरोना वायरस के प्रसार को कम करने के लिए दुनियाभर के देशों ने अपने स्तर पर हरसंभव कदम उठाए हैं, लेकिन इसके बाद भी प्रतिदिन इसके मामलों में बढ़ोत्तरी होती जा रही है। इसको देखते हुए तमाम देशों की सरकारें चिंतित है। भारत में भी इसके बढ़ते मामलों के कारण तीसरी स्टेज यानी कम्यूनिटी ट्रांसमिशन में आने की आशंका बढ़ गई है। ऐसे में सरकार ने इससे निपटने की तैयारी शुरू कर दी है। आइए जानते हैं पूरा विवरण।
ICMR ने नहीं की तीसरी स्टेज की घोषणा
हालांकि, भारत में कोरोना की तीसरी स्टेज को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने कोई घोषणा नहीं की है, लेकिन इसके बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने अपने बुनियादी ढाँचे को मजबूत करना शुरू कर दिया है।
केंद्र ने राज्य सरकारों को दिए अस्पतालों की संख्या बढ़ाने के निर्देश
कोरोना वायरस के भारत में तीसरे चरण में पहुंचने की आशंका को देखते हुए केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों से संक्रमितों के उपचार के लिए अस्पतालों की संख्या बढ़ाने और संक्रमण का प्रसार रोकने की क्षमता बढ़ाने को कहा है। 17 राज्यों ने इस पर काम भी शुरू कर दिया है। इसी तरह केंद्र ने राज्य सरकारों को आइसोलेशन के लिए निजी अस्पतालों में बेड रिजर्व करने और सामान्य बीमारियों के मरीजों को छुट्टी देने के लिए कहा है।
ओडिशा में दो हफ्ते में तैयार होगा भारत का सबसे बड़ा अस्पताल
कोरोना वायरस महामारी से मुकाबले के लिए ओडिशा में देश का सबसे बड़ा COVID-19 अस्पताल तैयार किया जा रहा है। राज्य सरकार ने कहा है कि 1,000 बेड वाला यह अस्पताल 15 दिनों में बनकर तैयार हो जाएगा।
कोरोना से मुकाबले के लिए सशस्त्र बलों ने भी शुरू की तैयारी
कम्यूनिटी ट्रांसमिशन की स्टेज से मुकाबले के लिए सशस्त्र बलों ने संक्रमितों के उपचार के लिए सेना के 28 अस्पतालों में तैयारी शुरू कर दी है। इसके अलावा सेना की पांच प्रयोगशालाओं में संक्रमण की पुष्टि के लिए जांच शुरू कर दी गई है। इसी तरह उपचार और क्वारंटाइन सुविधा के लिए उपकरणों की खरीद के आपातकालीन वित्तीय अधिकार सेना के कोर और डिवीजनल कमांडरों को दिए गए हैं।
अस्पतालों को दिए वेंटीलेटर और ऑक्सीजन मास्क खरीदने के निर्देश
स्वास्थ्य मंत्रालय ने किसी भी स्थिति से निपटने के लिए देश के सभी अस्पताल और मेडिकल कॉलेजों को पर्याप्त मात्रा में वेंटीलेटरों और ऑक्सीजन मास्कों की खरीद करने के निर्देश दिए हैं। अस्पतालों ने इनकी खरीद भी शुरू कर दी है।
ट्रेनों के वातानुकूलित कोचों में तैयार किए जा रहे हैं आइसोलेशन वार्ड
देश में संक्रमितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार ने ट्रेनों के वातानुकूलित कोचों में आइसोलेशन वार्ड तैयान करना शुरू कर दिया है। रेलवे ने बताया कि एक मॉडल आइसोलेशन का निर्माण होने के बाद सभी रेलवे जोन 10-10 कोचों का आइसोलेशन वार्ड तैयार करेंगे। रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र की भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को वेंटिलेटर बनाने का काम सौंपा गया है। कंपनी ने वेंटीलेटरों का निर्माण युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया है।
चिकित्साकर्मियों के सुरक्षा उपकरण और सैनिटाइजर
सरकार ने DRDO की प्रीमियर डिफेंस रिसर्च लेबोरेटरी को चिकित्सा कर्मियों के लिए सुरक्षा उपकरणों का निर्माण करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा उससे मरीजों की देखभाल में शामिल विभिन्न एजेंसियों को हैंड सैनिटाइजर और फेस मास्क की आपूर्ति भी कराई जा रही है। इसी तरह देश के सभी निजी अस्पतालों में भी सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। इसके अलावा वहां भी क्विज रेसपांस टीमों का भी गठन किया गया है।
AIIMS में गठित की गई टास्क फोर्स
केंद्र सरकार ने कोरोना मरीजों के प्रबंधन के लिए देश के सभी AIIMS अस्पतालों में टास्क फोर्स और कई समितियों का गठन किया है। अस्पतालों में से गैर-जरूरी ऑपरेशन स्थगित कर दिए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि 1,200 वेंटिलेटर के पहले के ऑर्डर के अलावा अब 10,000 नए वेंटिलेटर के लिए ऑर्डर दिया गया है। इनका निर्माण कार्य भी शुरू हो गया है।
मारुति सुजुकी बनाएगी वेंटिलेटर और मास्क
बढ़ते मामलों को देखते हुए देश की बहुत सी कंपनिया वेंटिलेट और मास्क बना रही हैं। इनमे से देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी भी है। मारुति, AgVa हेल्थकेयर के साथ मिलके हर महीने 10,000 वेंटिलेटर तैयार करेगी।
भारत में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति
बता दें कि वर्तमान में भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 918 पहुंच गई है। इसके अलावा चिकित्सा एंव स्वाथ्य मंत्रालय के अनुसार देश में अब तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है। इसी तरह 79 संक्रमितों के स्वस्थ होने पर उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। भारत में कोरोना संक्रमितों की सबसे ज्यादा संख्या महाराष्ट्र में 180, केरल में 173, कर्नाटक में 55, पंजाब में 38 और हरियाणा में 35 पहुंच चुकी है।