
स्थिति का जायजा लेने इसी सप्ताह जम्मू-कश्मीर जाएगा 20 देशों के राजनयिकों का दूसरा दल
क्या है खबर?
भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 का प्रावधान हटाए जाने के बाद वहां की स्थिति का जायजा लेने के लिए यूरोपीय देशों सहित करीब 20 देशों के राजनयिकों का दूसरा दल इसी सप्ताह जम्मू-कश्मीर के दौरे पर जाएगा।
दौरे पर जाने वाले राजनयिक पहले सेना के अधिकारियों से सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी लेंगे और उसके बाद स्थानीय लोगों और पत्रकारों से वहां की स्थिति पर चर्चा करेंगे।
इसके बाद यह प्रतिनिधिमंडल जम्मू में अन्य अधिकारियों के साथ बैठक करेगा।
मामला
कई देशों ने अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में उठाया था जम्मू-कश्मीर का मुद्दा
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने से पहले विवाद और हिंसा से बचने के लिए सरकार ने जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट लॉकडाउन कर दिया था।
कई नेताओं को भी नजरबंद कर लिया गया था। इसको लेकर विरोधी पार्टियों ने विरोध जताया था।
यह मामला विश्व स्तर पर गूंजा तो दुनिया के अन्य देशों ने भी अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में मुद्दा उठाते हुए मामले की जांच की मांग की थी। इसके तहत भारत ने राजनयिकों को दौरा कराने पर विचार किया है।
पिछला दौरा
15 देशों के राजनयिकों ने 9 जनवरी को किया था दौरा
जम्मू-कश्मीर के हालातों की हकीकत जानने के लिए भारत के प्रस्ताव पर बीती 9 जनवरी को 15 देशों के राजनयिकों ने अमेरिका के राजदूत केनेथ जस्टर के साथ जम्मू-कश्मीर का दौरा कर वहां की व्यवस्थाओं का जायजा लिया था।
उस दौरान उन्होंने वहां के हालातों पर खुशी जताई थी। उससे पहले 30 अक्टूबर को यूरोपीय संघ के 23 सांसदों के दल ने भी जम्मू-कश्मीर का दौरा कर वहां की व्यवस्थाओं का जायजा लिया था।
राहत
जम्मू-कश्मीर में बहाल हुई 2G इंटरनेट सुविधा
गत 9 जनवरी को 15 देशों के राजनयिकों के दौरे के बाद 25 जनवरी को सरकार ने पूरे कश्मीर में 2G इंटरनेट सुविधा को चालू कर दिया था। हालांकि वहां अभी भी सोशल मीडिया पर बैन जारी है।
सरकार ने वहां के सामान्य होते हालातों को चलते हिरासत में लिए गए नेताओं को भी धीरे-धीरे रिहा करना शुर कर दिया है।
अब तक नेशनल कांफ्रेंस और पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के 13 से अधिक नेताओं को रिहा किया जा चुका है।
रद्द
यूरोपीय संघ के देशों के प्रतिनिधियों ने रद्द कर दिया था दौरा
गत 9 जनवरी को जम्मू-कश्मीर गए विदेशी राजनयिकों के साथ यूरोपिय संघ के देशों के कई प्रतिनिधियों के भी जाने की योजना थी, लेकिन अंतिम समय पर उन्होंने दौरा रद्द करते हुए किसी अन्य समय दौरा करने की बात कही थी।
ऐसे में इस बार दौरा करने वाले प्रतिनिधि मंडल में यूरोपिय संघ के कई देशों के प्रतिनिधियों के शामिल होने की उम्मीद है। यह दौरा भारत के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
पृष्ठभूमि
जम्मू-कश्मीर से 5 अगस्त को हटाया था अनुच्छेद 370
सरकार ने गत 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाकर राज्य का विभाजन जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो केंद्र शासित क्षेत्रों के रूप में करने का फैसला किया था।
इसको लेकर विपक्षी पार्टियों ने जमकर हंगामा किया था। पाकिस्तान ने अपने सदाबहार दोस्त चीन की मदद से इस मामले को विश्व स्तर पर ले जाने की कोशिश की, लेकिन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद समेत उसे किसी भी मंच पर समर्थन नहीं मिला।