कोरोना वायरस: हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात में 700 प्रतिशत वृद्धि, घरेलू बाजार में बिकीं 22.5 करोड़ गोलियां
क्या है खबर?
कोरोना वायरस महामारी शुरू होने के बाद पिछले तीन महीने में भारत में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) की 22.5 करोड़ से अधिक गोलियां बिकीं। ये आंकड़ा और अधिक हो सकता है क्योंकि अभी इसमें अस्पतालों द्वारा की गई खरीदें शामिल नहीं हैं।
ये आंकड़ा कितना अधिक है, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि पूरे 2019 में 24 करोड़ HCQ गोलियां बिकी थीं।
इसके अलावा मार्च और मई में HCQ के निर्यात में भी 700 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
पृष्ठभूमि
ट्रंप के बयान के बाद बड़ी थी HCQ की मांग
HCQ भारत की एक बेहद पुरानी दवाई है जिसका मलेरिया के इलाज में दशकों से प्रयोग किया जा रहा है। यह गठिया के रोग में भी सहायक सिद्ध हुई है।
कोरोना वायरस महामारी की शुरूआत में अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे 'गेम चेंजर' बताया था जिसके बाद भारत समेत पूरी दुनिया में इसकी मांग बढ़ गई।
कोरोना वायरस के इलाज में इसके फायदे को लेकर शोधों के विपरीत नतीजे आने के कारण ये सबसे "विवादित दवा" बनी हुई है।
घरेलू बाजार
भारत में भी बढ़ी HCQ की खपत
ट्रंप के बयान के बाद भारत में भीHCQ की खपत बढ़ गई और इसी का असर आंकड़ों में देखने को मिला है।
ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स (AIOCD) की मेडिकल रिसर्च विंग AWACS द्वारा इकट्टा किए गए डाटा के अनुसार, मार्च से लेकर अब तक भारत के घरेलू बाजार में 22.5 करोड़ HCQ गोलियां बिकी हैं।
इनमें केमिस्ट, ई-फार्मेसी और सरकार की जन औषधी दुकानों से बिक्री और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा खरीद शामिल है।
आंकड़े
केमिस्ट और ई-फॉर्मेसीज ने बेचीं लगभग 11 करोड़ गोलियां
फरवरी तक ऑनलाइन और ऑफलाइन फार्मेसीज पर HCQ की बिक्री हर महीने दो करोड़ गोलियाों के आसपास थी। लेकिन मार्च में कोरोना वायरस महामारी की शुरूआत के बाद देशभर में इसकी जमाखोरी बढ़ गई और इसके कारण 90 प्रतिशत उछाल के साथ पूरे महीने में 3.8 करोड़ गोलियां बिकीं।
वहीं अप्रैल में 3.4 करोड़ और मई में 3.7 करोड़ गोलियां बिकीं। इस तरीके से केमिस्ट और ई-फार्मेसीज ने तीन महीनों में लगभग 11 करोड़ गोलियां बेचीं।
विदेशी निर्यात
HCQ का विदेशी निर्यात भी 700 प्रतिशत बढ़ा
घरेलू के साथ-साथ विदेशी बाजार में भी HCQ की बिक्री बढ़ी और मार्च से मई के बीच में भारत से इसके निर्यात में 700 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
जनवरी में यहां भारत ने HCQ की 10 लाख डॉलर से कम की गोलियां निर्यात की थीं, वहीं मार्च में ये आंकड़ा लगभग 15 गुना बढ़कर 1.49 करोड़ गोलियां हो गया।
इस दौरान HCQ की गोलियां बनाने में इस्तेमाल होने वाली सक्रिय दवा साम्रगी (API) का निर्यात भी चार गुना बढ़ गया।
सरकारी खरीद
सरकार ने खरीदीं 11 करोड़ गोलियां, 50 लाख बेचीं
इसके अलावा प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के तहत केंद्र सरकार ने भी मार्च और अप्रैल में HCQ की 50 लाख गोलियां बेचीं। सरकार ने अप्रैल के बाद के आंकड़े जारी नहीं किए हैं, हालांकि अप्रैल में जन औषधि आउटलेट्स ने कंपनियों से अतिरिक्त एक करोड़ गोलियां खरीदीं।
इसी तरह अप्रैल में ही स्वास्थ्य मंत्रालय ने दो कंपनियों से HCQ की 10 करोड़ गोलियां खरीदीं।
इस तरीके से सरकारी एजेंसियों का कुल जोड़ 11.5 करोड़ गोलियों का होता है।