कोरोना वायरस: स्वास्थ्य मंत्रालय के दस्तावेज से खुलासा, भारत में शुरू हुआ लिमिटेड कम्युनिटी ट्रांसमिशन
भारत में कोरोना वायरस का लिमिटेड कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरू हो गया है। स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) से संबंधित स्वास्थ्य मंत्रालय के एक दस्तावेज से ये बात सामने आई है। रविवार रात जारी किए गए इस दस्तावेज में लिखा है, 'भारत में COVID-19 महामारी के मौजूदा दौर (लोकल ट्रांसमिशन और लिमिटेड कम्युनिटी ट्रांसमिशन) के लिए यह SOP लागू होगी जिसमें योजना के तहत सभी संदिग्ध मामलों को आइसोलेशन में रखा जाएगा।' सरकार कम्युनिटी ट्रांसमिशन की बात से इनकार करती रही है।
चार चरणों में फैलती है कोई भी बीमारी
किसी भी बीमारी के चार चरण होते हैं। पहले चरण में संक्रमण के मामले विदेश से आते हैं और कोई भी स्थानीय मामला नहीं होता। दूसरे चरण में लोकल ट्रांसमिशन यानि विदेश से आने वाले संक्रमित लोगों के संपर्क में आने वाले लोगों को संक्रमण के मामले सामने आते हैं। तीसरा चरण कम्युनिटी ट्रांसमिशन होता है जिसमें लोगों में तेजी से वायरस फैलने लगता है। चौथा चरण महामारी होता है जिसमें लोग बड़ी संख्या में मरने लगते हैं।
कम्युनिटी ट्रांसमिशन के दौरान संक्रमण का स्त्रोत पता लगा पाना होता है नामुमकिन
कम्युनिटी ट्रांसमिशन के दौरान किसी व्यक्ति को संक्रमण कैसे हुआ, इसका पता लगाना नामुमकिन होता है। जो लोग विदेश नहीं गए या संक्रमित लोगों के संपर्क में नहीं आए, उनको भी संक्रमण होने लगता है। इससे संकेत मिलता है कि ऐसे कई संक्रमित लोग घूम रहे हैं जिनकी पहचान नहीं हो पाई है और वे दूसरे लोगों में वायरस फैला रहे हैं। इस चरण में मामले कई गुना तेजी से बढ़ते हैं और महामारी का रूप ले सकते हैं।
कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरू न होने की बात कहती रही है सरकार
केंद्र सरकार और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) दोनों ही कहते रहे हैं कि भारत में अभी तक कोरोना वायरस का कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरू नहीं हुआ है और देश अभी भी दूसरे चरण में है। हालांकि कुछ ऐसे मामले भी सामने आए हैं जिनमें संक्रमण कैसे हुआ, ये पता लगा पाना नामुमकिन है, लेकिन इसके बावजूद सरकार और ICMR अपनी बात पर टिके रहे हैं। उनका कहना है कि कम्युनिटी ट्रांसमिशन के पक्ष में ठोस सबूत नहीं है।
यह अब अपरिवर्तनीय- स्वास्थ्य विशेषज्ञ
स्वास्थ्य मंत्रालय के दस्तावेज पर एक वरिष्ठ सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने गोपनीयता की शर्त पर 'हिंदुस्तान टाइम्स' को बताया, "आधा दर्जन राज्यों की कई जगहों पर पहले से ही कम्युनिटी ट्रांसमिशन हो रहा था, लेकिन अब ऐसे लोगों की संख्या बढ़ रही है जिनके संक्रमण के कारण का पता नहीं लगाया जा सकता, जो इस बात का संकेत है कि कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरू हो चुका है। यह अब अपरिवर्तनीय है।"
विशेषज्ञों की राय- पहले ही शुरू हो चुका है कम्युनिटी ट्रांसमिशन
इस बीच कई चिकित्सा विशेषज्ञ और डॉक्टर भारत में कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरू होने की बात कहते रहे हैं और उनका कहना है कि सरकार पर्याप्त टेस्ट नहीं कर रही, इसलिए कम्युनिटी ट्रांसमिशन के मामले सामने नहीं आ रहे।
"मध्य फरवरी में ही शुरू हो गया था कम्युनिटी ट्रांसमिशन"
वेल्लोर के क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज की क्लिनिकल वायरोलॉजी और माइक्रो-बॉयोलॉजी विभाग के अध्यक्ष टी जैकब जॉन के अनुसार भारत में कोरोना वायरस का कम्युनिटी ट्रांसमिशन मध्य फरवरी में ही शुरू हो चुका है। उन्होंने कहा, "बाल की खाल निकालने की बजाय हमें वायरस से तीन कदम आगे की तैयारी करके चलना होगा। ये चोर-पुलिस का खेल नहीं है। हमें वायरस के फैलने का इंतजार नहीं करना चाहिए बल्कि पहले से योजना बना वायरस को मात देनी चाहिए।"
भारत में 1071 संक्रमित, 29 की मौत
बता दें कि पिछले चार दिनों में भारत में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी देखने को मिली है और अब तक 1071 लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं। 29 लोगों को इसके कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है। महाराष्ट्र में सबसे अधिक आठ लोगों की मौत हुई है जबकि गुजरात में पांच और कर्नाटक में तीन लोगों को इसके कारण जान गंवानी पड़ी है। सबसे अधिक 193 मामले भी महाराष्ट्र में सामने आए हैं।