हाई कोर्ट जज ने पालतू कुत्ते की मौत पर दिल्ली पुलिस को लिखा पत्र, जानें मामला
दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस गौरांग कंठ का एक पत्र सोशल मीडिया पर सामने आया है। वर्तमान में कलकत्ता हाई कोर्ट के जज जस्टिस कंठ ने दिल्ली पुलिस के संयुक्त पुलिस आयुक्त (JCP) को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि उनके बंगले पर तैनात पुलिसकमियों की लापरवाही के कारण उनके पालतू कुत्ते की मौत हो गई। जज ने अपने पत्र में आरोपी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करने की मांग भी की है।
जज ने अपने पत्र में क्या लिखा?
जज ने अपने पत्र में लिखा था, "मैं यह पत्र बहुत पीड़ा और वेदना के साथ लिख रहा हूं। मेरे सरकारी बंगले पर सुरक्षा प्रदान करने वाले पुलिस अधिकारियों की निष्ठा की कमी और अक्षमता के कारण मैंने अपना पालतू कुत्ता खो दिया।" उन्होंने आगे लिखा, "बार-बार दरवाजा बंद रखने के लिए कहने के बावजूद मेरे आवास पर तैनात सुरक्षाकर्मी मेरे निर्देशों का पालन करने और अपने पेशेवर कर्तव्य को निभाने में विफल रहे हैं।"
जज ने की पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग
जज ने आगे लिखा, "सुरक्षाकर्मियों की लापरवाही के कारण मेरे आवास पर कोई अप्रिय घटना हो सकती है और मुझे अपनी सुरक्षा को लेकर डर है। मेरे आवास के प्रवेश द्वार पर निगरानी न रखना और प्रवेश तथा निकास पर नजर रखने में समर्पण की कमी असहनीय है। मैं आपसे अनुरोध करूंगा कि उन अधिकारियों को तुरंत निलंबित करें। जज ने 12 जून को लिखे अपने पत्र में दिल्ली पुलिस ने 3 हफ्ते के दौरान रिपोर्ट भी तलब की थी।
जजों के विशेषाधिकार को लेकर बोले थे CJI
जस्टिस कंठ का यह पत्र ऐसे समय में सामने आया है, जब भारत मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस डीवाई चंद्रचूड ने देश के सभी जजों को कहा नसीहत देते हुए कहा था कि प्रोटोकॉल के तहत मिलने वाली सुविधा पर जजों का विशेषाधिकार नहीं है। CJI ने आगे कहा था कि जजों को उन्हें मिलने सुविधाओं का इस्तेमाल इस तरह करना चाहिए, जिससे दूसरे लोगों को तकलीफ नहीं उठानी पड़े।
हाई कोर्ट के अन्य जज ने रेल यात्रा को लेकर लिखा था पत्र
बता दें कि 14 जुलाई को इलाहाबाद हाई कोर्ट के एक जज ने रजिस्ट्रार को प्रोटोकॉल के तहत भारतीय रेलवे की ओर से जलपान समेत अन्य सुविधाएं न मिलने पर पत्र लिखा था। इस पत्र में रजिस्ट्रार ने रेलवे के क्षेत्रीय रेलवे प्रबंधक से स्पष्टीकरण मांगा गया था, जिसमें लिखा गया था कि इस घटना से हाई कोर्ट के न्यायाधीश को बड़ी असुविधा हुई है। CJI ने इसी मामले को लेकर नाराजगी जताई थी।