
पहलवानों को अब जंतर-मंतर पर प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जाएगी- दिल्ली पुलिस
क्या है खबर?
पहलवानों को अब दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। दिल्ली पुलिस का कहना है कि रविवार को पहलवानों ने नए संसद भवन की ओर जबरन मार्च कर कानून तोड़ा है, जिसके चलते उन्हें अब जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं है।
इसके अलावा पहलवानों के खिलाफ पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट और धक्का-मुक्की के आरोपों में एक FIR भी दर्ज की गई है। पहलवानों ने इन आरोपों से इनकार किया है।
ट्वीट
दिल्ली पुलिस ने क्या कहा?
दिल्ली पुलिस ने अपने ट्वीट में कहा, 'कुश्ती पहलवानों का धरना और प्रदर्शन निर्बाध तरीके से जंतर-मंतर पर चल रहा था। कल प्रदर्शकारियों ने तमाम आग्रह और अनुरोध के बावजूद कानून का उन्मादी रूप से उल्लंघन किया, इसलिए चल रहे धरने को समाप्त कर दिया गया है। यदि कुश्ती पहलवान भविष्य में दोबारा धरना-प्रदर्शन की अनुमति की अर्जी लगाते हैं तो उन्हें जंतर-मंतर के अलावा अन्य उपयुक्त और सूचित स्थानों में से किसी जगह अनुमति दी जाएगी।'
महापंचायत
महिला महापंचायत का किया था ऐलान
रविवार को नई संसद के सामने पहलवानों ने महिला महापंचायत बुलाई थी, जिसमें शामिल होने के लिए पहलवानों ने मार्च निकाला। दिल्ली पुलिस द्वारा इस महापंचायत की अनुमति नहीं दी गई थी। इस मार्च के दौरान पुलिसकर्मियों और पहलवानों के बीच खूब धक्का मुक्की हुई और बैरिकेड्स भी तोड़े गए।
इसके बाद पुलिस ने विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया समेत कई पहलवानों को हिरासत में लिया गया।
हालांकि, बाद में सभी पहलवानों को रिहा कर दिया गया।
FIR
पहलवानों के खिलाफ FIR में क्या आरोप हैं?
FIR के मुताबिक, पुलिसकर्मियों द्वारा रोके जाने के बावजूद पहलवान 2 बैरिकेड्स तोड़कर तीसरे बैरिकेड के पास पहुंचे थे, जहां उन्हें रोका दिया गया। पुलिस ने पहलवानों पर दंगा करने, अवैध रूप से एकत्र होने और लोक सेवकों को उनकी ड्यूटी करने से रोकने का आरोप लगाया है।
इस FIR में विनेश, साक्षी और पूनिया सहित विरोध-प्रदर्शन में भाग लेने वाले 12 पहलवानों को नामजद किया गया है।
मामला
23 अप्रैल से धरने पर बैठे थे पहलवान
दिल्ली के जंतर-मंतर पर 23 अप्रैल से पहलवान भारतीय कुश्ती संघ (WFI) अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरने पर बैठे थे। उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हो चुका है।
पहलवानों का कहना था कि जब तक बृजभूषण को गिरफ्तार कर जेल नहीं भेजा जाएगा, तब तक उनका धरना जारी रहेगा।
मामले की शुरुआत जनवरी में हुई थी। तब कई महिला पहलवानों ने बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न और उन्हें परेशान करने के गंभीर आरोप लगाए थे।