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रेप पीड़िता की कुंडली जांचने के इलाहबाद हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक
सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसमें रेप पीड़िता की कुंडली को ज्योतिष विभाग से जांच करने को कहा गया था

रेप पीड़िता की कुंडली जांचने के इलाहबाद हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

लेखन आबिद खान
Jun 03, 2023
05:40 pm

क्या है खबर?

इलाहाबाद हाई कोर्ट की ओर से रेप पीड़िता की कुंडली को ज्योतिष विभाग से जांचने के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। कोर्ट ने इलाहबाद हाई कोर्ट के आदेश को परेशान करने वाला बताया। सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुई मामले की विशेष सुनवाई की और सभी पक्षकारों को नोटिस जारी किया। कोर्ट ने हाई कोर्ट को मेरिट के आधार पर सुनवाई करने का आदेश दिया है। आइये पूरी खबर जानते हैं।

मामला

क्या है मामला?

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के चिनहट थाने में 15 जून, 2022 को एक लड़की ने रेप की FIR दर्ज कराई थी। इसमें कहा गया था कि लड़की की सगाई पंजाब के गोविंद राय से हुई थी। इस बीच लड़की के पिता का निधन होने पर गोविंद लड़की के घर आया। FIR के मुताबिक, इस दौरान गोविंद ने जबरन लड़की के साथ 4 दिन तक शारीरिक संबंध बनाए और बाद में शादी करने से इनकार कर दिया।

मांगलिक

शादी न करने के पीछे लड़की के मांगलिक होने का दिया हवाला

FIR दर्ज होने के बाद पुलिस ने गोविंद को जेल भेज दिया। बाद में गोविंद ने वकीलों के माध्यम से हाई कोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दाखिल की। इसमें कहा गया कि लड़की मांगलिक है इस वजह से उससे शादी नहीं हो सकती। लड़की के वकीलों ने कोर्ट में कहा कि पीड़िता मांगलिक नहीं है और आरोपी ने उसके साथ शादी का झांसा देकर जबरन यौन संबंध बनाए हैं।

कुंडली

हाई कोर्ट ने दिया लड़की की कुंडली जांचने का आदेश

हाई कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 23 मई, 2023 को लखनऊ विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के हेड को आदेश दिया कि वे कुंडली की जांच कर पता लगाए लड़की मांगलिक है या नहीं। कोर्ट ने इसकी रिपोर्ट 10 दिन के भीतर एक सीलबंद लिफाफे में जज के समक्ष पेश करने का भी निर्देश दिया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए आदेश पर रोक लगा दी।

निजता

सुप्रीम कोर्ट ने कहा- निजता का अधिकार भंग किया गया

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इलाहबाद हाई कोर्ट के आदेश से पीड़िता के निजता के अधिकार को भंग कर दिया गया है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, "इस आदेश पर रोक लगाई जाए। सवाल यह नहीं है कि क्या मांगलिक तय किया जा सकता है या नहीं और ज्योतिष भी एक विज्ञान है। सवाल यह है कि क्या कोर्ट ऐसे आदेश दे सकता है। हमें समझ नहीं आया कि हाई कोर्ट मामले में ज्योतिष में क्यों घुसा।"