पहलवानों का ऐलान- आज गंगा में बहाएंगे अपने मेडल, इंडिया गेट पर करेंगे आमरण अनशन
दिल्ली पुलिस ने पहलवानों को जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन करने अनुमति नहीं दी है। ऐसे में मंगलवार को पहलवानों ने ऐलान किया है कि वह इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठेंगे और आज हरिद्वार जाकर अपने मेडल गंगा में प्रवाहित कर देंगे। इससे पहले 28 मई को जंतर-मंतर से नए संसद भवन की ओर मार्च करने के दौरान पुलिसकर्मियों और पहलवानों के बीच धक्का-मुक्की हुई थी। इसके बाद पुलिस ने जंतर-मंतर से पहलवानों के धरने को हटा दिया था।
पहलवानों ने देश के नाम लिखा पत्र
पहलवानों ने देश के नाम अपने पत्र में लिखा, "28 मई को दिल्ली में जो हुआ, वह सबने देखा। पुलिस ने हम लोगों के साथ क्या व्यवहार किया, हमें कितनी बर्बरता से गिरफ्तार किया। हम शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे। हमारी आंदोलन की जगह को पुलिस ने तहस-नहस करके हमसे छीन लिया और अगले दिन गंभीर मामलों में हमारे ऊपर FIR दर्ज की गई। क्या महिला पहलवानों ने अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न के लिए न्याय मांगकर अपराध किया है?"
देश में हमारा कुछ नहीं बचा- पहलवान
पहलवानों ने पत्र में आरोप लगाया कि पुलिस और तंत्र उनके साथ अपराधियों जैसा व्यवहार कर रहा है। उन्होंने लिखा, "महिला पहलवान अंदर से महसूस कर रही हैं कि देश में हमारा कुछ नहीं बचा है। हम वो पल याद आ रहे हैं जब हमने ओलंपिक और वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीते थे। क्या इसलिए मेडल जीते थे कि तंत्र हमारे साथ ऐसा घटिया व्यवहार करे? हमें सड़कों पर घसीटे और फिर हमें ही अपराधी बना दे।"
"हमारे गले में सजे मेडलों का कोई मतलब नहीं रह गया"
पहलवानों ने पत्र में लिखा, "कल पूरा दिन महिला पहलवान खेतों में छिपती रही। तंत्र को उत्पीड़क को पकड़ता चाहिए था, लेकिन वह पीड़ित महिलाओं का धरना खत्म करवाने, उन्हें तोड़ने और डराने में लगा हुआ है।" उन्होंने लिखा, "अब लग रहा है कि हमारे गले में सजे मेडलों का कोई मतलब नहीं रह गया है। इनको लौटाने की सोचने भर से हमें मौत लग रही थी, लेकिन अपने आत्मसम्मान के साथ समझौता करके भी क्या जीना।"
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने भी नहीं ली हमारी सुध- पहलवान
पहलवानों ने कहा, "वह मेडल किसे लौटाते? हमारी राष्ट्रपति, जो खुद एक महिला हैं, वह भी इस पूरे मामले को चुप बैठी देखती रहीं, लेकिन कुछ बोली नहीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो हमें अपने घर की बेटियां बताते हैं, उन्होंने भी हमारी कोई सुध नहीं ली।" उनका आरोप है कि नई संसद भवन के उद्घाटन में उत्पीड़क को आमंत्रित किया गया और वह सफेद चमकदार कपड़ों में फोटो खिंचवाकर उन्हें चिढ़ा रहा था कि वो ही तंत्र है।
पहलवान आज शाम 6 बजे गंगा में प्रवाहित करेंगे मेडल
पहलवानों ने अपने लिखे पत्र में ऐलान किया है कि वह आज शाम 6 बजे हरिद्वार में अपने मेडल गंगा में बहा देंगे। उन्होंने लिखा, "मेडल हमारी जान और आत्मा हैं। इनके गंगा में बह जाने के बाद हमारे जीने का कोई मतलब नहीं रह जाएगा, इसलिए हम इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे। इंडिया गेट हमारे उन शहीदों की जगह है, जिन्होंने देश के लिए अपनी देह त्याग दी। हम इस महान देश के हमेशा आभारी रहेंगे।"
पहलवानों पर पुलिस ने क्या आरोप लगाए हैं?
FIR के मुताबिक, रविवार को मार्च के दौरान पुलिसकर्मियों द्वारा रोके जाने के बावजूद पहलवान 2 बैरिकेड्स तोड़कर तीसरे बैरिकेड के पास पहुंचे थे, जहां उन्हें रोका दिया गया। पुलिस ने पहलवानों पर दंगा करने, अवैध रूप से एकत्र होने और लोक सेवकों को उनकी ड्यूटी करने से रोकने का आरोप लगाया है। इस FIR में विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया सहित विरोध-प्रदर्शन में भाग लेने वाले 12 पहलवानों को नामजद किया गया है।
23 अप्रैल से धरने पर बैठे थे पहलवान
दिल्ली के जंतर-मंतर पर 23 अप्रैल से पहलवान भारतीय कुश्ती संघ (WFI) अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरने पर बैठे थे। उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हो चुका है। पहलवानों का कहना था कि जब तक बृजभूषण को गिरफ्तार कर जेल नहीं भेजा जाएगा, तब तक उनका धरना जारी रहेगा। मामले की शुरुआत जनवरी में हुई थी। तब कई महिला पहलवानों ने बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न और उन्हें परेशान करने के गंभीर आरोप लगाए थे।