कोरोना: साल की तीसरी तिमाही में फाइजर की पांच करोड़ खुराकें खरीद सकती है सरकार
क्या है खबर?
अमेरिकी फार्मा कंपनी फाइजर इस साल की तीसरी तिमाही में भारत को कोरोना वैक्सीन की पांच करोड़ खुराकें बेच सकती है।
बताया जा रहा है कि इसके लिए सरकार और कंपनी के उच्च अधिकारी लगातार बातचीत कर रहे हैं और अभी तक की चर्चा सफल रही है।
फाइजर की वैक्सीन तुलनात्मक रूप से महंगी है और बताया जा रहा है कि सरकार इसे केवल वैक्सीनेशन अभियान में इस्तेमाल करने के लिए खरीदेगी। बाजार में यह उपलब्ध नहीं होगी।
बातचीत
कानूनी पचड़ों से सुरक्षा चाहती है फाइजर
TOI की रिपोर्ट के अनुासार, सरकार और कंपनी के उच्च अधिकारियों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है।
अभी तक की बातचीत में यह बाधा आ रही है कि फाइजर खुद को कानूनी पचड़ों से बचाना चाहती है। कंपनी का कहना है कि अगर उसकी वैक्सीन से कोई साइड इफेक्ट्स होते हैं तो उस पर कानूनी कार्रवाई न की जाए।
बताया जा रहा है कि इस मुद्दे पर अभी तक पेंच फंसा हुआ है।
वैक्सीन आपूर्ति
कई कंपनियों के संपर्क में है सरकार
इससे पहले खबरें आई थीं कि सरकार वैक्सीन आपूर्ति के लिए फाइजर, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन जैसी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के साथ बातचीत कर रही है और उसे टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की भी उम्मीद है।
भारत की कोरोना टास्क फोर्स के प्रमुख डॉ वीके पॉल ने कहा था कि सरकार ने औपचारिक तौर पर फाइजर, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन से भारत में वैक्सीन उपलब्ध कराने के लिए संपर्क किया है और उनको अलग-अलग तरीकों से मदद की पेशकश की है।
वैक्सीन की कमी
रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है वैक्सीनेशन अभियान
दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन उत्पादक देश होने के बावजूद भारत इन दिनों वैक्सीन की भारी कमी का सामना कर रहा है।
इसके चलते वैक्सीनेशन अभियान रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है। कई राज्यों ने वैक्सीन की कमी के चलते 18-44 साल वालों के लिए वैक्सीनेशन रोक दिया है।
घरेलू कंपनियों द्वारा मांग पूरी न किए जाने पर उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र सरकार ने विदेशी कंपनियों से वैक्सीन लेने के लिए निविदाएं आमंत्रित की हैं।
कोरोना वायरस
यूरोप से आ सकती है फाइजर की वैक्सीन
अमेरिका में स्थित फाइजर और मॉडर्ना के वैक्सीन उत्पादन संयंत्रों को वहां की जरूरत पूरा करने से पहले वैक्सीन निर्यात करने की इजाजत नहीं है।
ऐसी स्थिति में अगर सरकार और फाइजर के बीच वैक्सीन आपूर्ति को लेकर समझौता होता है तो माना जा रहा है कि यूरोपीय संयंत्रों से भारत में वैक्सीन की खुराकें भेजी जाएंगी।
भारत को उम्मीद है कि अगस्त महीने तक देश में कोरोना वायरस वैक्सीन आपूर्ति की स्थिति सामान्य हो जाएगी।
कोरोना वायरस वैक्सीन
"अगस्त-दिसंबर के बीच उपलब्ध होगी 216 करोड़ खुराकें"
डॉ पॉल ने कहा कि अधिक वैक्सीन उपलब्ध कराने के लिए हर स्तर पर काम हो रहा है। देश में अगस्त-दिसंबर तक वैक्सीन की 216 करोड़ खुराकें उपलब्ध होने की उम्मीद है।
इनमें कोवैक्सिन की 55 करोड़, कोविशील्ड 75 करोड़, बायो ई सब यूनिट वैक्सीन की 30 करोड़, जायडस कैडिला की पांच करोड़, नोवावैक्स की 20 करोड़, भारत बायोटेक की नेजल वैक्सीन की 10 करोड़, जिनोवा की छह करोड़ और स्पूतनिक-V की 15 करोड़ खुराकें उपलब्ध होंगी।
जानकारी
वैक्सीनेशन अभियान की क्या स्थिति?
देश में चल रहे दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन अभियान की बात करें तो अब तक वैक्सीन की 18,04,57,579 खुराकें लगाई जा चुकी हैं। बीते दिन 11,03,625 खुराकें लगाई गईं। वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार बड़ी चिंता का विषय बनी हुई है।