अधिक पॉजिटिविटी रेट वाले जिलों में छह-आठ हफ्ते के लॉकडाउन की जरूरत- ICMR प्रमुख
क्या है खबर?
देश की शीर्ष स्वास्थ्य संस्था भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के प्रमुक डॉ बलराम भार्गव ने कहा है कि जिन जिलों में बड़ी संख्या में कोरोना वायरस के मामले सामने आए रहे हैं, उन्हें अभी छह से आठ हफ्ते और बंद रखने की जरूरत है।
अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि जिन जिलों में टेस्ट पॉजिटिविटी रेट 10 प्रतिशत से अधिक है, उनमें छह-आठ हफ्ते तक लॉकडाउन बना रहना चाहिए।
इंटरव्यू
लॉकडाउन हटाने से पहले पॉजिटिविटी रेट 10 प्रतिशत से नीचे आना जरूरी- डॉ भार्गव
इंटरव्यू में डॉ भार्गव ने कहा, "अधिक पॉजिटिविटी रेट वाले जिलों को बंद रखना चाहिए। अगर वहां पॉजिटिविटी रेट 5 प्रतिशत से 10 प्रतिशत के बीच आती है तो हम उन्हें खोल सकते हैं, लेकिन पहले ऐसा होना चाहिए। ऐसा अगले छह-आठ हफ्ते नहीं होगा।"
17 प्रतिशत पॉजिटिविटी रेट वाली दिल्ली का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि अगर कल दिल्ली को खोल दिया जाए तो इससे बड़ी आपदा आ जाएगी।
डाटा
दो-तिहाई जिलों में पॉजिटिविटी रेट 10 प्रतिशत से अधिक
गौरतलब है कि अभी देश के 718 जिलों में से लगभग दो-तिहाई यानि 533 जिलों में टेस्ट पॉजिटिविटी रेट 10 प्रतिशत से अधिक है। इसलिए डॉ भार्गव के फॉर्मूले को स्वीकार करने का मतलब है दो-तिहाई देश में छह-आठ हफ्ते तक लॉकडाउन लगाए रखना।
सरकार की गलती
डॉ भार्गव ने स्वीकारा, संकट का जवाब देने में हुई थोड़ी देरी
अपने इंटरव्यू में डॉ भार्गव ने केंद्र सरकार की आलोचना तो नहीं की, लेकिन यह जरूर स्वीकार किया कि संकट का जवाब देने में देरी हुई। उन्होंने कहा, "एकमात्र असंतुष्टि जो हमें थी, वह यह कि 10 प्रतिशत की सिफारिश को स्वीकार करने में देरी हुई। लेकिन अंत में ऐसा किया गया।"
उन्होंने बताया कि 15 अप्रैल को कोविड-19 राष्ट्रीय टास्क फोर्स ने सरकार से 10 प्रतिशत से अधिक पॉजिटिविटी रेट वाले जिलों में लॉकडाउन लगाने की सिफारिश की थी।
बयान
सरकार और ICMR में कोई मतभेद नहीं
सरकार और ICMR के बीच कोई मतभेद होने से इनकार करते हुए डॉ भार्गव ने कहा कि ICMR में कोई असंतोष नहीं है और एजेंसी और नीति निर्माता दोनों की सोच एक है। उन्होंने कहा कि बड़ी सभाएं स्वीकार नहीं की जानी चाहिए।
सरकार का रूख
राष्ट्रीय लॉकडाउन लगाने से पीछे हटती रही है केंद्र सरकार
बता दें कि डॉ भार्गव से पहले AIIMS प्रमुख डॉ रणदीप गुलेरिया भी देशभर में लॉकडाउन लगाने की सिफारिश कर चुके हैं।
हालांकि केंद्र सरकार का इस पर अलग रुख है और अब तक सरकार राष्ट्रीय स्तर पर लॉकडाउन लगाने से बचती रही है। उसने इसकी जिम्मेदारी राज्यों पर डाल दी है।
इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी राज्यों से लॉकडाउन को अंतिम हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने की बात कह चुके हैं।
कोरोना का कहर
देश में क्या है महामारी की स्थिति?
देश में बीते दिन कोरोना वायरस से संक्रमण के 3,48,421 नए मामले सामने आए और 4,205 मरीजों की मौत हुई। लगातार तीसरे दिन दैनिक मामलों में कमी देखी गई है।
इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 2,33,40,938 हो गई है। इनमें से 2,54,197 लोगों को इस खतरनाक वायरस के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है।
सक्रिय मामलों की संख्या लगातार दूसरे दिन कम होकर 37,04,099 हो गई है।